बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग में आयोजित हुआ राष्ट्रीय सरदर्द कार्यशाला

आईएमएस निदेशक बोले - कार्यशाला से मिलता है भावी चिकित्सकों को अनुभव

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा राष्ट्रीय सरदर्द कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर निर्मल सूर्या, आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एस. एन. शंखवार और चिकित्साधीक्षक प्रोफेसर के. के. गुप्ता ने किया. इस दौरान आमंत्रित अतिथि प्रोफेसर अशोक चौधरी मौजूद रहे.

उद्घाटन सत्र में आईएमएस निदेशक प्रोफेसर एस. एन. शंखवार ने कहा कि पूर्वांचल की ज्यादातर खासकर महिलाएं सिरदर्द की समस्या से ग्रसित है. हेडक न केवल मरीज को ही बल्कि परिवार को भी परेशान करता है. ऐसे कार्यशाला अत्यंत आवश्यक है जिससे पूर्वांचल, बिहार समेत कई राज्यों के मरीज आते है. उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र से ऐसे कार्यशाला निरंतर आयोजित करने को कहा. इस दौरान चिकित्साधीक्षक प्रो. के. के. गुप्ता ने कहा की ऐसे सेमिनार की वजह से वरिष्ठ चिकित्सकों से शोधकर्ता, छात्र छात्राओं सहित नए चिकित्सकों को उनके अनुभव के आधार पर सीखने को मिल जाता है.

डॉक्टर निर्मल सूर्या ने कहा कि हेडक या तेज सिरदर्द ही माइग्रेन है. सिर के एक तरह तेज दर्द ही माइग्रेन है. माइग्रेन का दर्द कम से कम चार घंटे और कई बार कई दिनों तक बना रह सकता है. माइग्रेन में इलाज भी सतर्कता से की जानी चाहिए. इस दौरान उन्होंने कई मरीजों का उदाहरण देते हुए इलाज की बारीकियां बताई. अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर अभिषेक पाठक ने किया. इस दौरान डॉक्टर आर. एन. चौरसिया, प्रोफेसर दीपिका जोशी, डॉक्टर वरुण सहित न्यूरोलॉजी विभाग के शोध छात्र के आलावा डॉक्टरी के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे.

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