खाद्य पदार्थों और सब्जियों के दामों पर नियंत्रण के लिए सीएम का सख्त निर्देश, बाजारों में नहीं दिख रहा प्रभाव
कोलकाता: खाद्य पदार्थों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) और प्रवर्तन शाखा को बाजारों में छापेमारी करने को कहा है। व्यवसायियों के एक वर्ग पर अधिक लाभ कमाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने राज्य पुलिस से लागत में वृद्धि को नियंत्रित करने और जमाखोरी पर भी अंकुश लगाने को कहा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाबजूद अबतक इसका असर बाजार में नहीं दिखाई दे रहा है। बाजार में सीएम के निर्देश का कोई असर नहीं देखने से विपक्ष इसको लेकर सरकार पर अंगुली उठाने लगे है।मंगलवार को मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय नबन्ना में प्रशासनिक अधिकारियों, कई बाजार प्रतिनिधियों, खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि अगले 10 दिनों के भीतर बाजारों में कीमतें कम होनी चाहिए। प्रवर्तन शाखा और पुलिस को बाजारों का दौरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग लाभ के लिए ऐसा कर रहा है और कृत्रिम संकट पैदा किया जा रहा है। बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए गठित टास्क फोर्स की नियमित बैठकें होनी चाहिए, बनर्जी ने कहा कि वह हर हफ्ते कीमतों की रिपोर्ट चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्य सचिव और गृह सचिव को एडीजी कानून व्यवस्था और कोलकाता पुलिस के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा। यह कहते हुए कि प्याज की कीमतें 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं, मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि राज्य की उपज बांग्लादेश भी जा रही है के बावजूद इसे नासिक से क्यों आयात किया जा रहा है। बंगाल के बाजारों में सब्जियों, अंडे और ‘पॉल्ट्री’ मांस की खुदरा कीमतें ऊंची होने के कारण आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के कई बाजारों में सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि टमाटर की कीमतें एक महीने पहले के 45-50 रुपए से बढ़कर 80-100 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं।कोलकाता में टमाटर 100 और बैंगन 140 रुपये किलो रिपोर्ट के अनुसार, बाजारों में सब्जियों, अंडे और पॉल्ट्री मांस की खुदरा कीमतें ऊंची होने के कारण आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के कई बाजारों में सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि टमाटर की कीमतें एक महीने पहले के 45-50 रुपये से बढ़कर 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। बैंगन 110-140 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, जो जून की शुरुआत के दाम के मुकाबले करीब 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। करेला, हरी मिर्च और लौकी जैसी कई अन्य सब्जियों की कीमतों में भी औसतन 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्थानीय बाजारों में अंडे और पॉल्ट्री मांस की कीमतों में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूसरे राज्यों से बंगाल में आ रहा है टमाटर: कृषि मंत्री सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से उर्वरकों और परिवहन सब्सिडी में किसानों के लिए सहायता कम करने के बाद लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। जबकि जलवायु परिस्थितियों ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। बंगाल विक्रेता संघ ने कहा कि अब बंगाल में टमाटर दूसरे राज्यों से आ रहा है. लू और भारी बारिश के कारण बेंगलुरु और हिमाचल प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति कम हो गई है. इसकी वजह यह है कि उत्पादन भी प्रभावित हुआ है.l।
कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी से किसान प्रभावित: ।तृणमूल कांग्रेस के नेता सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि बंगाल सरकार हमारे किसानों को लगातार मदद कर रही है. किसान कच्चे माल की लागत में वृद्धि से प्रभावित हैं। दूसरी ओर, केंद्र विभिन्न सब्सिडी में कटौती कर रहा है। इसलिए किसान और आम आदमी दोनों ही परेशान हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास खुदरा वितरण नेटवर्क सुफल बांग्ला है, जिसकी दुकानों पर सब्जियां तथा खाद्य सामग्री उचित मूल्य पर बेची जाती है।
सुफल बांग्ला में टमाटर 65 रुपये किलो : सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि सुफल बांग्ला में टमाटर की कीमत 65 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि खुदरा बाजार में इसकी कीमत न्यूनतम 80 रुपये है. करेला 72 रुपये प्रति किलोग्राम और बैंगन 102 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, जो 10-20 प्रतिशत सस्ता है. हम दुकानों की संख्या 484 से बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. वहीं, गृहिणी स्वेता संगम ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में सब्जियों, अंडों और मांस के दामों में उछाल आया है।टमाटर के दाम दोगुने हो गए हैं और प्याज की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं। आवश्यक वस्तुओं की महंगाई हमें किसी न किसी तरह से परेशान कर रही है। रिपोर्ट अशोक झा