बंगाल में हिंदी भाषियों के खिलाफ माहौल बनाने में लगा संगठन, भाजपा का आरोप इसके पीछे टीएमसी की साजिश

सिलीगुड़ी: एक और यहां पश्चिम बंगाल राज्य सरकार हिंदी भाषाओं का महापर्व छठ को लेकर सभी प्रकार की सुविधा देने की घोषणा के साथ कार्रवाई कर रही है वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में इन दिनों बांग्ला पक्खो’ के अध्यक्ष गार्गा चटर्जी ने बांग्ला पक्खो’ के नाम से एक संगठन तैयार किया है जो संगठन राज्य में सर्वत्र ‘जय बांग्ला’ की लहर पैदा कर रहा है, जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। गैर बंगालियों विशेषकर हिंदी भाषियों के विरुद्ध पोस्टरबाजी की जा रही है, जय बांग्ला… जय बांग्ला…’, मतलब, बंगाल की जय हो, बंगाल की जय हो। आस्था के महापर्व छठ के पावन अवसर पर भी यह संगठन हिंदी भाषियों के विरुद्ध एक बार फिर से मैदान में उतर गया है इस बार यह संगठन हिंदी भाषियों के सबसे बड़े त्यौहार छठ पूजा को लेकर एक ऐसा सवाल खड़ा कर मैदान में उतर चूका है जिससे बंगाल में रह रहे हिंदी भाषी समाज ही नहीं बल्कि पुरे देश में रह रहे हिंदी भाषी इस संगठन के खिलाफ गुस्से से आग बबूला हो चुके हैं। इसी बीच पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य स्तरीय नेता सह आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने भी इस संगठन पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि बंगाल में रवीन्द्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, विधासागर और नजरूल जैसे बड़े-बड़े लोग किसी को भी छठ पर्व से कभी दिक्कत नहीं आई, सभी ने छठ को सम्मान दिया, लेकिन वर्तमान की तृणमूल (TMC) सरकार को छठ करने वालों से बड़ी दिक्कत आ रही है इसलिए वो खुद तो दिखा रहे हैं की हम सभी के साथ हैं लेकिन अपने सहयोगी संगठनो से मिलकर छठ पर्व का विरोध करवा रही है। इस बात का ध्यान सभी हिंदी भाषियों को रखना होगा। लोकसभा चुनाव में मिलेगा जवाब: पूर्व मेयर का कहना है कि भाईचारे को समाप्त कर तृणमूल कांग्रेस लोगों में वैमनस्य फैलाना चाहती है, बंगाली अस्मिता का खतरा दिखा कर लोगों में फूट डालना चाह रही है, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है। भाषाई विभेद का यह कचरा कुछ लोगों के मन में फैला हुआ, लेकिन बंगाल की जनता सब समझ रही है। इसका माकूल उत्तर तृणमूल कांग्रेस को 2024 लोकसभा चुनाव में जनता दे देगी।
गार्गा चटर्जी ने शिकायत पत्र में क्या कहा ?
गार्गा चटर्जी ने राज्य सरकार से लेकर पुलिस और जिला प्रशासन को एक शिकायत पत्र दिया है, पत्र में उन्होंने छठ पूजा के नाम पर गंगा घाटों, नदियों व तालाबों को दूषित करने का आरोप लगाया है। साथ में उन्होंने अपने शिकायत पत्र में यह भी लिखा है कि छठ पूजा के समय जो भोजपुरी या फिर अन्य भाषाओं में गाने बजते हैं, उससे भी ध्वनि प्रदूषण होता है इसलिए वह भी बंगाल में पूरी तरह से बंद होना चाहिए और इसको रोकने के लिए गंगा व नदियों सहित तालाबों के किनारे सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए, वहां नो एंट्री का एक बोर्ड भी लगाना चाहिए। उन्होंने अन्य राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि बंगाल छोड़कर हर जगह लोग छठ का पर्व अपने घर की छत या फिर घर के आंगन में मनाते हैं पर बंगाल ही एक ऐसी जगह है जहां छठ के नाम पर हर जगह गंदगी फैलाने का काम हो रहा है।हालांकि टीएमसी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है।रिपोर्ट अशोक झा

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