सिविल लाइन क्षेत्र में नजूल भूमि पर दस कब्जेदारों को प्रशासन भेजा नोटिस मांगा स्पष्टीकरण

सिविल लाइन क्षेत्र में नजूल भूमि पर दस कब्जेदारों को प्रशासन भेजा नोटिस मांगा स्पष्टीकरण

उप्र बस्ती शहर में नजूल भूमि की खोज बीन शुरू हो गई है। सौ से अधिक ऐसे नजूल भूखंडों को चिह्नित किया गया है जिन पर दूसरों का कब्जा है। तहसील प्रशासन कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। प्रथम चरण में सिविल लाइन क्षेत्र के न्याय मार्ग नजूल के दस भूखंडों पर कब्जा कर आवासीय एवं व्यवसायिक उपयोग किए जाने का मामला उजागर किया गया है। इनसे संबंधित कब्जेदारों को एसडीएम सदर स्तर से नोटिस जारी कर दी गई है। सात दिन के भीतर इन कब्जेदारों को स्पष्टीकरण देना होगा। इसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
नजूल की भूमि पर कार्रवाई शुरू होने से हड़कंप मच गई है। शुरूआत में जिन दस कब्जेदारों को नोटिस दी गई है उनमें बड़े व्यवसायियों के नाम शामिल है। जिनकी अच्छी खासी रसूख भी है। सबसे ज्यादा नजूल की भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज सिविल लाइन क्षेत्र में है। यहां प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक सौ एकड़ से अधिक नजूल की बेशकीमती भूमि पर लोगों का कब्जा है। इन भूखंडों पर आवासीय एवं कामर्शियल निर्माण हुए हैं। लंबे समय से यह भूखंड निजी उपयोग में लाए जा रहे हैं। अब इन जमीनों को राज्य सरकार के अधीन लाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रशासन ने सबसे पहले शहर के महत्वपूर्ण एवं अधिक मालियत की नजूल की जमीनों पर शिकंजा कसना शुरू किया गया है। पहली बार दस बड़े कब्जेदारों को नोटिस दी गई है। इसमें टेंट व्यवसायी, मैरेज हॉल कारोबारी, रसोई गैस के एजेंसीधारक तक शामिल किए गए हैं। इसके अलावा शहर के अन्य हिस्सों में भी नजूल की जमीन पर कब्जा जमाए लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। तहसील प्रशासन के अनुसार सौ से अधिक कब्जेदारों को चिह्नित कर लिया गया है। जिन्हें सिलसिलेवार नोटिस जारी की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
एसडीएम सदर शत्रुहन पाठक ने पहले नजूल की भूमि पर कब्जा करने वालों की छानबीन कराई। इसके बाद सिविल लाइन गॉव से संबंधित कब्जेदारों को 31 मार्च को नोटिस जारी किया है। इसमें कंपनीबाग के बब्लू उर्फ हरि सिंह पर नजूल भूमि गाटा संख्या 3 रकबा 0.165 हेक्टेयर क्षेत्रफल को आवास एवं व्यवसायिक उपयोग में लाए जाने का आरोप है। वहीं कमल टेंट हाउस पर नजूल भूमि गाटा संख्या 8 रकबा 0.101 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अवैध रूप से कब्जा कर आवास एवं व्यवसायिक उपयोग में लाने का आरोप है। इसी तरह मोहम्मद रईस नजूल भूमि गाटा संख्या 17/4 मि रकबा 0.006 हेक्टेयर, जमील अहमद पर नजूल भूमि गाटा संख्या 3 रकबा 0.010 हेक्टेयर, कनक बिहारी भारत गैस एजेंसी कबीर तिराहा पर नजूल भूमि गाटा संख्या 164 मि. रकबा 0.015 हेक्टेयर, न्याय मार्ग स्थित किराना स्टोर संचालक रामरती पर नजूल भूमि गाटा संख्या 3 रकबा 0.011 हेक्टेयर, न्याय मार्ग स्थित नूर मेंस पार्लर के संचालक अमीउल्लाह पर नजूल भूमि गाटा संख्या 3 रकबा 0.010 हेक्टेयर, ज्ञानेंद्र जायसवाल पर नजूल भूमि गाटा संख्या 3 रकबा 0.013 हेक्टेयर, इसी गाटे में महरीपुर के महेश सिंह पर 0.020 हेक्टेयर एवं परमात्मा प्रसाद गुप्ता पर 0.013 हेक्टेयर क्षेत्रफल की नजूल भूमि कब्जा कर आवास एवं व्यवसायिक उपयोग में लाए जाने का आरोप है। जिन दस नजूल की भूखंडों पर अवैध कब्जा बताया गया है उसमें सिविल लाइन के गाटा संख्या तीन में सर्वाधिक कब्जेदार है। इन सभी कब्जेदारों से सात दिन के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
डीएम अंद्रा वामसी ने सख्त रूख अख्तियार किया। उन्होंने सभी एसडीएम को नजूल की जमीनों की जॉच के निर्देश दिए। इसके बाद तहसील प्रशासन की तरफ से कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि अभी बस्ती सदर तहसील में ही केवल कब्जेदारों को नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू हो पाई है।
एसडीएम सदर शत्रुहन पाठक ने कहा कि नजूल भूमि का चिह्नांकन लगातार कराया जा रहा है। कितने भूखंड पर किसका किस तरह का कब्जा है उसका विवरण भी तैयार किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया कब्जेदारों को नोटिस दी जा रही है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं प्रस्तुत किया गया तो यह मान लिया जाएगा कि संबंधित ने नजूल भूमि पर जबरन कब्जा किया है। इसके बाद 14 मार्च 2024 को जारी उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अध्यादेश के तहत एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया जाएगा।

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