अगर रहना है जवां तो करते रहे रक्तदान, हार्ड अटैक से होगा बचाव

अगर रहना है जवां तो करते रहे रक्तदान, हार्ड अटैक से होगा बचाव
– मां की स्मृति में नि: शुल्क स्वास्थ्य शिविर व रक्तदान का आयोजन
सिलीगुड़ी: मां है एक पूर्ण-संपूर्ण एहसास। एक सागर समाहित कर लेता है सबको अपने आप में,अपने अस्तित्व में। फिर भी कभी नहीं उफनता हजारों सुख-दुख की लहरें उमड़ती हैं। उसमें पर हम तक आने वाली हर लहर शांत, शीतल, और जीवनदायिनी होती है।
मां तो सबके जैसे होती है परंतु मां जैसा दूसरा कोई नहीं होता। इस बात का ना मुझे एहसास है बल्कि जीवन के हर क्षण उनकी यादें राह दिखाती है। यह कहना है भगवती एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, भाभी मां आटा और मयूर स्कूल के निदेशक विमल डालमिया का। मां रत्नी देवी की स्मृति में आगामी 5 मई यानि रविवार को नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहे है। यह आयोजन पाथरघाटा स्थित भगवती प्राइवेट लिमिटेड के निकट किया जायेगा। इसके आयोजन में लायंस कल्ब ऑफ़ यूनाइटेड चेप्टर के सौजन्य से संपन्न कराया जाएगा। इस शिविर में रक्तदान के अलावा दांतों, आखों और शारीरिक जांच की जाएगी। इसके माध्यम से क्षेत्र के बस्ती में रहने वाले परिवार को स्वास्थ्य संबंधित सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। रक्त दान को महादान कहा जाता है। रक्त दान करने से ना सिर्फ हम एक व्यक्ति की मदद करते हैं, बल्कि हमारे शरीर को भी इससे फायदा होता है। नियमित रक्तदान करने से बोन मैरो को हर बार रक्त बनाने का काम करना पड़ता है। इससे उसके अंदर वसा जमा नहीं हो पाती और खून बनाने की क्षमता बोन मैरो में बनी रहती है और लंबे समय तक युवा बने रहते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से इंसान कई तरह की परेशानियों से बचा रहता है। रक्तदान करने से आपका स्ट्रेस कम होता है और इमोशनली स्ट्रॉन्ग होते हैं। ब्लड डोनेट करने से शरीर में एक्सट्रा जो आयरन होता है वह निकल जाता है। ब्लड डोनेट करने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। इससे आपका लिवर हेल्दी रहता है। कौन लोग कर सकते हैं ब्लड डोनेट: रक्त दान करने के लिए सबसे पहले यह मायने रखता है कि आप की उम्र 18 वर्ष हो और आप हेल्दी हो. बीमार इंसान रक्त नहीं दे सकता है. रक्त दान करने के लिए वजन 50 किलो होना चाहिए. इससे कम वजन वाले रक्त दान नहीं कर सकते हैं. पुरुष अगर रक्त दान करता है तो वह 90 दिन के बाद ही दोबारा ब्लड दे सकता है. अगर महिला रक्त दान करती है तो 120 दिन के बाद ही दोबारा ब्लड डोनेट कर सकती है. रक्त दान करने वाले व्यक्ति का हीमोग्लोबिन लेवल 12.5 से ज्यादा या बराबर होना चाहिए. ब्लड डोनेट से क्या फायदे हैं?
तनाव कम होता है। भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार होता है।ब्लड डोनेशन के दौरान फ्री चेकअप से शारीरिक लाभ होता है।नेगेटिव भावनाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।एक स्वस्थ हृदय और संवहनी प्रणाली।अक्सर ब्लड डोनेट करने से ब्लड प्रेशर और दिल के दौरे का जोखिम कम हो सकता है। यहां आने वाले किसी व्यक्ति के जांच में कोई बीमारी पाई जाती है तो उसका इलाज कैसे हो इसपर भी विचार होगा। शिविर में समाजसेवी और गणमान्य व्यक्तियों के उपस्थित रहने की उम्मीद है। डालमिया ने बताया की वह जानते है आज पैसा से जरूरी है लोगों का स्वास्थ्य। हेल्थ इज बेल्थ को ध्यान में रखकर परिवार के साथ यह कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। रिपोर्ट अशोक झा

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