बंगाल के चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव को लेकर भाजपा ने की नामों की घोषणा
सिलीगुड़ी: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पहले ही अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा ने कोलकाता के मानिकतला निर्वाचन क्षेत्र से कल्याण चौबे, उत्तर दिनाजपुर जिले की रायगंज सीट से मानस कुमार घोष, नदिया जिले की रानाघाट दक्षिण (सुरक्षित) सीट से मनोज कुमार बिस्वास और बागदा (सुरक्षित) सीट से बिनय कुमार बिस्वास को मैदान में उतारा है।
बिस्वास और बिनय कुमार मतुआ समुदाय से: मनोज कुमार बिस्वास और बिनय कुमार बिस्वास दोनों मतुआ समुदाय से हैं, जिसके रानाघाट दक्षिण और बागदा में बड़ी संख्या में मतदाता हैं। ये दोनों सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।।चौबे 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी नेता साधन पांडे से हार गए थे लेकिन पांडे के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी।
ये हैं टीएमसी के उम्मीदवार: टीएमसी ने रायगंज से कृष्णा कल्याणी, रानाघाट-दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी, मानिकतला से सुप्ति पांडे और बागदा से मधुपर्णा ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। कल्याणी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में रायगंज से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी और बाद में पार्टी बदलकर टीएमसी उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह चुनाव हार गईं। अधिकारी इस साल की शुरुआत में टीएमसी में शामिल हुए थे लेकिन वह रानाघाट से लोकसभा चुनाव हार गए। भाजपा अध्यक्ष बिश्वजीत दास भी टीएमसी में शामिल हो गए। दास ने बोंगांव लोकसभा सीट से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बागदा में विधायक के इस्तीफे के कारण हो रहा चुनाव: दास वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में बागदा से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने नामांकन दाखिल करने से पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसलिए बागदा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया है।
10 जुलाई को मतदान, 13 को होगी काउंटिंग: निर्वाचन आयोग ने 10 जून को सात राज्यों की 13 विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव कराने की घोषणा की थी. इसकी मतगणना 13 जुलाई को होगी. नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जून है और 26 जून तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे।लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले खराब रहा है जबकि टीएमसी ने 2019 के मुकाबले ज्यादा सीटें जीती हैं।टीएमसी ने लोकसभा चुनाव में सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इंडिया गठबंधन के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी थी और इस चुनाव में भी वह सभी चार सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। इन सभी सीटों पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आगामी उपचुनावों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, वे हैं रायगंज, राणाघाट-दक्षिण, मानिकताला और बगदा। इन सीटों के लिए उम्मीदवार निम्नलिखित हैं:रायगंज:टीएमसी उम्मीदवार: कृष्णा काली
बीजेपी उम्मीदवार: मानस कुमार घोष राणाघाट-दक्षिण:टीएमसी उम्मीदवार: मुकुट मणि अधिकारीबीजेपी उम्मीदवार: मनोज कुमार बिस्वास, मानिकताला:टीएमसी उम्मीदवार: सुप्ति पांडे
बीजेपी उम्मीदवार: कल्याण चौबे बगदा:टीएमसी उम्मीदवार: मधुपर्णा ठाकुर, बीजेपी उम्मीदवार: बिनय कुमार बिस्वास।
ये चुनावी मुकाबले राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और दोनों पार्टियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। चुनाव नतीजों का विश्लेषण करेगी टीएमसी।
तीन सीटों पर जीती थी बीजेपी: इन चार विधानसभा सीटों में से तीन – रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदा की सीटें बीजेपी विधायकों के टीएमसी में शामिल होने की वजह से खाली हुई हैं। मतलब पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां जीती थी। यहां से जीते विधायकों को टीएमसी ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था लेकिन वे सभी चुनाव हार गए। मानिकताला की सीट टीएमसी के विधायक साधन पांडे के निधन से खाली हुई है।लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के अनुसार, बीजेपी तीन विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही थी, जबकि टीएमसी मानिकताला में आगे थी लेकिन यहां भी उसकी जीत का अंतर सिर्फ 3,500 वोटों का था।टीएमसी ने बढ़ाई सीटें, बीजेपी रही पीछे: लोकसभा चुनाव में सीधी लड़ाई बीजेपी और टीएमसी के बीच सिमट गई थी। चुनाव नतीजे निश्चित रूप से बीजेपी के लिए बहुत खराब रहे थे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के तमाम शीर्ष नेताओं को इस बात का पूरा भरोसा था कि पार्टी पश्चिम बंगाल में पिछली बार के प्रदर्शन से ज्यादा सीटें लाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शहरी निकायों में पीछे रही है टीएमसी: लोकसभा चुनाव के नतीजों में टीएमटी ने हालांकि ज्यादा सीटें हासिल की हैं लेकिन राज्य भर के शहरी स्थानीय निकायों में बीजेपी उससे आगे रही है। पश्चिम बंगाल के 125 नगर निगम और नगर पालिका परिषदों में 60% ऐसे शहरी स्थानीय निकाय हैं जहां पर टीएमसी बीजेपी से पीछे रही है। कोलकाता नगर निगम के 144 वार्ड में जहां पर बीजेपी के सिर्फ तीन पार्षद हैं और टीएमसी के 138 पार्षद हैं, वहां भी बीजेपी 48 वार्ड में आगे रही है जबकि टीएमसी 93 वार्ड में। वाम दलों और कांग्रेस का गठबंधन तीन वार्ड में आगे रहा है।चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि बीजेपी बोलपुर, गोबरडांगा, कृष्णानगर, बलूरघाट, रायगंज, बर्धमान, इंग्लिश बाजार और झारग्राम जैसे कई नगर निकायों में आगे रही है। कोलकाता के अलावा टीएमसी बारासात लोकसभा सीट के अंदर आने वाली चार में से तीन नगर पालिकाओं में पीछे रही है। बारासात नगर पालिका के 35 वार्डों में से टीएमसी छह वार्डों में और अशोकनगर नगर पालिका के 23 वार्डों में से सिर्फ छह में आगे रही जबकि हाबरा नगर पालिका के सभी वार्डों में पिछड़ गई। भबानीपुर से 2011 से विधायक हैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। ममता की सीट भबानीपुर में घटा टीएमसी की जीत का अंतर: सितंबर 2021 में भबानीपुर विधानसभा सीट पर जब उपचुनाव हुआ था तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां 58,832 वोटों के अंतर से जीती थीं। लेकिन लोकसभा चुनाव में इस सीट पर टीएमसी की जीत का अंतर 8,297 वोटों का ही रहा। बीजेपी भबानीपुर के 269 बूथ में से 149 बूथ में आगे रही है। ममता बनर्जी ने उपचुनाव इसलिए लड़ा था क्योंकि वह विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई थीं। उन्हें भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने 1,956 वोटों के अंतर से हराया था।
पश्चिम बंगाल बीजेपी में कलह: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी के सांसद सौमित्र खान ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने टीएमसी के साथ समझौता किया था वरना बीजेपी को पश्चिम बंगाल में ज्यादा सीटें मिलती। पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला था हालांकि उन्होंने उनका नाम नहीं दिया था। दिलीप घोष इस चुनाव में 1.38 लाख वोटों से हार गए थे। बीजेपी नेता सुवेन्दु अधिकारी:
पश्चिम बंगाल में पिछले दो विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि यहां बड़ी लड़ाई बीजेपी और टीएमसी के बीच ही है। लोकसभा के चुनाव में अपने अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित टीएमसी इन चारों सीटों को अपने कब्जे में करने की कोशिश करेगी। बीजेपी इनमें से तीन सीटों पर पिछली बार चुनाव जीती थी इसलिए वह भी इन सीटों को अपने पाले में वापस लाने के लिए पूरा जोर लगाएगी।साल बीजेपी को मिली सीटें टीएमसी को मिली सीटें 2019 लोकसभा चुनाव (42 सीटें)18, 22
2016 विधानसभा चुनाव (294 सीटें) तीन 211
2024 लोकसभा चुनाव 12 29
2021 विधानसभा चुनाव 77 215
पश्चिम बंगाल में चुनाव के नतीजे। पश्चिम बंगाल में ठीक 2 साल बाद विधानसभा चुनाव भी होने हैं, उससे पहले इन उपचुनाव के नतीजे निश्चित रूप से दोनों दलों के लिए अहम होंगे।रिपोर्ट अशोक झा