दारूल ऊलूम अलीमिया जमदाशाही दीक्षांत समारोह में 172 छात्रों को मिली डिग्रियां

दारूल ऊलूम अलीमिया जमदाशाही दीक्षांत समारोह में 172 छात्रों को मिली डिग्रियां

उप्र बस्ती जिले में दारूल ऊलूम अलीमिया जमदाशाही में बृहस्पतिवार की रात जलसे (दीक्षांत समारोह) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए इस्लामिक स्कालर्स ने शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे। जलसे के बीच 172 छात्रों को हिफ्ज, आलमियत, फजीलत एवं किरत की डिग्री सौंपने के साथ दस्तारबंदी की रस्म अदा की गई। नेपाल के चार छात्रों सहित बिहार, बंगाल, कश्मीर, झारखंड, छत्तीसगढ, मुम्बई, गुजरात, एमपी और यूपी के छात्र शामिल रहे। इंग्लैंड से आए मुख्य अतिथि मौ. फरोगुल कादिरी ने तकरीर का आगाज एक शेर से किया। सुनाया ‘दयारे इश्क में अपना मकाम पैदा कर, नई सुबह नई शाम पैदा कर’। कहा कि दारूल उलूम अलीमिया ने अपने इन छात्रों के सिर पर इल्म का ताज रखा है, यह फक्र की बात हैं। इल्म की रोशनी में अपना किरदार बनाकर लोगों के दिलों पर राज किया जा सकता है। मुम्बई से आए मौ. इरफान अलीमी ने कहा कि दारूल उलूम देश-विदेश में अपना नाम रौशन करते हुए आगे बढ़ रहा है। यहां से डिग्री लेकर छात्र आला हजरत के पैगाम को फैला रहे हैं। बिना इल्म किसी कौम की तरक्की नहीं हो सकती हैं। इल्म कोई भी हो उसे हासिल करें। आधी रोटी खाकर भी बच्चों को तालीम जरूर दिलाएं। प्रधानाचार्य मौ. मोहम्मद अहमद रजा बगदादी ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन मुफ्ती तैयब अलीमी ने किया।

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