फ्लोर टेस्ट को लेकर बिहार में बढ़ गया सियासी पारा,राजनीतिक खेला पर नजर
पटना: बिहार में अचानक पाला बदलकर NDA में जाने वाले सीएम नीतीश कुमार को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है। इससे पहले तेजस्वी यादव के घर लगातार चली बैठक से पटना का सियासी पारा बढ़ गया है।क्या फ्लोर टेस्ट में लालू यादव की RJD कोई खेला करने वाली है? यह सवाल कई दिनों से सियासी फिजा में तैर रहा है. तेजस्वी के घर पर आरजेडी के कुछ विधायक कपड़े और बैग लेकर कैंप कर रहे हैं। उधर, ‘लालटेन’ की चमक से डरे जेडीयू के विधायकों को होटल चाणक्य में रखा गया है। बीजेपी के विधायकों को भी दूसरे होटल में शिफ्ट किया गया है। जो डर ऑपरेशन लोटस का कुछ राज्यों में था, बिहार में ‘ऑपरेशन लालटेन’ की चर्चा है। इस बीच ‘तेजस्वी जरूरी है’ के नारों ने सत्तापक्ष की धुकधुकी जरूर बढ़ा रखी है।
क्या बीजेपी-जेडीयू के पास नंबर नहीं?
फ्लोर टेस्ट से पहले पटना में हलचल की वजह 8 का सियासी आंकड़ा है. दरअसल, आरजेडी के पास 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 19 विधायक हैं. इस तरह से महागठबंधन का आंकड़ा 114 पहुंचता है। इनके पास बहुमत से मात्र 8 विधायक कम हैं। दूसरी तरफ एनडीए खेमे में बीजेपी के पास 78, जेडीयू के पास 45, हम यानी जीतनराम मांझी के पास चार और एक निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. यह आंकड़ा 128 बैठता है यानी बहुमत से 6 विधायक ज्यादा हैं. अगर 7-8 विधायक टूटते या ‘गायब’ हो जाते हैं तो नीतीश के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है. बिहार विधानसभा की 243 सीटों में नीतीश को सत्ता बचाने के लिए 122 का आंकड़ा हासिल करना होगा।
क्यों बढ़ रही नीतीश की धुकधुकी?
जब नीतीश कुमार ने पलटी मारते हुए भाजपा के साथ सरकार बनाई थी तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि खेला अब शुरू होगा। एक हफ्ते से आरजेडी खेमा नारे लगा रहा है। जन जन की यही पुकार, चाहिए अब बस तेजस्वी सरकार। नीतीश की धुकधुकी बढ़ने की एक वजह है कि बिना नंबर के आरजेडी तेजस्वी सरकार बनाने का दावा क्यों कर रही है? कुछ घंटे पहले खबर आई थी कि मांझी का नंबर नहीं लग रहा है। लेफ्ट के एक सीनियर नेता ने मांझी से मुलाकात भी की है। उधर, जेडीयू की बैठक में 2-3 विधायक नहीं पहुंचे. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सुदर्शन कुमार सिंह, बीमा भारती और दिलीप रॉय JDU की मीटिंग में नहीं दिखे।
आज फ्लोर टेस्ट से पहले एक और गेम!
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जेडीयू विधायक दल की बैठक में दो-तीन विधायकों के न होने को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा कि एनडीए में कुल 128 विधायक हैं। हम बहुमत की स्थिति में हैं. हमारे सभी विधायक सदन में आज मौजूद रहेंगे। विश्वास मत से पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आएगा।
उन्होंने बताया कि नियमों के तहत जरूरी होने पर 38 विधायक प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अपनी सीटों पर खड़े होंगे जिसके बाद अध्यक्ष को, नया अध्यक्ष चुने जाने तक कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष को सौंपना होगा। दरअसल, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी जेडीयू से हैं और अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी आरजेडी से हैं। पिछले दिनों काफी चर्चा उड़ी थी कि स्पीकर के जरिए बिहार में कोई खेला हो सकता है। वैसे भी सदन में स्पीकर सर्वोच्च होता है।
आधी रात तेजस्वी के घर पुलिस की परेड
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बरसते हुए कहा है कि पार्टी की दो दिन से चल रही मैराथन बैठक में सरकार के अधिकारी का आना यह साबित करता है कि सरकार ने जनादेश ही नहीं, विश्वास भी खो दिया है। यह राजद की बैठक है। भाजपा कार्यशाला कर रही है तो वह रासलीला है और आरजेडी विधायकों के साथ बैठक कर रही है तो कैरेक्टर ढीला। शासन के लोग मजिस्ट्रेट बनाकर भेजते हैं कि कौन से विधायक अपनी मर्जी से हैं या नहीं हैं? ऐसे लोकतंत्र में नहीं चलता है।
RJD का अटैक: लालू की पार्टी के एक्स हैंडल पर कहा गया, ‘नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हजारों की संख्या में पुलिस भेज तेजस्वी जी के आवास को चारों तरफ से घेर लिया है। ये किसी भी तरह से किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते हैं। बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कुकर्म देख रही है। बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले कई एक्सपर्ट का मानना है कि बार-बार पाला बदलने से एक तरफ नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी है वहीं, तेजस्वी यादव को फायदा हुआ है. 2020 के चुनावों में 75 सीटें जिताकर तेजस्वी खुद को पहले ही साबित कर चुके हैं. अब ना-ना करने के बावजूद हाथ मिलाने से भाजपा और जेडयू दोनों की साख गिरी है और इसने तेजस्वी को बढ़त दे दी है। अब नजरें आज होने वाले फ्लोर टेस्ट पर हैं। बिहार में नीतीश कुमार की नई बनी एनडीए सरकार का आज विधानसभा में बहुमत परीक्षण होना है। इस बीच बीती रात राजधानी पटना में काफी ज्यादा सियासी गहमागहमी रही। जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस विधानसभा में भाजपा-जदयू के नेतृत्व में चल रही मौजूदा नीतीश सरकार के शक्ति परीक्षण से कुछ घंटे पहले रविवार देर रात पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंची। विधायक चेतन आनंद के भाई ने शिकायत की है कि उनके MLA भाई को अगवा किया गया है। विधायक चेतन आनंद बहुचर्चित बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। अब विधायक चेतन आनंद के भाई अंशुमन आनंद ने पुलिस में अपने भाई को अगवा किए जाने की शिकायत की है। जिसके बाद पुलिस राजद के नेता तेजस्वी यादव के घर पर पहुंची है। जहां पर राजद के सभी विधायक कल होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले ठहरे हैं। लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठकर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी मौजूद हैं। पटना पुलिस की यह पूरी कार्रवाई आनंद मोहन के बेटे अंशुमन आनंद की शिकायत पर की गई है। जिन्होंने पुलिस के पास शिकायत की है कि उनके बड़े भाई व विधायक चेतन आनंद बीते शनिवार से लापता हैं। पटना के पाटलीपुत्र थाना में चेतन आनंद के गायब होने की शिकायत के बाद पुलिस टीम तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंची थी। बताया गया कि एसडीएम और सिटी एसपी जब तेजस्वी यादव के आवास के अंदर गए तो वहां पर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। राजद कार्यकर्ताओं की नारेबाजी शुरू होने के बाद एसडीएम सदर और पुलिस अधिकारी तेजस्वी यादव के आवास पर कुछ कागजात दिखाने के बाद बाहर निकल गए और गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। इस दौरान सभी राजद कार्यकर्ताओं की नारेबाजी लगातार जारी रही। बताया गया है कि विधायक चेतन आनंद इस वक्त राजद के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर मौजूद हैं। कांग्रेस विधायक तेजस्वी यादव के आवास से गए
खबर मिली है कि कांग्रेस के सभी विधायक तेजस्वी यादव के आवास से निकल गए हैं। कांग्रेस के विधायकों को आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के आवास में रोकना चाहते थे। लेकिन विधायक वहां रुकना नही चाहते थे। ऐसे में पुलिस ने कहा कि जो जाना चाहते हैं, वो चले जाएं। किसी को उनको रोकने का अधिकार नहीं है। वहीं राजद विधायक चेतन आनंद राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास के भीतर क्रिकेट खेलते देखे गए। वहीं सम्राट चौधरी के आवास से निकलने के बाद बिहार बीजेपी के संगठन महामंत्री भिखू भाई और नित्यानंद राय ने कहा सब ठीक है। हमारे सभी विधायक मौजूद हैं। राजद अपनी चिंता करे.जद-यू के विधायक भी एकजुट हैं। बीजेपी के विधायकों को एग्जीबिशन रोड स्थित होटल पाटलिपुत्र एग्जॉटिका में रखा गया। बीजेपी के सभी विधायक इसी होटल में मौजूद हैं. इसे देखते हुए होटल की सुरक्षा बढ़ाई गई है। फ्लोर टेस्ट से पहले खेमेबंदी तेज
वहीं जद-यू के विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले पटना के चाणक्य होटल में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है। सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। एनडीए का दावा है कि उसके पास 128 विधायकों का संख्याबल मौजूद है. जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं। जबकि आज जद-यू विधायक दल की बैठक में 5 विधायक नहीं आए। वहीं बीजेपी की बैठक में 3 विधायक नही पहुंचे। एनडीए के 128 में 8 विधायक अगर एनडीए के साथ नही रहते है तो संख्या बल 120 तक ही पहुंचता है। जो नीतीश सरकार को संकट में डाल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष का मुद्दा सबसे बड़ा
दूसरी ओर राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन के पास 114 विधायको का संख्या बल है। जिसमे राजद के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक शामिल हैं। बिहार विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी। बिहार विधानसभा के सेंट्रल हाल में 11.30 बजे जॉइंट सेशन में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विधायक चेतन आनंद के भाई ने शिकायत की है कि उनके MLA भाई को अगवा किया गया है। विधायक चेतन आनंद बहुचर्चित बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। अब विधायक चेतन आनंद के भाई अंशुमन आनंद ने पुलिस में अपने भाई को अगवा किए जाने की शिकायत की है। जिसके बाद पुलिस राजद के नेता तेजस्वी यादव के घर पर पहुंची है। जहां पर राजद के सभी विधायक कल होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले ठहरे हैं। लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठकर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी मौजूद हैं। पटना पुलिस की यह पूरी कार्रवाई आनंद मोहन के बेटे अंशुमन आनंद की शिकायत पर की गई है। जिन्होंने पुलिस के पास शिकायत की है कि उनके बड़े भाई व विधायक चेतन आनंद बीते शनिवार से लापता हैं। पटना के पाटलीपुत्र थाना में चेतन आनंद के गायब होने की शिकायत के बाद पुलिस टीम तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंची थी। बताया गया कि एसडीएम और सिटी एसपी जब तेजस्वी यादव के आवास के अंदर गए तो वहां पर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। राजद कार्यकर्ताओं की नारेबाजी शुरू होने के बाद एसडीएम सदर और पुलिस अधिकारी तेजस्वी यादव के आवास पर कुछ कागजात दिखाने के बाद बाहर निकल गए और गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। इस दौरान सभी राजद कार्यकर्ताओं की नारेबाजी लगातार जारी रही। बताया गया है कि विधायक चेतन आनंद इस वक्त राजद के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर मौजूद हैं। कांग्रेस विधायक तेजस्वी यादव के आवास से गए
खबर मिली है कि कांग्रेस के सभी विधायक तेजस्वी यादव के आवास से निकल गए हैं। कांग्रेस के विधायकों को आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के आवास में रोकना चाहते थे। लेकिन विधायक वहां रुकना नही चाहते थे। ऐसे में पुलिस ने कहा कि जो जाना चाहते हैं, वो चले जाएं. किसी को उनको रोकने का अधिकार नहीं है। वहीं राजद विधायक चेतन आनंद राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास के भीतर क्रिकेट खेलते देखे गए. वहीं सम्राट चौधरी के आवास से निकलने के बाद बिहार बीजेपी के संगठन महामंत्री भिखू भाई और नित्यानंद राय ने कहा सब ठीक है। हमारे सभी विधायक मौजूद हैं। राजद अपनी चिंता करे.जद-यू के विधायक भी एकजुट हैं। बीजेपी के विधायकों को एग्जीबिशन रोड स्थित होटल पाटलिपुत्र एग्जॉटिका में रखा गया। बीजेपी के सभी विधायक इसी होटल में मौजूद हैं। इसे देखते हुए होटल की सुरक्षा बढ़ाई गई है। फ्लोर टेस्ट से पहले खेमेबंदी तेज: वहीं जद-यू के विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले पटना के चाणक्य होटल में भेज दिया गया है. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है. सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है. एनडीए का दावा है कि उसके पास 128 विधायकों का संख्याबल मौजूद है. जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं। जबकि आज जद-यू विधायक दल की बैठक में 5 विधायक नहीं आए। वहीं बीजेपी की बैठक में 3 विधायक नही पहुंचे। एनडीए के 128 में 8 विधायक अगर एनडीए के साथ नही रहते है तो संख्या बल 120 तक ही पहुंचता है। जो नीतीश सरकार को संकट में डाल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष का मुद्दा सबसे बड़ा: दूसरी ओर राजद की अगुवाई वाले महागठबंधन के पास 114 विधायको का संख्या बल है. जिसमे राजद के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक शामिल हैं. बिहार विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी। बिहार विधानसभा के सेंट्रल हाल में 11.30 बजे जॉइंट सेशन में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। राज्यपाल के विधानसभा से जाने के बाद सभी विधायक विधानसभा के मुख्य सदन में आएंगे। फिर यहां सदन के कार्यवाही शुरू होगी. जिसमें पहला प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष l अवध बिहारी चौधरी को हटाने का आएगा। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए जो लिखित विधायकों का पत्र है, उसमें अध्यक्ष को हटाने के लिए 38 विधायकों का सदन में होना जरूरी है। जब ये सभी 38 विधायक अध्यक्ष को हटाने के लिए हाथ उठाकर सहमति दे देंगे, तब वो आसान छोड़कर चले जाएंगे। उसके बाद उस आसन पर उपाध्यक्ष आएंगे आगे सदन की कार्यवाही होगी। विपक्ष अगर सदन में वोटिंग पर अड़ गया तो वोटिंग होगी भाषण होगा। राज्यपाल के विधानसभा से जाने के बाद सभी विधायक विधानसभा के मुख्य सदन में आएंगे. फिर यहां सदन के कार्यवाही शुरू होगी। जिसमें पहला प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने का आएगा। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए जो लिखित विधायकों का पत्र है, उसमें अध्यक्ष को हटाने के लिए 38 विधायकों का सदन में होना जरूरी है. जब ये सभी 38 विधायक अध्यक्ष को हटाने के लिए हाथ उठाकर सहमति दे देंगे, तब वो आसान छोड़कर चले जाएंगे। उसके बाद उस आसन पर उपाध्यक्ष आएंगे आगे सदन की कार्यवाही होगी. विपक्ष अगर सदन में वोटिंग पर अड़ गया तो वोटिंग होगी। रिपोर्ट अशोक झा