भाजपा नेता दिलीप घोष के पोलिंग एजेंट की हत्या , भाजपाइयों में आक्रोश

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले के मंतेश्वर इलाके से पुलिस ने भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष के बूथ कार्यकर्ता का शव बरामद किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान भारतीय जनता पार्टी के का कार्यकर्ता अभिजीत रॉय के रूप में हुई है। वह बुधवार से ही लापता चल रहे थे. वह 13 मई को हुए चौथे चरण के लोकसभा चुनाव में बर्धमान दुर्गापुर सीट के 168 नंबर बूथ पर पोलिंग एजेंट भी थे। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने दावा किया कि उसकी हत्या टीएमसी कार्यकर्ताओं ने की है, हालांकि सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस आरोप से इनकार किया है। घटना के बाद आज भाजपा की ओर से मंतेश्वर थाने का घेराव कर प्रदर्शन करते हुए आरोपीयो की गिरफ्तारी की मांग की गई। भाजपा नेता इस हत्या के पीछे टीएमसी का हाथ बता रहे है। अभिजीत रॉय मंतेश्वर के जमना क्षेत्र में भाजपा बूथ अध्यक्ष और बूथ संख्या 168 के पोलिंग एजेंट थे। मंतेश्वर बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है जहां दिलीप घोष भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। घोष का टीएमसी पर आरोप: बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष ने दावा किया, ‘टीएमसी हमेशा क्षेत्र को आतंकित करने की कोशिश करती है ताकि वह बूथों पर धांधली कर सके। इस बार टीएमसी ऐसा करने में विफल रही और हताशा में उन्होंने शायद अभिजीत की हत्या कर दी। उधऱ, अपनी ओर से, टीएमसी प्रवक्ता प्रसेनजीत दास ने कहा, ‘भाजपा को हर घटना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पुलिस जांच कर रही है और सभी दोषियों को सजा दी जाएगी।
एक फार्महाउस में मिला शव: पुलिस के अनुसार, ग्रामीणों को गुरुवार सुबह एक फार्महाउस में रॉय का शव मिलने के बाद मंतेश्वर पुलिस की एक टीम ने मौके पहुंच कर शव को कब्जे में लिया. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। रॉय की मौत की खबर फैलने के तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मंतेश्वर पुलिस स्टेशन के सामने इकट्ठा होने लगे और हत्या का मामला दर्ज करने और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए परिसर का घेराव किया।
टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किया: स्थानीय भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि रॉय की हत्या तृणमूल कांग्रेस समर्थित बदमाशों ने की है और दावा किया कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि वह अपना जीवन समाप्त कर लें। रिपोर्ट अशोक झा

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