बस्ती जिले के सावित्री पैरामेडिकल कॉलेज में फर्जी प्रवेश पर संचालक पर केस दर्ज 1.13 करोड़ की जालसाजी

बस्ती जिले के सावित्री पैरामेडिकल कॉलेज में फर्जी प्रवेश पर संचालक पर केस दर्ज 1.13 करोड़ की जालसाजी

उप्र बस्ती जिले के सावित्री पैरामेडिकल कॉलेज में डीफार्मा के नाम पर फर्जी तरीके से प्रवेश और कूटरचित प्रमाण पत्र के आधार पर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) में पंजीकरण कराने का मामला सामने आया है। और कालेज संचालक पर छात्रों से 1.13 करोड़ की जालसाजी के आरोप भी लगे हैं। इतना ही नहीं 44 छात्रों से फीस के अतिरिक्त 70-70 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। इस मामले में गोरखपुर के बद्रिका कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के संचालक सौरभ श्रीवास्तव ने शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया है।

शाहपुर के गणेशपुरम, राप्तीनगर निवासी बद्रिका कॉलेज के संचालक सौरभ ने पुलिस को बताया कि बस्ती के मड़वानगर निवासी सत्यजीत सिंह उर्फ सन्नी मीरा हॉस्पिटल व सावित्री पैरामेडिकल कालेज संचालित करते हैं। उसकी 2016-17 में सत्यजीत से मुलाकात हुई थी। तब सत्यजीत ने बताया कि उनका कॉलेज हिमाचल यूनिवर्सिटी व सिंघानिया विश्वविद्यालय राजस्थान से संबद्ध हैं। सत्यजीत ने बताया कि उसके कालेज में डीफार्मा का कोर्स सिंघानिया विश्वविद्यालय से कराया जाएगा। सौरभ के मुताबिक उन्होंने शिक्षा क्षेत्र के अनुभवहीनता का हवाला दिया गया तब सत्यजीत ने कहा कि शुरू में जो बच्चे आएं, उन्हें फीस जमा कराने के बाद उसके पास भेज दें। फीस की रकम बाद में उसके विभिन्न खातों में भेज दें। एक-दो साल प्रक्रिया समझकर बद्रिका कॉलेज में कोर्स का संचालन सुचारू रूप से करें। सत्यजीत की सलाह पर उन्होंने भी बद्रिका कालेज में डीफार्मा कोर्स के लिए प्रशिक्षण, प्लेसमेंट और शैक्षणिक सहयोग का समझौता 02 अगस्त 2018 को सिंघानिया विश्वविद्यालय से किया।

समझौते को सिंघानिया विश्वविद्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार अमित यादव द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। उनके द्वारा भेजे गए बच्चों को पहले सिंघानिया विश्वविद्यालय की मार्कशीट दी गई लेकिन बाद में पीसीआई में पंजीकरण के लिए दूसरे संस्थानों के कूटरचित सर्टिफिकेट दिए गए तब उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला।
गोरखपुर के बद्रिका कॉलेज के संचालक की तहरीर पर शाहपुर पुलिस ने की कार्रवाई किया है।
एसएसपी गोरखपुर डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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