राज्यपाल के अनुमति के बिना बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र कल
कोलकाता: बंगाल में सरकार और राज्यपाल के बीच बढ़ रहे विवाद तेज हो गई है। यह इस कदर बढ़ गई है की बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण में देरी को लेकर राज्यपाल के साथ चल रहे जबरदस्त टकराव के बीच विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी ने अचानक शुक्रवार से राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है।स्पीकर के इस कदम से राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई है। इससे राजभवन के साथ टकराव और बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।
बिमान बनर्जी ने अचानक बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र
गुरुवार को विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि नियम के अनुसार कोई भी स्पीकर अचानक विधानसभा सत्र बुला सकता है। यह उनका विशेषाधिकार है।बता दें कि बंगाल के इतिहास में यह पहली बार है जब इस तरह से 24 घंटे से भी कम समय में किसी अध्यक्ष ने विधानसभा का अचानक विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। वह भी राज्यपाल की मंजूरी के बिना।आमतौर पर विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी आवश्यक होता है। वैसे भी जुलाई- अगस्त के महीने में आमतौर पर मानसून सत्र बुलाया जाता है। इसकी बजाय अचानक विशेष सत्र बुलाने की घोषणा से सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे से शुरू होगा विशेष सत्र
अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि यह विशेष सत्र शुक्रवार से ही दोपहर दो बजे से शुरू होगा। उससे पहले विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीए कमेटी) की सुबह 11 बजे से विशेष बैठक होगी। अध्यक्ष ने इशारे में दोनों नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ को लेकर भी कोई बड़ा फैसला लेने के संकेत दिए।दरअसल, लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा उपचुनाव में दोनों विधायक निर्वाचित हुए थे। लेकिन चुनाव नतीजे आने के एक माह पूरा होने के बावजूद अब तक दोनों नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ लंबित है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पिछले सप्ताह बुधवार को दोनों नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में आमंत्रित किया था, लेकिन दोनों ने वहां जाने से इन्कार कर दिया था। दोनों विधायक राजभवन की बजाय विधानसभा में शपथ दिलाने की मांग पर अडिग हैं। इस मांग को लेकर दोनों विधायक पिछले पांच दिनों से विधानसभा परिसर में धरना भी दे रहे हैं। रिपोर्ट अशोक झा