बंगाल में छह महीने के एक बच्चे समेत तीन लोग कोरोना वायरस से संक्रमित , राज्य में बढ़ा टेंशन , रहना होगा सतर्क
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में छह महीने के एक बच्चे समेत तीन लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों के अनुसार, बिहार राज्य के रहने वाले बच्चे का उपचार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कोलकाता में चल रहा है, वहीं दो अन्य रोगी दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।इनमें से एक निजी अस्पताल के अधिकारी ने कहा, ”उन्हें तेज बुखार, खांसी और जुखाम की शिकायत है। उन्होंने आरटी-पीसीआर जांच कराई और संक्रमित होने का पता चला।” इस बारे में पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, ”राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कभी नहीं कहा कि कोविड-19 समाप्त हो चुका है। हमें मानना होगा कि यह अभी रहने वाला है। फिलहाल हमारे सामने ऐसा कोई मामला नहीं आया है। हालांकि, हमारा विभाग बहुत चौकन्ना है। कोविड के नए स्ट्रेन JN.1 ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक बार फिर तहलका मचा दिया है। कोरोना के नए वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है और देश में अब तक इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना का मामला सामने आने के बाद अब हड़कंप मचा है. स्वास्थ्य विभाग ने ऐहतियात बरतते हुए अब परिवार के सभी सदस्यों की जांच करवाने का फैसला किया है. इसके लिए परिवार के लोगों के सैंपल लेकर उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग करवाई जाएगी. बताया जा रहा है कि कोरोना मरीज की दुबई की ट्रैवल हिस्ट्री हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मरीज में कोरोना वायरस दुबई से ही आया है। देश में 614 लोगों में मिला नया वेरिएंट बताते चलें कि दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 ने लोगों की की चिंता बढ़ा दी है. सिंगापुर में इस वेरिएंट के 56 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. भारत में भी अब तक 614 लोगों में यह वेरिएंट पाया गया है. बुधवार को 21 लोगों में यह वेरिएंट डिटेक्ट किया गया. अब उनके और परिवारों के सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. सबसे ज्यादा मामले गोवा में सामने आए हैं. वहां पर कोरोना के नए वेरिएंट से पीड़ित 19 मरीज मिले हैं. जबकि केरल और महाराष्ट्र में 1-1 केस दर्ज किया गया है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है.
हर 3 महीने में मॉक ड्रिल करने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना के मामलों की स्थिति जानने के लिए आज अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में देश में कोरोना के मामलों और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर चर्चा की गई. उन्होंने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी कर कोविड के बेहतरीन मैनेजमेंट के लिए केंद्र- राज्यों में समन्वय को बेहतर करने को कहा. उन्होंने सलाह दी कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर हर 3 महीने में एक बार मॉक ड्रिल जरूर करनी चाहिए, जिससे हालात बिगड़ने पर तुरंत साझा तरीके से एक्शन लिया जा सके। डरा रहे पिछले 2 हफ्ते के आंकड़े बैठक में देश में कोरोना मामलों पर प्रेजेंटेशन दे रहे स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा कि दुनिया की कोरोना दर के मुकाबले भारत में इन केस की संख्या बहुत कम है. हालांकि पिछले 2 हफ्ते में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में अचानक तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है. देश में 6 दिसंबर को जहां कोरोना के मामले 115 थे, वहीं 20 दिसंबर को यह बढ़कर 614 हो गए. इस दौरान पीड़ित मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए हैं और उन्हें घरों पर होम आइसोलेशन में रहकर बचाव करने के निर्देश दिए गए हैं।’बारीकी से कर रहे जांच’।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) सार्स-सीओवी-2 के नए जेएन.1 स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण पर काम कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बताया कि अब तक देश भर में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 के 21 मामले पाए गए हैं. पॉल ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय नए स्वरूप की बारीकी से जांच कर रहा है. उन्होंने राज्यों को परीक्षण बढ़ाने और अपने निगरानी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। रिपोर्ट अशोक झा