रियासी टेरर अटैक के खिलाफ देशभर में बीएचपी-बजरंग दल आज होगा प्रदर्शन

– जिहादी आतंकवाद’ का पुतला दहन कर राष्ट्रपति को भेजेंगे मांगपत्र
सिलीगुड़ी: जम्मू-कश्मीर में तीर्थ यात्रियों पर आतंकी हमले के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल बुधवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा। इसी कड़ी में सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल के सभी जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन किया जायेगा। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बताया कि सिलीगुड़ी एयरव्यू मोड़ पर जिहादी आतंकवाद का पुतला फूंक कर विरोध जताया जायेगा। कहा की देश की नई सरकार के शपथ ग्रहण के दिन जम्मू कश्मीर के रियासी में तीर्थ यात्रियों पर हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमले के विरुद्ध बजरंग दल बुधवार को विरोध प्रदर्शन करेगा। विहिप प्रवक्ता ने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता बुधवार को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और ‘जिहादी आतंकवाद’ का पुतला दहन कर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी स्थानीय पदाधिकारी के माध्यम से देंगे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बजरंग दल के कार्यकर्ता पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले में बलिदान हुए तीर्थयात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी करेंगे। जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों का दावा है कि रियासी टेरर अटैक के पीछे लश्कर कमांडर साजिद जट्ट का ही हाथ है। उसी ने आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को हमला करने का आदेश दिया था।
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा जिहादी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है । इस संगठन को पाकिस्तान का समर्थन है। इस संगठन के आतंकी लेवहां जंगल में छुपे हुए थे और अचानक बस के सामने आ गए और गोलीबारी शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर के रियासी में रविवार को आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों से भरी बस पर उस समय आतंकी हमला कर दिया था, जब बस शिवखोड़ी से कटरा की तरफ जा रही थी। आतंकवादियों ने बस पर रविवार शाम को अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे बस खाई में जा गिरी। इस हमले में नौ लोगों की मौत हो गई और अन्य कई तीर्थयात्री घायल हुए थे।300 से 400 जेहादी सोपोर में मारे गए 2 आतंकियों अब्दुल वहाब और सनम जफर को लेकर इकट्ठा हुए थे। इस जलसे में जल्द हिन्दुस्तान के खिलाफ बड़ी वारदात को अंजाम देने का आह्वान किया गया था।रियासी आतंकी हमले की साजिश तीन पहले पाकिस्तान पीओके के एक गांव में रची गई थी। यह हमला 9 जून को हुआ था। शिवखोड़ी से कटरा जा रही बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। इस हमले में 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई जबकि 33 अन्य घायल हो गए। कश्मीर में मारे गए आतंकी अब्दुल वहाब के वारिसी खत पढ़कर युवाओं को भारत के खिलाफ जिहाद के लिए आह्वान किया गया था। ISI के इशारे पर यह सभा बुलाई गई थी। कार्यक्रम में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अलावा जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) से जुड़े चेहरे भी मौजूद थे। सैकड़ों की संख्या में आए लोगों को जिहाद के लिए खड़े होने का आह्वान किया गया। आतंकवादी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है। NIA इस हमले की जांच कर कर रही है।कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। पाकिस्तान पर FATF की तलवार हट गई है और IMF चीन की मदद से आर्थिक संकट भी कम हुआ है। अब आने वाले माहीनो में पाकिस्तान फिर से कश्मीर को डिस्टर्ब करने के लिए अपना पुराना जिहादी इंफ्रास्ट्रक्चर शुरू कर रहा है। जम्मू कश्मीर की हसीन वादियों में भी एक से एक पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। जैसे-जम्मू प्रान्त में मौजूद वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ गुफा मंदिर, शंकराचार्य मंदिर और मार्तंड सूर्य मंदिर। जम्मू कश्मीर प्रान्त में स्थित अन्य मंदिरों की तरह शिव खोड़ी मंदिर को भी एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। क्यों प्रसिद्ध है शिव खोड़ी मंदिर : शिव खोड़ी मंदिर से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानने से पहले आपको यह बता देते हैं कि यह मंदिर जम्मू-कश्मीर में कहां मौजूद है। दरअसल, यह पवित्र मंदिर जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित एक हिन्दू धार्मिक महत्व वाली गुफा है। यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है।शिव खोड़ी मंदिर वैष्णो देवी मंदिर से 80 किमी, कटरा से करीब 80 किमी, जम्मू से करीब 100 और राजधानी श्रीनगर से करीब 300 किमी की दूरी पर मौजूद है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिव खोड़ी मंदिर को जम्मू में श्री माता वैष्णो देवी के बाद दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थान माना जाता है।शिव खोड़ी मंदिर की पौराणिक कथा : शिव खोड़ी मंदिर की पौराणिक कथा काफी दिलचस्प है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि भस्मासुर नामक दानव ने तप कर भगवान शिव से वरदान मांगा कि वह जिस किसी पर भी अपना हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। (ये हैं श्रीनगर की खूबसूरत जगहें) वरदान मिलने के बाद भस्मासुर भगवान शिव को ही भस्म करने की इच्छा ले बैठा। जब यह भगवान शिव को मालूम चला तो वो शिव खोड़ी मंदिर गुफा में छुप गए थे। मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार में आकर वध किया था।डमरू की तरह है शिव खोड़ी मंदिर गुफा : शिव खोड़ी मंदिर गुफा के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव की यह गुफा डमरू के आकार की बनी है, जो दो छोरों से चौड़ी व बीच से संकरी है। कहा जाता है कि यह गुफा इस कदर संकरी है कि श्रद्धालुओं को झुककर प्रवेश करना होता है।शिव खोड़ी मंदिर गुफा के बारे में यह भी माना जाता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय, गणेश और मां काली सहित अन्य कई देवी देवताओं की पिंडियां मौजूद हैं। आपको बता दें कि शिव खोड़ी गुफा जाने के लिए करीब 3 से 4 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है।मंदिर दर्शन से भक्तों की हर मुराद होती है पूरी : शिव खोड़ी मंदिर और गुफा एक पवित्र स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त माता वैष्णो का दर्शन करने जाते हैं, तो शिव खोड़ी मंदिर का दर्शन करने भी जरूर जाते हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भक्त यहां सच्चे मन से पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू के कटरा से शिव खोड़ी मंदिर के लिए बस चलती रहती है। जब मंदिर का दर्शन करके बस कटरा लौट रही थी, तभी बस पर आतंकी हमला हुआ था और इस हमले में करीब 10 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे। रिपोर्ट अशोक झा

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