बंगाल में दूसरे चरण के चुनाव में कई दिग्गज नेताओं का प्रतिष्ठा दांव पर

सिलीगुड़ी: लोकतंत्र के महापर्व में दुसरे चरण का चुनाव प्रचार थमने से झंडे लगीं कारों की आवाजाही, नुक्कड़ सभा और लाउड स्पीकर से चल रहे प्रचार का शोरगुल पूरी तरह थम गया है। जिसके चलते प्रत्याशी और उनके समर्थक घुसपैठ के माध्यम से वोटरों पर डोरे डालने में जुटे हुए हैं। संख्या पश्चिम बंगाल की 3 सीटों पर होगा मतदान
1. दार्जिलिंग2. बालुरघाट3. रायगंज
किस सीट पर किससे है मुकाबला?लोकसभा सीट NDA कांग्रेस TMC दार्जिलिंग राजू बिस्ट मुनीश तमांग अनित थापा
बालुरघाट सुकांत मजूमदार बख्तियार मुजाहित साहनी बिप्लब मित्रा। रायगंज कार्तिक पॉल इमरान अली रमज़ उर्फ विक्टर कृष्णा कल्याणी।उत्तर बंगाल में वर्तमान में ये तीनों सीटें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कब्जे में है। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के चुनाव में दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट में वोट डाले जाएंगे। उत्तर बंगाल की ये प्रमुख सीटें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट की चुनावी किस्मत तय करेंगी।रायगंज में बीजेपी ने TMC की कृष्णा कल्याणी को टक्कर देने के लिए कार्तिक पॉल को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में बीजेपी की देबाश्री चौधरी ने तृणमूल के कनिया लाल अग्रवाल को 60,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराकर यह सीट हासिल की थी। 2019 में बालुरघाट से विजयी हुए बीजेपी के बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का मुकाबला टीएमसी के बिप्लब मित्रा से है। मजूमदार ने 2019 में 30,000 से अधिक वोटों की बढ़त के साथ बालुरघाट सीट हासिल की। राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री बिप्लब मित्रा के पास वर्तमान में हरिरामपुर विधानसभा सीट है।वहीं दार्जिलिंग में बीजेपी के मौजूदा सांसद राजू बिष्ट टीएमसी के गोपाल लामा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखाओं द्वारा ‘गोरखालैंड’ की मांग दार्जिलिंग में एक प्रमुख मुद्दा बनी हुई है, जहां समुदाय महत्वपूर्ण प्रभाव रखता है। खासकर दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कालिम्पोंग की पहाड़ियों में इनका अच्छा खासा प्रभाव है। सियासी समीकरण: गोरखा समुदाय के पूर्व नेता और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि गुरुंग का प्रभाव कम हो गया है, फिर भी वह बिष्ट के पक्ष में वोट मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं। पहले चरण में कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में मतदान हुआ, जहां करीब 82 फीसदी वोटिंग हुई।।बता दें कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हुए। 19 अप्रैल को हुए शुरुआती चरण में लगभग 64 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद 6 और चरणों में 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को मतदान होगा। जबकि मतगणना देश भर में एक साथ 4 जून को होगी। बंगाल से सटे सीमांचल में भी सभी दल जीत को लेकर दावे भी कर रहे हैं. इन पांच सीटों में से सीमांचल की किशनगंज और पूर्णिया में त्रिकोणात्मक मुकाबला देखने को मिल रहा है जबकि अन्य तीन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है।वहीं, इन सीटों पर 2019 लोकसभा के चुनाव में किनके-किनके बीच मुकाबले थे? और जीत किसको मिली व हार किसे देखना पड़ा. सबकुछ विस्तार से जानिए।
किशनगंज में है त्रिकोणीय मुकाबला: मुस्लिम बहुल किशनगंज में मुकाबला दिलचस्प है. यहां कांग्रेस से निवर्तमान सांसद मोहम्मद जावेद, जदयू के मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तरुल ईमान के बीच है। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यहां आकर रैलियां कर चुके हैं।ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है. वैसे माना यही जा रहा है कि यहां किसी को आसानी से जीत नहीं मिलने वाली। वहीं, पिछले 2019 के चुनाव में कांग्रेस से डॉ. मोहम्मद जावेद को जीत मिली थी। महागठबंधन को एक मात्र सीट किशनगंज से जीत मिली थी. डॉ. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 वोट मिले थे।दूसरे नंबर पर जेडीयू के टिकट से सैयद महमूद अशरफ थे।जिन्हें 3,32,551 वोट मिले थे।कटिहार से इस बार भी चुनावी मैदान में हैं तारिक अनवर। कटिहार में जदयू के दुलाल चंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में यहां से जेडीयू के टिकट से दुलाल चंद गोस्वामी विजयी हुए थे। तारिक अनवर इसी सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं और इस चुनाव में ‘छक्का’ मारने को लेकर कठिन परिश्रम कर रहे हैं। पिछले चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट से तारिक अनवर ने इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। बता दें कि दुलाल चंद गोस्वामी को पिछले चुनाव में 5,59,423 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे तारिक अनवर 5,02,220 वोट मिले थे। पूर्णिया सीट से पप्पू यादव लड़ रहे हैं निर्दलीय चुनाव: इस चुनाव की सबसे हॉट सीट पूर्णिया है. यहां मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है।पूर्णिया में जदयू के संतोष कुशवाहा और राजद की बीमा भारती के साथ पप्पू यादव के बीच कांटे की टक्कर है।पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबला रोचक बना दिया है। वहीं, इस सीट 2019 के लोकसभा चुनाव में संतोष कुमार ने जेडीयू के टिकट से जीत दर्ज की थी. इन्हें 6,32,924 वोट मिले थे. इनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के टिकट से उदय सिंह रहे. उदय सिंह को 3,69,463 वोट मिले थे। भागलपुर में जदयू के अजय मंडल का सीधा मुकाबला कांग्रेस के अजीत शर्मा से है. शर्मा अजय मंडल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं लेकिन एनडीए भागलपुर में पूरा जोर लगाए हुए है। वहीं, 2019 के चुनाव में इस सीट से अजय कुमार मंडल को जेडीयू के टिकट से जीत मिली थी। अजय कुमार मंडल को 6,182,54 वोट मिली थी। इनके प्रतिद्वंदी दूसरे नंबर शैलेश कुमार रहे। शैलेश कुमार आरजेडी से चुनाव लड़े थे। इनको 3,40,624 वोट मिले थे।बांका सीट पर कांटे की टक्कर: बांका में जदयू के गिरधारी यादव का मुकाबला राजद के जय प्रकाश यादव से है। 2019 के लोकसभा में जदयू के गिरधारी यादव ने आरजेडी के प्रत्याशी जय प्रकाश यादव को हराया था।जय प्रकाश इस चुनाव में खूब पसीना बहा रहे हैं। इस कारण यहां कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। बता दें कि पिछले चुनाव में गिरिधारी यादव को 4,777,88 वोट मिले थे. जबकि जय प्रकाश नारायण यादव को 2,77,256 वोट मिले थे। रिपोर्ट अशोक झा

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