राम मंदिर में स्थापित होंगी रामलला की तीनों प्रतिमाएं
काशी के विद्वान आचार्य गणेश्वर द्रविड़ विचारेंगे तीनों के स्थान

राम मंदिर में स्थापित होंगी रामलला की तीनों प्रतिमाएं
– काशी के विद्वान आचार्य गणेश्वर द्रविड़ विचारेंगे तीनों के स्थान
– भव्य मंदिर में अब 3 की जगह 5 बार होगी आरती
अयोध्या : भव्य राम मंदिर में रामलला की तराशी गई तीनों मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। इसमें से कौन मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी, कौन पहले तल के राम दरबार में और कौन दूसरे तल के भवन में होगी इसका निर्णय काशी के आचार्य गणेश्वर द्रविड़ व प्राण-प्रतिष्ठा के विद्वान आचार्य करेंगे। मंदिर ट्रस्ट की हाल ही संपन्न बैठक में सदस्यों ने अपनी अलग-अलग राय दी जिसके बाद तय किया गया कि देश के तीनों जाने माने मूर्तिकारों ने 7 महीने की कड़ी मेहनत के साथ रामलला की अलग-अलग तीन मूर्तियों को तराशा है। वे बेहद मोहक लुभावनी व मन को आकर्षित करने वाली हैं। ऐसे में तीनों को भव्य राम मंदिर में ही स्थापित किया जाएगा। जिन विद्वान आचार्य ने मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाला है। उन्हीं को भव्य मंदिर में तीनों के स्थान के चयन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। यह जानकारी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी व विहिप के केद्रीय उपाध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने दी है।
संगमरमर से ज्यादा मजबूत श्याम पत्थर
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि विशेषज्ञों की जांच में सामने आया है कि श्याम वर्ण का पत्थर संगमरमर से ज्यादा मजबूत है। ऐसे में पूरी संभावना है कि गर्भगृह में श्याम वर्ण की प्रतिमा ही स्थापित की जाएगी। कर्नाटक के श्याम रंग के पत्थर से 5 साल के रामलला को कर्नाटक के जाने माने मूर्तिकार गणेश् भट्ट ने तराशा है। दूसरी श्याम रंग की प्रतिमा दक्षिण के मूर्तिकार अरुण योगिराज ने तैयार की है। तीसरी प्रतिमा जयपुर के संगमरमर की है जिसे नामी मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे की टीम ने तैयार किया है। यह मूर्ति भी बेहद खूबसूरत है। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक काशी के गणेश्वर द्रविड़ ही वैदिक गणना के मुताबिक तीनों रामलला की स्थापना का स्थान तय करेंगे।
बनाए जा रहे वस्त्र और जेवर
कामेश्वर चौपाल के मुताबिक तीनों प्रतिमाओं को सजाने सवांरने के लिए वस्त्र, जेवर और मुकुट का निर्माण हो रहा है। रामलला को गर्भगृह में जिस आसन पर विराजमान करवाना है वह भी तैयार है। खगोलीय वैज्ञानिक नाप जोख कर ऐसा सेट करेंगे जिससे रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्यदेव की किरण रामलला के ललाट को प्रकाशित करें। चौपाल ने बताया कि अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला की चल मूर्तियों के साथ यहां स्थापित सारी मूर्तियों को भव्य मंदिर के गर्भगृह में स्थानांतरित किया जाएगा ।
आरती की संख्या बढ़ीं
मंदिर ट्रस्ट अब रामलला की पूजा को और विस्तार देने जा रहा है। इसमें दर्शन अवधि बढ़ाने से लेकर आरती की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अभी रामलला की केवल तीन आरती होती है सुबह, दोपहर और शाम। अब आरती की संख्या बढ़ा कर 5 की जाएगी। इसमें मंगला आरती व शयन आरती बढ़ जाएगी। पूजा पद्धति में और क्या जोड़ा जाएगा इसका निर्णय मंदिर ट्रस्ट की हाई पावर धार्मिक समिति करेगी।