चुनाव बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का भारत दौरा, बांग्लादेश और चीन के बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भारत चिंतित

 

नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चुनाव के बाद भारत आ रही हैं। कहा जा रहा है कि वह अपनी अगली चीन यात्रा की जानकारी देने के लिए जुलाई के पहले हफ्ते में भारत आएंगी। ऐसा तब हो रहा है, जब भारत, बांग्लादेश और चीन के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चिंतित है। दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में काफी सरगर्मी देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से चीनी हथियार तेजी से बांग्लादेश की सेना में शामिल हो रहे हैं।तीस्ता और अन्य नदियों के जल बंटवारे पर अगर कोई निर्णायक स्थिति बन जाती है, तो बांग्लादेश में कृषि और जल आधारित रोजगार मिलने लग जाएंगे, फलस्वरूप भारत में घुसपैठ थमने की उम्मीद की जा सकेगी। दोनों देशों को संधि के उपरांत संयुक्त रूप से बाढ़ और सूखे की आपदा से निपटने के उपाय तलाशना भी आसान होगा। मगर तीस्ता के विकास को लेकर चीन का दखल सामने आता है, तो जल-बंटवारे की संभावना लंबे समय तक खटाई में पड़ जाएगी।
भारत और बांग्लादेश में बहने वाली तीस्ता नदी पर चीन का हस्तक्षेप अभी तक दिखाई नहीं देता था। पर अब इस नदी पर एक विशाल जलाशय बनाने के बहाने चीन ने बांग्लादेश के विकास कार्यों में सहयोग की इच्छा जताई है। ‘चिकन नेक’ नाम से जाने जाने वाले सिलीगुड़ी गलियारे के निकट प्रमुख परियोजना पर भारत द्वारा आपत्ति उठाए जाने पर बांग्लादेश ने यह जानकारी दी है। शेख हसीना भारत के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाली पहली वैश्विक नेता होंगी। संभावना है कि शेख हसीना बांग्लादेश और चीन के बीच बढ़ते रणनीतिक गठजोड़ पर भी चर्चा कर सकती हैं, क्योंकि इससे भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं। चीन की मदद से सैन्य ताकत बढ़ा रहा बांग्लादेश: बांग्लादेश ने अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वकांक्षी योजना तैयार की है। इसे फोर्सेज गोल-2030 का नाम दिया गया है। इस राष्ट्रीय रक्षा नीति को साल 2009 में लॉन्च किया गया था। इसके तहत बांग्लादेश ने चीन की मदद से चटगांव के कॉक्स बाजार जिले के पेकुआ में ‘बीएनएस शेख हसीना’ पनडुब्बी बेस को बनाया है। इसे चीनी कंपनी ने चीन से मिले 1.2 अरब डॉलर के कर्ज से निर्मित किया है। इसके अलावा बांग्लादेश ने चीन से 2017 में दो पनडुब्बियों बीएनएस नवजत्रा और बीएनएस जयजात्रा की भी खरीद की है। भारत और चीन में संतुलन बनाना चाहती हैं शेख हसीना: सूत्रों के मुताबिक, भारत बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव पर करीब से नजर रख रहा है और मानता है कि हर देश के पास स्वतंत्र रक्षा और विदेश नीतियां रखने का अपना संप्रभु अधिकार है। हालांकि, बांग्लादेश और चीन के बीच बढ़ती सैन्य मित्रता के साथ यह पड़ोसी देश चीनी सेनाओं को भारत के करीब ला रहा है, जो देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र को लगभग छू रहा है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के नए प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाली पहली नेता बनना चाहती हैं और चर्चा करना चाहती हैं कि बांग्लादेश सरकार भारत और चीन के बीच रणनीतिक संतुलन कैसे बनाए रखेगी, जो बंगाल की खाड़ी की समृद्धि और शांति के लिए महत्वपूर्ण है।भारत के साथ आर्थिक समझौता चाहती हैं हसीना: हसीना ने आखिरी बार सितंबर 2023 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान बांग्लादेश को भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया था। यात्रा के दौरान, बांग्लादेश ने भारत के साथ एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के लिए बातचीत शुरू करने पर जोर दिया था, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार और निवेश शामिल था। यह भी संभावना है कि पीएम हसीना की भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्ष बांग्लादेश को भारतीय हथियारों के निर्यात पर भी चर्चा कर सकते हैं क्योंकि ढाका ने नई दिल्ली से सैन्य हार्डवेयर खरीदने में रुचि व्यक्त की है। सूत्रों ने कहा कि भारत बांग्लादेश को लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बेचने का इच्छुक है और इस कदम पर शुरुआती बातचीत पहले ही हो चुकी है। रिपोर्ट अशोक झा

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