आठ दिवसीय 17 वां श्रीराम विवाहोत्सव आज से, कलश यात्रा के साथ होगा शुभारंभ

सिलीगुड़ी: महाबीर धाम, श्री हनुमान मंदिर, प्रकाश नगर, एन.एच. 31, सिलीगुड़ी में श्री हनुमान मंदिर समिति एवं जय हनुमान जल सेवा समिति के तत्वाधान में 17 वां श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ 10 दिसम्बर रविवार को कलश यात्रा एवं दीप प्रज्वलन के साथ होगा। आयोजन कमेटी के अध्यक्ष मुन्ना प्रसाद, मेयर पार्षद सदस्य नगर निगम, उपाध्यक्ष सुखदेव महतो, पार्षद वार्ड 43, सचिव मंजय सिंह, संयुक्त सचिव बैजू राय मुन्ना सिंह, काजल कर्मकार, महासचिव प्रकाश चन्द्रन प्रेम सिंह, सिद्धार्थ प्रसाद उपेन्द्र सिंह, दिनेश सिंह बिनोद कुमार साहू, युगल राय संजय रस्तोगी, कोषाध्यक्ष सुरेश राय, सह कोषाध्यक्ष बबलू गोस्वामी, राजकिशोर यादव, मुख्य यजमान श्री अमीरी सहनी व श्रीमती उमा देवी सहनी तथा सुरेन्द्र यादव है।कमेटी की ओर से बताया गया की श्री हनुमान जी की संरक्षता में अगहन शुक्ल पंचमी के पुण्य अवसर पर अखण्ड अष्टयाम 108 घंटे एवं शत्चण्डी महायज्ञ का आयोजन 10 से 17 दिसम्बर तक हो रहा हैं। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम प्रभु एवं परमेश्वरी जनक नन्दनी जगदम्बा कुमारी शक्ति स्वरूपिणी माता सीता के पावन परिणय का आयोजन होगा। इसमें मुख्य अतिथि मेयर गौतम देव, रंजन सरकार (राणा दा) डिप्टी मेयर, श्रीमती पापिया घोष जिलाध्यक्ष तृणमूल कांग्रेस मौजूद रहेंगे। विवाह पंचमी का दिन भगवान श्री राम और मां सीता के विवाह की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। इस साल विवाह पंचमी 17 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुखों का संचार हो जाता है। श्री राम भगवान विष्णु के अवतार हैं और उनका जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ था। मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि को श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के साथ देवी सीता की जन्मभूमि जनकपुरी गए थे। यह वही शुभ समय था, जब राजा जनक ने माता जानकी के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था। इस स्वयंवर में भगवान राम भी शामिल हुए। मां सीता से विवाह करने के लिए स्वयंवर में कई शक्तिशाली राजाओं ने भी भाग लिया था, लेकिन राजा जनक की यह शर्त थी कि जो उनके पास मौजूद भगवान शिव के धनुष को तोड़ देगा वही मां सीता के लिए सुयोग्य वर होगा। दुर्भाग्य से हर कोई इसमें असफल रहा। लेकिन अपने गुरू विश्वामित्र की आज्ञा से भगवान राम ने ऐसा कर दिखाया। जैसे ही उन्होंने धनुष को उठाया उसके दो टुकड़े हो गए और वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। इसके बाद विधि अनुसार मां सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के साथ से हुआ। इस पावन पर्व पर प्रभु श्री राम और मां सीता की अद्भुत और बेहद खास पूजा का विधान भी बताया गया है। इससे आपके धन ऐश्वर्य समेत भौतिक सुखों के भी अच्छी खासी वृद्धि होगी। साथ ही मनुष्य के प्रत्येक अटके हुए कार्यों को गति मिलती हैं। इसके अतिरिक्त विवाह पंचमी के दिन बहुत से शादी ब्याह भी पूर्ण कराए जाते हैं।।विवाह पंचमी वाले दिन भगवान राम और मां सीता की अर्चना और भक्ति करने से विवाह से लेकर विद्या और व्यवसाय संबंधी तमाम परेशानियों के निजात मिलती हैं। इस बार विवाह पंचमी के दिन बेहद अद्भुत दुर्लभ योग भी बन रहा है। इस अद्भुत योग का एकदम खास अर्थ बताया जा रहा है चलिए फिर जानते हैं विवाह पंचमी की तिथि और योग के विषय में विस्तार के साथ।इस वर्ष श्री राम और मां सीता के विवाह की पंचमी 17 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी। विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग को बेहद शुभ माना जाता है। हर्षण योग में भगवान श्री राम और माता सीता की आराधना करने से कई गुना ज्यादल शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हर्षण योग 17 नवंबर को रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। @ रिपोर्ट अशोक झा

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