आरएसएस शताब्दी वर्ष में देशभर के हर मंडल में शाखा आरंभ करेगा

-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले व अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर
सिलीगुड़ी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का अपने शताब्दी वर्ष में देशभर के हर मंडल में शाखा आरंभ करने की योजना है। आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने यह जानकारी दी। सिलीगुड़ी माधव भवन में इसकी जोरशोर से तैयारी चल रही है। बताया गया की आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी। संघ 2024-25 को शताब्दी वर्ष के रूप में मना रहा है।
आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक पिछले दिनों कच्छ जिले के भुज में संपन्न हुई। इसमें आरएसएस के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत भी मौजूद रहे। साथ ही बैठक में 385 में से 357 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।इस बैठक की जानकारी देते हुए होसबाले ने कहा कि इस बैठक में कई तरह के कार्यों की चर्चा की गई। फिलहाल देशभर में 58060 मंडल में शाखाएं चल रही है। 95528 दैनिक शाखा और साप्ताहिक मिलन केंद्र चल रहे हैं।
देशभर में 37 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक: होसबाले के मुताबिक आरएसएस के देशभर में 37 लाख 900 स्वयंसेवक कार्यरत हैं। आरएसएस की ओर से सदस्य नहीं बनाए जाते, दैनिक शाखा व साप्ताहिक मिलन केंद्र में आने वाले स्वयंसेवकों की भी गिनती नहीं की जाती है। साल में एक बार गुरु पूर्णिमा पर आरएसएस की शाखा में स्वयंसेवकों की गिनती की जाती है।
राम मंदिर को लेकर 1 जनवरी से व्यापक संपर्क अभियान
सरकार्यवाह ने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। देशभर के कोने-कोने से लोगों को जोड़ने के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आया है। इसलिए आरएसएस देशभर में 1 जनवरी से व्यापक संपर्क अभियान चलाएगा। मकर संक्रांति से एक सप्ताह तक मंदिर परिसर और गर्भगृह में रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अनुष्ठान करेगा। इसके लिए देशभर के साधु-संतों को ट्रस्ट की ओर से आमंत्रित किया जाएगा। 1 से 15 जनवरी तक आरएसएस के स्वयंसेवक देशभर में गांवों और घरों पर जाकर ट्रस्ट की ओर से उपलब्ध करवाए जाने वाले राम मंदिर के चित्र और रामलला की मूर्ति बांटेेंंगे और लोगों को अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन के लिए निमंत्रण देंगे।
अलग-अलग होंगे प्रशिक्षण वर्ग
बैठक में आरएसएस के शताब्दी वर्ष के लिए 5 आयाम पर भी चर्चा की गई। अब आयु वर्ग के हिसाब से विद्यार्थियों व युवाओं के लिए अलग व उनसे बड़ी आयु के स्वयंसेवकों के लिए अलग-अलग शिक्षा वर्ग आयोजित किए जाएंगेे। आरएसएस के प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग में निश्चित समय व्यावहारिक प्रशिक्षण देने का बैठक में निर्णय किया गया। अब तक परिसर में शारीरिक व बौद्धिक प्रशिक्षण दिया जाता है। अब व्यावहारिक प्रशिक्षण के तहत सेवा कार्य, समाज में चल रहे सेवा प्रकल्प, समाज कार्य देखने का स्वयंसेवकों को अवसर दिया जाएगा।
सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों व सुरक्षा तंत्र के मध्य सामंजस्य बढ़ाने का प्रयास करेंगे स्वयंसेवक
होसबाले ने कहा कि देशभर में सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा की दृष्टि से सीमा जागरण मंच के माध्यम से इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा, स्वावलंबन, सहित नागरिक कर्तव्य के संबंध में प्रयास किए जाएंगे और इस कार्य को अधिक गति से आगे बढ़ाया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय नागरिक एवं सुरक्षा तंत्र के साथ सामंजस्य बढ़ाने के लिए भी स्वयंसेवक विशेष प्रयत्न करेंगे। रिपोर्ट अशोक झा

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