चुनाव से पहले पुलिस की छापामारी से गरमाई बंगाल की राजनीति

सुभेंदु अधिकारी ने कहा जायेंगे इसके खिलाफ कोर्ट

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल में 25 मई को वोटिंग होनी है। इससे पहले राजनीति गर्मा सकती है। बंगाल पुलिस ने आज यानी बुधवार को सुबह घाटल संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार हिरण्मय चटर्जी के पीए के घर छापेमारी की है।ये छापेमारी ऐसे वक्त में हुई है, जब तीन दिन बाद यानी 25 मई को यहां चुनाव होने वाले हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस पीए तमोघ्नो डे के घर पर बुधवार तड़के 2.30 बजे पहुंची और छापेमारी शुरू की. पुलिस घाटल में ही दो अन्य बीजेपी नेताओं के घर भी पहुंची।हिरण्मय चटर्जी के पीए तमोघ्नो डे की मां ने बताया है कि जब पुलिस उनके घर पर आई तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। उनका कहना है कि वह घर पर अकेले थीं, जिसकी वजह से उन्होंने दरवाजा खोलना सही नहीं समझा। तमोघ्नो डे की मां ने कहा कि उनके बेटे का सिर्फ एक कसूर है कि वह हिरण्मय चटर्जी के साथ रहते हैं, जिसकी वजह से पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस मुद्दे पर टीएमसी पर हमला बोल सकती है।छापेमारी के बाद सुबह घर से बाहर निकली बंगाल पुलिस
मिली जानकारी के मुताबिक, घाटल पुलिस स्टेशन और खड़गपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी छापेमारी के लिए हिरण्मय चटर्जी के पीए के यहां पहुंचे थे। छापेमारी के लिए पहुंची टीम ने किसी तरह से घर में एंट्री की और अपने काम को अंजाम दिया। पुलिस अधिकारी सुबह 6.30 बजे छापेमारी करने के बाद वहां से रवाना हुए। पुलिस दो और बीजेपी नेताओं के घर भी गई, दोनों घाटल सांगठनिक जिले से हैं. उनके नाम सौमेन मिश्रा और तन्मय घोष हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि बंगाल पुलिस की छापेमारी ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाले हैं। पांच चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब छठे चरण की तैयारी चल रही है। छठे चरण का मतदान 25 मई को होने वाला है. घाटल में भी इसी दिन वोटिंग होने वाली है।
वही दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल पुलिस पर बिना “वैध कारण” के पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट में उनके चुनाव कार्यालय पर छापा मारने का आरोप लगाया और कहा कि वह निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराएंगे। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी इसके बाद कोलाघाट थाने गए और “बिना किसी उचित दस्तावेज के” छापा मारे जाने का कारण पूछा।उन्होंने कहा,, “पुलिस ने मेरे चुनाव कार्यालय पर छापा मारने से पहले न तो निर्वाचन आयोग और न ही उच्च न्यायालय की अनुमति ली। यह तुरंत रुकना चाहिए। मैं निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराऊंगा।सुवेंदु ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकती और अगर पुलिस के पास सर्च वारंट होता तो पुलिस उनकी मौजूदगी में तलाशी ले सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सुवेंदु ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष उनके खिलाफ तरह-तरह की साजिशें रच रहा है। मेरे भाई व मेरे बुजुर्ग माता-पिता को भी परेशान किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस उनके घर और कार्यालय में क्यों गई। भाजपा नेता ने पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर वे लोग मेरी गैरमौजूदगी में घर पर टूटी हुई बंदूकें, नकदी या हेरोइन छोड़ जाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”वहीं, टीएमसी के सांसद शांतनु सेन ने अधिकारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “अगर पुलिस ने उनके कार्यालय या आवास पर छापा मारा है, तो कोई न कोई वैध कारण जरूर होगा। रिपोर्ट अशोक झा

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