रंगापानी रेल दुर्घटना: रेल मंत्रालय के खिलाफ जमकर बोली ममता, रेलमंत्री ने कहा यह राजनीति का समय नहीं

अशोक झा, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रेल मंत्री को इसके लिए घेरा है। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात भी की।
रेल हादसे पर राजनीति: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “उन्हें (रेलवे मंत्रालय) यात्री सुविधाओं की परवाह नहीं है. उन्हें रेलवे अधिकारियों, रेलवे इंजीनियरों, रेलवे तकनीकी कर्मचारियों और श्रमिकों की भी परवाह नहीं है। वे भी संकट में हैं. उनकी पुरानी पेंशन वापस ले ली गई है। मैं पूरी तरह से रेलवे कर्मचारियों और रेलवे अधिकारियों के साथ हूं, लेकिन इस सरकार को सिर्फ चुनाव से मतलब है। चुनाव में धांधली कैसे की जाए। मुझे लगता है कि उन्हें शासन के लिए अधिक समय देना चाहिए, न कि बयानबाजी के लिए।उन्होंने आगे कहा “मैंने बहुत सी चीजें शुरू कीं, लेकिन वे केवल वंदे भारत ट्रेनों का प्रचार कर रहे हैं. दुरंतो एक्सप्रेस कहां है? राजधानी एक्सप्रेस के बाद, दुरंतो सबसे तेज ट्रेन थी। आज, पूरे रेलवे विभाग को लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है. रेल मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए। ममता बनर्जी ने आगे कहा, “जब मैं रेल मंत्री थी, तब मैंने 2-3 बड़ी रेल दुर्घटनाएं देखीं, उसके बाद मैंने यह सुनिश्चित किया कि टक्कर-रोधी उपकरण तैयार किया जाए और चालू किया जाए। उसके बाद ट्रेनों का टकराव बंद हो गया। आज रेलवे में क्या हो रहा है, कोई नहीं जानता. रेलवे मंत्रालय में कई मुद्दे हैं. अलग रेलवे बजट बंद कर दिया गया है और इस विभाग को अब पर्याप्त महत्व नहीं मिल रहा है। मैं रेलवे का A-Z जानती हूं, नए मेट्रो और रेलवे स्टेशनों के लिए कुछ भी नया नहीं किया गया है। मेरे समय में 2020 का विजन देखें, मैंने हर चीज के लिए पैसा दिया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और रेलवे विभाग पर जमकर भड़ास निकाली।
‘रेलवे में कुछ भी नया नहीं किया गया’: उन्होंने आगे कहा, ‘रेल मंत्रालय में कई मुद्दे हैं. अलग से रेलवे बजट बंद कर दिया गया है और इस विभाग को अब पर्याप्त महत्व नहीं मिल रहा है. मैं रेलवे के बारे में सब जानती हूं, कुछ भी नया नहीं किया गया है. नई मेट्रो और रेलवे स्टेशन मेरे समय की देन हैं. 2020 का विजन देखिए, मैंने हर चीज के लिए पैसे दिए।
केवल वंदे भारत ट्रेनों का प्रचार कर रहे: सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने बहुत सी चीजें शुरू कीं, लेकिन वे केवल वंदे भारत ट्रेनों का प्रचार कर रहे हैं. दुरंतो एक्सप्रेस कहां है? राजधानी एक्सप्रेस के बाद, दुरंतो सबसे तेज चलने वाली ट्रेन थी. आज, पूरा रेलवे विभाग लापरवाही का सामना कर रहा है. मुझे लगता है कि रेल मंत्रालय का उचित ध्यान रखा जाना चाहिए। ‘राज्य सरकार ने हर संभव मदद मुहैया कराई: उन्होंने कहा, ‘घटना के तुरंत बाद, राज्य सरकार ने स्थिति को सामान्य करने के लिए मेडिकल टीम, आपदा दल, एम्बुलेंस और हर संभव मदद मुहैया कराई.’ दार्जिलिंग में मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिससे कम से कम 9 यात्री मारे गए।मुख्यमंत्री ने घायलों से की मुलाकात: सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में घायलों से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे सुबह 9 बजे दुर्घटना की जानकारी मिली. तब से मैं अपने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के माध्यम से स्थिति को संभाल रही हूं. मैं यहां सभी मरीजों को देखने आई हूं. यहां बर्धमान, कृष्णानगर से और स्थानीय मरीज भी हैं. मैंने ज्यादातर मरीजों से बातचीत की है।
रेल मंत्री ने कही जांच की बात: हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के गुवाहाटी-दिल्ली मार्ग पर पश्चिम बंगाल के रंगापानी में सोमवार को सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस में एक मालगाड़ी के पीछे से टक्कर मारने के कारणों की जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने शुरू कर दी है. वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे। वहीं मीडिया से बातचीत में वैष्णव ने कहा, “अभी हमारा ध्यान सेवा बहाली पर है। यह मुख्य लाइन है. बचाव अभियान पूरा हो चुका है. यह राजनीति का समय नहीं है।10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान:रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुए ट्रेन हादसे में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसकी घोषणा रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी है..उन्होंने सोमवार को एक्स पर लिखा, ”पीड़ितों को बढ़ी हुई अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी; मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से चोटिल को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। ये हादसा रंगा पानी और निज बाड़ी के पास हुए हादसे में तीन बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। ट्रेन दुर्घटना में 9 लोगों की मौत की खबर है। जबकि 30 लोग घायल हुए हैं। इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद रेलवे की टीम जांच में जुट गई है।
कैसे एक ट्रैक पर आ जाती है ट्रेन:
इस रेल हादसे के बाद रेलवे पर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसकी गलती की वजह से ऐसा हादसा हुआ है। किन कारणों से दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आखिर रेलवे का ये सिस्टम कैसे काम करता है और किस तरह एक ट्रैक पर दो ट्रेनों को आने से रोका जाता है, जिसमें गलती की वजह से इस तरह के हादसों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, रेलवे में हर ट्रेन और उसके रूट के हिसाब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम सेट होता है, जिसकी वजह से हर ट्रेन अलग ट्रैक पर होती है और दुर्घटना की कोई संभावना नहीं होती है। लेकिन एक ट्रैक पर दो ट्रेनों की आपस में भिड़ने की वजह सिग्नल फाल्ट या इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग चेंज में कोई गलती होना होती है। रेलवे ट्रेक में इलेक्ट्रिकल सर्किट इंस्टॉल लगाए जाते हैं। जैसे ही ट्रेन ट्रैक सेक्शन पर आती है, तो इस सर्किट के जरिए ट्रेन के आने का पता चलता है। ट्रेन के आने का पता चलने के साथ ही ट्रैक सर्किट इसकी जानकारी आगे फॉरवर्ड करता है और इसके आधार पर ईआईसी कंट्रोल सिग्नल आदि को कंट्रोल करता है। इस जानकारी के आधार पर ये सूचना दी जाती है कि अब ट्रेन को किस तरफ जाना है। कंट्रोल रुम के जरिए ही ट्रेन के रूट को तय कर दिया जाता है। दो पटरियों के बीच एक स्विच होता है, जिसकी मदद से दोनों पटरियां एक दूसरे जुड़ी हुई होती हैं। ऐसे में जब ट्रेन के ट्रैक को बदलना होता है, तो कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी कमांड मिलने के बाद पटरियों पर लगे दोनों स्विच ट्रेन की मूवमेंट को राइट और लेफ्ट की तरफ मोड़ते हैं और पटरियां चेंज हो जाती हैं। लेकिन, अभी भी कई बार टेक्निकल कारणों से या फिर मानवीय गलती की वजह से ट्रैक चेंज नहीं हो पाता है और ट्रेन तय रूट से अलग ट्रैक पर चली जाती है। इसका नतीजा ये होता है कि वो ट्रेन उस ट्रैक पर आ रही ट्रेन से टकरा जाती है।

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