अयोध्या में बन रहे रामपथ पर विवादित भवन/मंदिर के मालिक को नही मिलेगा मुआवजा केवल दुकानदारों को पुनर्वास सहायता राशि
अयोध्या में बन रहे रामपथ पर विवादित भवन/मंदिर के मालिक को नही मिलेगा मुआवजा केवल दुकानदारों को पुनर्वास सहायता राशि
उप्र अयोध्या में रामपथ बनाया जा रहा है। सड़क को चौड़ीकरण करने के लिए प्रशासन को सबसे ज्यादा समस्या अयोध्या धाम में आ रही है। यहां बड़ी संख्या में भवन, मठ-मंदिर विवादित हैं। उनका न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। ऐसे में प्रशासन जो विवादित भवन/मंदिर हैं उनके मालिक को मुआवजा न देकर केवल दुकानदारों को पुनर्वास सहायता राशि दे रहा है। विवाद खत्म होने के बाद मालिकों का मुआवजा तय होगा।
सआदतगंज से नयाघाट तक 13 किमी. लंबे मार्ग को रामपथ के रूप में विकसित किया जाना है। चौड़ीकरण की जद में लगभग 2700 दुकानें, 30 मंदिर व 17 मस्जिद/मजारें आ रही हैं। चौड़ीकरण का मुख्य काम रिकाबगंज से नियावां, नियावां से टेढ़ीबाजार और टेढ़ीबाजार से नयाघाट तक किया जाना है।
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बुधवार को बताया कि अयोध्याधाम में बहुत से मठ-मंदिर व भवनों में किरायेदारी का विवाद चल रहा है। कई मामले न्यायालय में विचाराधीन है। इसके चलते मुआवजा देने और इन्हें तोड़ने आदि में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि जिनका न्यायालय में विवाद है उनके मालिक को हम भवन का पैसा नहीं दे रहे हैं। उनका पैसा होल्ड किया जाता है, विवाद के निपटारा होने या फिर सहमति बन जाने पर ही मुआवजा दिया जाएगा। केवल दुकानदारों को पुनर्वास सहायता राशि दी जाएगी।
मकान/दुकान तोड़ने के लिए तय नहीं है समय-सीमा
एडीएम प्रशासन ने एक और भ्रम दूर करते हुए बताया कि दुकान व मकान तोड़ने के लिए कोई समय सीमा नहीं तय है। बताया जा रहा है कि 15 दिसंबर तक की समय सीमा नियत है ऐसा नहीं है। जिन दुकानदारों ने 15 दिसंबर तक स्वयं दुकान व मकान तोड़ना या बनवाना शुरू कर दिया है हम उन्हें कतई परेशान करने वाले नहीं हैं। बल्कि मलबा हटाने जैसे कार्यों में हम उनकी मदद भी करेंगे।
एक से 10 लाख तक दी जा रही पुनर्वास सहायता राशि
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि दुकानदारों को पुनर्वास सहायता राशि दी जा रही है। इसका भी एक मानक तय किया गया है। मुआवजा भी भवन की चौड़ाई, गहराई व भवन की आयु के आधार पर दिया जा रहा है। बताया कि मुआवजे की धनराशि कुर्सी रेट के आधार पर दी जा रही है। प्रति वर्ग मीटर 15561 रुपये निर्माण लागत की दर से मुआवजा दिया जा रहा है। करीब दो हजार दुकानदारों को पुनर्वास के लिए सहायता राशि दी जानी है। यह सहायता राशि न्यूनतम एक लाख व अधिकतम 10 लाख निर्धारित की गई है।
अब तक 230 की हो चुकी रजिस्ट्री
चौड़ीकरण को लेकर रिकाबगंज से नयाघाट तक लगभग एक हजार लोगों के बैनामे होने हैं। इनमें से अब तक 600 दुकानदारों ने बैनामा करने की सहमति दे दी है। 400 दुकानदारों की सहमति पाइपलाइन में है। वहीं करीब 230 लोगों की रजिस्ट्री मंगलवार तक हो चुकी थी।