संविदा कर्मियों के दो साल के ईपीएफ का डेढ़ करोड़ गायब

संविदा कर्मियों के दो साल के ईपीएफ का डेढ़ करोड़ गायब

उप्र बस्ती जिले में स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मियों के मानदेय का मामला डीएम प्रियंका निरंजन के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हुआ, मगर करीब दो सौ कर्मियों के ईपीएफ का भुगतान करीब डेढ़ करोड़ रुपये दो साल से कटौती के बाद भी उनके खातों में जमा नहीं हुए हैं। अब जब संविदा कर्मी मानदेय को लेकर आंदोलित हुए तो यह मामला भी खुलकर सामने आया है। हालांकि जिला लेखा प्रबंधक शशि मौली रतन पांडेय ने कहा कि संविदा कर्मियों के ईपीएफ का कुछ धन दिया गया था, मगर खातों के चलते इधर करीब छह माह से दिक्कत आई है।उल्लेखनीय है कि आठ हजार से 15 हजार तक मानदेय पाने वाले संविदा कर्मियों की ईपीएफ विभाग की ओर से काटा जाता है। इस मद में 18 सौ रुपये अधिकतम कटौती होती है। इतना ही धन सरकार संविदा कर्मियों के खाते में दे देती है। खबर है कि पिछले वर्ष फरवरी 2021 से अब तक करीब दो सौ कर्मियों के खाते में कर्मचारी भविष्य निधि का धन मानदेय से कटौती के बाद भी विभाग के जिम्मेदारों ने नहीं भेजा। नतीजतन इसका नुकसान कर्मियों को हुआ है। क्योंकि खाते में जो धन नहीं पहुंचा उसका ब्याज तो मारा ही गया, साथ ही सरकार की ओर से दिए जाने वाले अंशदान को भी कर्मी नहीं पा सके।‌ जिम्मेदारों की लापरवाही से दोहरी मार झेल रहे कर्मियों ने कहा कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। जब कटौती कर ली गई है तो यह धन कहां किसके खाते में रखा गया है। क्योंकि दो सौ से अधिक कर्मियों के दो साल से कटौती किए गए धन का हिसाब प्रशासन को लेना चाहिए। कर्मियों को तो लाभांश के अलावा तमाम अन्य लाभ नहीं मिल सका है।

प्रभारी सीएमओ डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि संविदा कर्मियों के ईपीएफ का मामला संज्ञान में आया है। इसकी कटौती कर धन क्यों नहीं दिया गया। इसकी जांच कराई जाएगी। जबकि तत्काल प्रभाव से कर्मियों के ईपीएफ को उनके खाते में हस्तांतरित करने का निर्देश भी दिया गया है।

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