सीएससी कप्तानगंज पर लिपिक का ट्रांसफर होने पर हंगामा सीएमओ दिए जांच केआदेश कहा अनुशासनहीनता करने वाले कर्मचारियों पर होगी कोईवाई
सीएससी कप्तानगंज पर लिपिक का ट्रांसफर होने पर हंगामा सीएमओ दिए जांच केआदेश कहा अनुशासनहीनता करने वाले कर्मचारियों पर होगी कोईवाई
उप्र बस्ती जिले में सीएससी कप्तानगंज पर तैनात रहे लिपिक स्थानांतरण की सूचना पर शनिवार को सीएससी पहुंच कर जमकर हंगामा किया। इस दौरान गाली गलौज का विरोध करने पर अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी से मारपीट तक हो गई। हंगामे की खबर मुख्यालय तक पहुंची तो पहले एसीएमओ, फिर सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा अस्पताल पहुंचे। सीएमओ ने लिपिक और बीएचडब्ल्यू से बातचीत की। दोनो ने अपना-अपना पक्ष रखा।मारपीट के दौरान दोनों कर्मचारियों के चेहरे पर नाखून के निशान भी मिले। सीएमओ ने एमओआईसी से मामले की रिपोर्ट तलब की है। सीएमओ ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जायेगी। सीएससी कप्तानगंज पर तैनात लिपिक अनूप बरनवाल की कर्मचारियों ने शिकायत किया था। तीन दिन पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती डॉ. आरपी मिश्रा ने लिपिक अनूप बरनवाल का स्थानांतरण कर दिया।बताया जाता है कि स्थानांतरण की सूचना के बाद लिपिक अनूप बरनवाल दो दिन दिन से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। शनिवार की सुबह सीएचसी कप्तानगंज पहुंचे। बताया जाता है कि कुछ कर्मचारियों के विरोध के चलते बौखलाए लिपिक अनूप बरनवाल सीएचसी कप्तानगंज पहुंचते ही अपशब्द कहने लगे। दोपहर 12 बजे के करीब सीएचसी पर तैनात एक बीएचडब्ल्यू आलोक पांडेय ने लिपिक के अपशब्द का विरोध किया तो मामला हाथापाई तक पहुंच गया। देखते ही देखते मामला मारपीट में तब्दील हो गया।अस्पताल में मौजूद लोगों ने बीच-बचाव किया। अस्पताल में मारपीट की सूचना उच्चाधिकारियों की हुई तो पहले डिप्टी सीएमओ डॉ. एएन त्रिगुन और फिर सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा सीएचसी कप्तानगंज पहुंचे। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार वर्मा से जानकारी हासिल की और दोनों कर्मचारियों से भी विवाद की स्थिति को जाना। सीएमओ ने कुछ अन्य कर्मचारियों से भी घटना के बारे में जानकारी लिया। कर्मचारियों ने बाबू के मनमानी की शिकायत की और कहा कि सुबह से ही बाबू स्थानांतरण से नाराज होकर कर्मचारियों को अपशब्द कह रहे हैं।सीएमओ ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी कप्तानगंज डॉ. रविंद्र कुमार वर्मा से विवाद की एक रिपोर्ट मांगा और कहा कि अनुशासनहीनता करने वाले कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।