चुनावी सभा में इस दौरान ओवैसी ने खुद को तेजस्वी का जीजा बता दिया

मचा है सियासी हलचल,पीएम नरेंद्र मोदी सीमांचल की जनता को घुसपैठी बोल कर तौहीन कर रहे हैं

चुनावी सभा में इस दौरान ओवैसी ने खुद को तेजस्वी का जीजा बता दिया
– मचा है सियासी हलचल,पीएम नरेंद्र मोदी सीमांचल की जनता को घुसपैठी बोल कर तौहीन कर रहे हैं
ठाकुरगंज : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को बिहार के किशनगंज संसदीय क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। इस दौरान ओवैसी ने खुद को तेजस्वी का जीजा बता दिया। इस दौरान ओवैसी के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ तेजस्वी यादव भी रहे। पत्रकारों ने तेजस्वी यादव को लेकर ओवैसी से एक सवाल पूछा. जिस पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘दूल्हे भाई के बगैर जिंदा नहीं रह सकते न वो।’ दरअसल,ओवैसी से यह सवाल किया गया था कि तेजस्वी यादव लगातार आप पर निशाना साध रहे हैं। जिसके जवाब उन्होंने यह जवाब दिया। सीएए-एनआरसी पर बोले ओवैसी : सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीएए-एनआरसी लागू करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुसलमानों को नागरिकता से महरूम करना चाहते हैं। अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी सीमांचल की जनता को घुसपैठी बोल कर तौहीन कर रहे हैं। दस साल वो लोग क्या सो रहे थे? हमेशा वह घुसपैठिया करार देते हैं। इससे यह बात साबित होती है कि एनआरसी के जरिए तकलीफ पहुंचाना चाहते हैं। सीमांचल की जनता के लिए पूर्णिया में एयरपोर्ट क्यों नहीं बनाया?
ओवैसी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की
वहीं, एआईएमआईएम चीफ ने संसद में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व को रेखांकित करते हुए मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि हमारा कहना है कि आजादी के बाद से देश में 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं लेकिन सांसद बनने वाली मुस्लिम महिलाओं की संख्या सिर्फ 20 रही है, तो फिर मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं? मेरा तर्क है कि मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग मिलकर कुल आबादी का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा हैं. हम इस विशाल सामाजिक वर्ग की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि किशनगंज लोकसभा सीट पर प्रचार अभियान जोरों पर है, जहां 67% मुस्लिम वोटर हैं। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर कहा कि वे (मोदी) CAA-NRC लागू करके मुसलमानों को नागरिकता से महरूम करना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह सीमांचल की जनता को घुसपैठी बोलकर तौहीन कर रहे हैं।
बाबरी मस्जिद और बिल्किस बानो का भी किया जिक्र
उन्होंने आगे कहा कि क्या 10 साल से वो लोग सो रहे थे? वह हमेशा घुसपैठिया करार देते हैं। इससे यह बात साबित होती है कि एनआरसी के जरिए तकलीफ पहुंचाना चाहते हैं। सीमांचल की जनता के लिए पूर्णिया में एयरपोर्ट क्यों नहीं बनाया गया। ओवैसी ने अपनी सभाओं में मुस्लिम मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए विवादित बाबरी मस्जिद के साथ-साथ बिल्किस बानो तक का जिक्र किया और केंद्र को जालिमों की सरकार बताई।
दूल्हे भाई के बैगर जिंदा नहीं रह सकते : ओवैसी
ओवैसी ने तेजस्वी यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर तंज कसते हुए कहा कि दूल्हे भाई के बैगर जिंदा नहीं रह सकते। दरअसल, ओवैसी से यह सवाल किया गया था कि तेजस्वी यादव लगातार आप पर निशाना साध रहे हैं, जिसके जवाब में ओवैसी मर्यादा भूल गए और खुद को तेजस्वी यादव का जीजा बता दिया। उन्होंने कहा कि बिना दूल्हे भाई का नाम लिए वो जिंदा नहीं रह सकते हैं।
किशनगंज संसदीय सीट के अस्तित्व में आने के बाद से यह कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी यहां से नौ बार जीत का सेहरा अपने सिर पर बांध चुके हैं। हालांकि, बीच के कुछ चुनाव में किशनगंज सीट कांग्रेस के ‘हाथ’ से फिसल गई। लेकिन, वर्ष 2009 से 2019 तक यहां लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किशनगंज सीट पर चुनावी चौका लगाने की फिराक में है वहीं जदयू और एआईएमआईएम उसके विजयी पथ पर रोड़ा अटकाने में लगे हैं और सियासी जंग को त्रिकोणीय बना रहे हैं। किशनगंज लोकसभा क्षेत्र ने देश की कई बड़ी हस्तियों को सांसद बनाकर दिल्ली भेजा। चाहे सैयद शहाबुद्दीन हो या वरिष्ठ पत्रकार एम. जे. अकबर या सैयद शाहनवाज हुसैन अलग-अलग पाटिर्यों से मैदान में उतरे इन तीनों नेताओं को किशनगंज ने पहचान दी थी।
पिछले कुछ सालों में हैदराबाद की पार्टी के नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम इस इलाके में सक्रिय है. इसका नतीजा 2020 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला जब ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में इस इलाके में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी।बिहार में कोई स्थानीय मुस्लिम चेहरा या नेता नहीं होने का फायदा ओवैसी की पार्टी ने उठाया। पिछले तकरीबन 10 सालों से सीमांचल के पिछड़ेपन को बड़ा मुद्दा बनाते हुए ओवैसी लगातार यहां दौरा कर रहे हैं और इस बार के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने किशनगंज लोक सभा सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को मैदान में उतारा है।
पहली बार किशनगंज से चुनावी मैदान में उतरे इन तीनों नेताओ में सैयद शहाबुद्दीन और एम. जे. अकबर पहली बार में ही संसद पहुंचे वहीं सैयद शाहनवाज हुसैन को दूसरी बार मौका मिला लेकिन तीनों दूसरी बार संसद नहीं पहुंच पाए। किशगनंज 14 जनवरी 1990 में जिला बना। जिला बनने से पहले किशनगंज, पूर्णिया जिले का अनुमंडल था। जिला बनाने का श्रेय तत्कालीन सांसद एम. जे. अकबर को जाता है। महज डेढ़ साल में अपने कार्यकाल में उन्होंने किशनगंज को दो बड़ी सौगात दी, पहला किशगनंज को जिला बनाकर एवं दूसरा किशनगंज के रास्ते कटिहार-सिलीगुड़ी के रास्ते इंटरसिटी एक्सप्रेस के रूप में।आजादी से अबतक यहां से सिफर् एक बार 1967 में गैर मुस्लिम लखन लाल कपूर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से सांसद चुने गए थे। इसके पहले और बाद में भी कोई हिंदू यहां से नहीं जीत पाया।
रिपोर्ट अशोक झा

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