लोकसभा चुनाव पूर्व बंगाल में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चालू

– ममता की खुली चुनौती से टीएमसी भाजपा आमने सामने
कोलकाता: एक बार फिर ममता बनर्जी ने वैसे ही आक्रामक तेवर का संकेत दिया है – ये 2024 के चुनाव में आने वाले तूफान का इशारा नहीं तो क्या है? चुनावों की आहट नेताओं में जोश भर देती है। जोश भी इतना हाई कि अपना सब कुछ सही नजर आता है, और राजनीतिक विरोधियों का हर एक्ट गलत लगने लगता है – ममता बनर्जी का राजनीति तेवर फिलहाल ऐसा ही लग रहा है।ममता बनर्जी का आक्रामक अंदाज धीरे धीरे लौट रहा है।।2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद स्टिंग टेप के सामने आने पर ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं का आगे बढ़ कर बचाव किया था, और अब महुआ मोइत्रा के साथ साथ पार्थ चटर्जी के मामले में भी पहली बार वैसा ही रुख नजर आ रहा है। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ शुक्रवार को एक आपराधिक शिकायत पुलिस को दी गई है। यह शिकायत राज्य की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी दी है।मामला गिरफ्तारी के बदले गिरफ्तारी का है, जिसके बाद भाजपा नेता ने आपराधिक धमकी का आरोप लगा इंसाफ की मांग की है। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी भाजपा नेता की शिकायत पर पुलिस ने क्या एक्शन लिया है।

नेताजी इंडोर स्टेडियम में दिया था विवादित बयान

दरअसल, गुरुवार 23 नवंबर को राजधानी नगर कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था (एक समाचार एजेंसी के हवाले से), ‘हमारे चार विधायक अब सलाखों के पीछे हैं। वे इस तरह की गिरफ्तारियों के माध्यम से हमारी गिनती कम करना चाहते हैं, लेकिन अगर वे हम में से चार को गिरफ्तार करते हैं तो उनके खिलाफ पहले से दर्ज पुराने मामलों को फिर से खोलकर उनमें से आठ को गिरफ्तार कर लिया जाएगा’। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कल ही कानूनी कार्रवाई का संकेत दिया था।
शुक्रवार को पुलिस को संबोधित एक पत्र में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने लिखा है, ‘इस तरह की हरकतें उन अपराधों का खुलासा करती हैं, जो प्रकृति में संज्ञेय हैं और सीधे तौर पर मुझे और उसी विचारधारा का प्रचार करने वाले अन्य सदस्यों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं’। इस पत्र के साथ भाजपा नेता ने पुलिस से बनर्जी के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया। इसी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपने हैंडलर पर शिकायत पत्र साझा करते हुए अधिकारी ने लिखा है, ‘अगर पुलिस एफआईआर दर्ज करने से इनकार करती है, तो मैं 72 घंटे तक इंतजार करूंगा और फिर एसीजेएम कोर्ट से शिकायत पर संज्ञान लेने का अनुरोध करूंगा’। टीएमसी नेताओं की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में ममता बनर्जी ने साथियों की हौसला अफजाई करते हुए ये समझाने की कोशिश की कि बिलकुल भी फिक्र करने की जरूरत नहीं है, बंगाल पुलिस भी बीजेपी नेताओं के खिलाफ वैसी ही कार्रवाई करेगी जैसे ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां टीएमसी नेताओं को टारगेट कर रही हैं। ममता बनर्जी का ये आक्रामक तेवर 2014 के आम चुनाव के मद्देनजर सामने आया है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस नेता ने इरादा जाहिर कर दिया है कि बीजेपी नेतृत्व एक बार फिर 2021 जैसी चुनावी जंग के लिए तैयार रहे, और अब तो वो बिलकुल भी नहीं बख्शने वाली हैं। बीजेपी के साथ साथ ममता बनर्जी ने सीपीएम को भी भ्रष्टाचार के मामले में निशाना बनाया है, लेकिन कांग्रेस को लेकर उनकी खामोशी थोड़ी रहस्यमय लगती है – और हां, ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन INDIA को लेकर हो रहे प्रयासों की भी तारीफ की है। बीजेपी और सीपीएम की तरफ से तो वैसी ही प्रतिक्रिया आयी है, जैसा आक्रामक अंदाज ममता बनर्जी का है, देखना होगा बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का क्या रुख होता है? टीएमसी की मीटिंग में ममता बनर्जी के धमकी भरे भाषण के बाद पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने FIR दर्ज कराने की बात कही है – और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तो ममता बनर्जी को सीधे सीधे चैलेंज किया है, पहले मुझे अरेस्ट करके दिखाओ!
क्या है ममता बनर्जी की ‘जैसे को तैसा’ पॉलिसी?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर दिया है।
नेताजी इंडोर स्टेडियम में ममता बनर्जी ने टीएमसी के सांसदों, विधायकों के साथ साथ ब्लॉक और गांव स्तर तक के नेताओं की मीटिंग बुलाई थी। तबीयत ठीक न होने की वजह से अभिषेक बनर्जी वहां मौजूद तो नहीं थे, लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शुरू में वो जुड़े थे। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव हैं। पार्टी नेताओं से मुखाबित ममता बनर्जी ने साथियों की गिरफ्तारी के साथ साथ सांसद महुआ बनर्जी का भी खास तौर पर जिक्र किया, और उनकी सदस्यता रद्द किये जाने की आशंका भी जतायी। साथ ही ये भी कहा कि महुआ मोइत्रा को ऐसे एक्शन का फायदा ही मिलेगा – और जो बात वो संसद में बोल रही थीं, आगे से बाहर भी वे मुद्दे उठाएंगी। ममता बनर्जी ने अपने भाषण में गिरफ्तार टीएमसी विधायकों का नाम भी लिया, ‘आज आप हंस रहे हैं क्योंकि हमारी पार्टी के नेता अनुब्रत मंडल, पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य, ज्योतिप्रिय मल्लिक जेल में हैं… ये परंपरा जारी रहेगी… भविष्य में जब आप कुर्सी पर नहीं रहेंगे तो कहां होंगे? एक कोठरी में?’
और फिर सीधे सीधे बीजेपी को धमकाया भी, ‘… हमारे चार विधायकों को जेल भेज दिया… ये सोच कर कि हमारी संख्या कम कर देंगे… अगर वो मेरे चार लोगों को भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेजेंगे… और उनको बदनाम करेंगे, तो मैं उनके आठ नेताओं को हत्या और अन्य मामलों में जेल भेजूंगी। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को राशन घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। उनकी तबीयत खराब होने की खबर आयी थी, लेकिन अब हालत स्थिर बतायी जा रही है। उनसे पहले पिछले साल पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, जब उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया।।तब तो ममता बनर्जी, पार्थ चटर्जी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोली थीं। बल्कि सरकार से हटाने के बाद पार्टी से भी बाहर कर दिया गया था। अब ममता बनर्जी जिन नेताओं का नाम लेकर बीजेपी के साथ चार के बदले आठ से हिसाब किताब करने की बात कर रही हैं, उनमें पार्थ चटर्जी का नाम भी शामिल है – मतलब साफ है, ममता बनर्जी एक बार फिर अपने दागी नेताओं के बचाव में खुल कर मैदान में कूदने का फैसला कर चुकी हैं। 2016 में तो ममता बनर्जी ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिये आरोपों के घेरे में आये नेताओं को डंके की चोट पर चुनाव लड़ाया, अपने दम पर जिताया और सरकार में मंत्री भी बनाया था – देखना है 2024 में ममता का करिश्मा फिर से देखने को मिलता है या नहीं? वैसे पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के वक्त ममता बनर्जी ने अपने नेता का खुल कर भले ही सपोर्ट न किया हो, लेकिन गिरफ्तारी के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को ताकीद जरूर किया था, ‘अगर आप कालिख और कीचड़ मेरे ऊपर फेकेंगे… तो मेरे पास भी अलकतरा है… और अलकतरा किसी वाशिंग मशीन में नहीं धुलता। दिल्ली में चलेगा तृणमूल का अभियान:
ममता बनर्जी ने ये भी संकेत दिया है कि दिल्ली में भी तृणमूल कांग्रेस अपना अभियान शुरू करने वाली है।।और ये दिसंबर में होगा, जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा होगा। टीएमसी का कहना है कि वो बंगाल के बकाया पैसों की मांग के लिए मुहिम चलाएगी। ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगेंगे… वो समय दे रहे हैं तो ठीक है, नहीं तो सड़क हमारी होगी… देखते हैं कितनों को मार सकते हैं।
ममता बनर्जी को बीजेपी की चुनौती : तृणमूल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर ममता बनर्जी के केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने पर बीजेपी नेता राहुल सिन्हा का कहना है, ‘ गिरफ्तारियों से न तो बीजेपी… और न ही केंद्र का कोई लेना देना है… ये सभी जांच अदालत के आदेश पर हो रहे हैं… उनकी पुलिस ने भी बीजेपी नेताओं के खिलाफ मामले खंगालने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही।’ बीजेपी नेता ने ममता बनर्जी को आगाह करते हुए ये भी कहा कि आने वाले दिनों में उनकी पार्टी के और भी नेता भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाएंगे।।ममता बनर्जी के बयान पर फौरी प्रतिक्रिया बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की तरफ से आयी. बोले, ‘ …मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिये। नेताजी इंडोर स्टेडियम हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के इलाके में आता है… मैं वहां ममता बनर्जी के खिलाफ जाऊंगा… मैं एफआईआर दर्ज कराऊंगा।।और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तो गिरफ्तारी के लिए खुद को ही आगे कर दिया है। कहते हैं, ‘शुरुआत वो मुझसे ही करें… मैं सुनिश्चित कर सकता हूं कि ममता बनर्जी सरकार के गिरफ्तार करने पर बीजेपी के आठ में से एक भी नेता गलत नहीं साबित होने वाला… अदालत से सबको क्लीन चिट मिलेगी क्योंकि कोई भी कोयले की तस्करी या सरकारी नौकिरियां बेचने का काम नहीं करता। बीते कुछ साल में बीजेपी नेताओं की गिरफ्तारी की बात करें तो विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक आंदोलनों के लिए सुकांत मजूमदार और शुभेंदु अधिकारी भी गिरफ्तार किये गये हैं, लेकिन बीजेपी नेताओं की बंगाल पुलिस की गिरफ्तार के कम ही मामले मिलते हैं। स्थानीय स्तर पर जांच पड़ताल तो कइयों के खिलाफ चल रही होगी, और हो सकता है ऐसे नेताओं की कोई सूची भी बंगाल पुलिस ने तैयार कर ली हो, जिसका इशारा ममता बनर्जी के भाषण में मिल रहा है। मार्च, 2020 में बंगाल पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ता नारायण चटर्जी को गोमूत्र पान कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर गिरफ्तार किया था। नारायण चटर्जी को कोविड 19 को लेकर लगी पाबंदियों के दौर में गिरफ्तार किया गया था, और वो भी तब जब गोमूत्र पीने के बाद एक व्यक्ति बीमार पड़ गया था। फरवरी, 2021 में बीजेपी की युवा नेता पामेला गोस्वामी को कोकीन रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद एक और बीजेपी नेता राकेश सिंह और उनके दो बेटों को भी गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि पामेला गोस्वामी ने राकेश सिंह पर खुद को फंसाने का आरोप लगाया था। अगस्त, 2021 में बंगाल पुलिस ने बीजेपी नेता सजल घोष को उनके घर का दरवाजा तोड़ कर गिरफ्तार किया था। सजल घोष को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था, और उनके ऊपर हमले और चोरी के आरोप भी लगाये गये थे। सीपीएम ने ममता बनर्जी के बयान पर रिएक्शन में टीएमसी के साथ साथ बीजेपी को भी निशाना बनाया है। सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम का कहना है, ‘ये सिर्फ चार या आठ विधायकों या नेताओं का मामला नहीं है। बड़ी संख्या में बीजेपी के नेता जिनमें सांसद और विधायक सभी शामिल हैं – उनको जेल जाना ही चाहिये।।तृणमूल कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने सीपीएम शासन के दौरान अपने ऊपर हुए अत्याचार का भी जिक्र किया, ‘मुझे बहुत पीटा है… वो मारते हैं तो हमारी जिद बढ़ती है। ममता बनर्जी की जिद तो 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले उस वक्त देखा गया जब सीबीआई की एक टीम तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को गिरफ्तार करने पहुंची थी। ममता बनर्जी ने पहले तो बंगाल पुलिस को ही सीबीआई के पीछे लगा दिया और कुछ देर के लिए अफसरों को हिरासत में भी ले लिया गया था। बाद में वो पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचीं और फिर सड़क पर पहुंच कर धरने पर बैठ गयीं। @ रिपोर्ट अशोक झा

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