रांची में आज से तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक की बैठक

संघ की शाखाओं को 1 लाख तक ले जाने का लक्ष्य, कुछ संघ के अधिकारी जा सकते है भाजपा में

रांची: आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक की बैठक होगी। यह बैठक 12 से 14 जुलाई तक झारखंड की राजधानी रांची में हो रही है। इसमें आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे साथ ही देशभर के प्रांत प्रचारक बैठक में हिस्सा लेंगे। देश के 46 प्रांत के प्रचारक और उनके सहयोगी की यह बैठक होनी है। हर साल दो बार इस बैठक का आयोजन होता है। आगामी कार्यक्रम के संदर्भ में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि आगामी वर्ष की योजना में साल भर शाखा और प्रवासी कार्यों की भी चर्चा होगी. शाखा के कार्य और विभागों की भी चर्चा होगी। शाखा से जुड़ने वाले नए लोगों के लिए बौद्धिक विचार में अलग-अलग प्रयोग पर भी चर्चाएं होंगी।
विभिन्न संस्थाओं से कैसे मदद ले सकें, इस पर विचार चर्चा होगी
उन्होंने कहा कि जब भी आपात स्थिति आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग सेवा कार्य में लगे रहते हैं। आने वाले दिनों में संघ का शताब्दी वर्ष भी नजदीक है। 2025 में हम शताब्दी वर्ष मनाएंगे। विभिन्न संस्थाओं से कैसे मदद ले सकें, इस पर भी विचार होगा। बैठक में सामाजिक परिवर्तन के पंच उपक्रम को शाखा स्तर और समाज तक पहुंचाने की योजना बनाई जाएगी।
संघ की हर साल तीन महत्वपूर्ण बैठकें होती हैं। सुनील आंबेकर ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक में समाज की शक्ति को अपने साथ जोड़कर समाजिक परिवर्तन के लिए कैसे मिलकर काम किया जाए, इस पर भी विचार किया जाएगा। साथ ही सामाजिक जीवन के कई और विषयों पर भी चर्चा होगी। संघ की हर साल तीन महत्वपूर्ण बैठकें होती हैं। इस बैठक में हाल ही में सम्पन्न हुए प्रशिक्षण वर्ग, विभिन्न विषयों और उनके क्रियान्वयन सहित संघ के सभी कार्य विभाग के कार्यों पर चर्चा होगी।
शाखाओं की संख्या 1 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य: उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर में 73 हजार शाखाएं संचालित की जा रही हैं. आगामी शताब्दी वर्ष में इस संख्या को बढ़ाकर 1 लाख तक पहुंचाना है. वर्तमान में देशभर में 73 हजार शाखाएं संचालित की जा रही हैं। आगामी शताब्दी वर्ष में इस संख्या को बढ़ाकर 1 लाख तक पहुंचाना है। सूत्रों के हवाले से मिली है। RSS की इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव बीएल संतोष के भी शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में देशभर के 46 प्रांतों के सभी प्रांत प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख), सह प्रांत प्रचारक (सह क्षेत्रीय प्रमुख) और क्षेत्र प्रचारक (क्षेत्रीय प्रमुख) शामिल होंगे। बैठक में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत सभी शीर्ष नेता भी मौजूद रहेंगे। आरएसएस के एक नेता ने बताया, “यह वार्षिक बैठक आम तौर पर क्षेत्रीय स्तर पर किए गए काम का जायजा लेने और अगले साल के लिए रोडमैप बनाने के लिए आयोजित की जाती है। हालांकि, बैठक में समसामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है। इसके अलावा प्रांत स्तर पर बदलाव हो सकते हैं और कुछ कार्यकर्ता संगठनात्मक काम के लिए भाजपा में जा सकते हैं। बैठक के दौरान इन बातों पर चर्चा की जाएगी और फिर कोई फैसला लिया जाएगा।
आरएसएस नियमित रूप से अपने स्वयंसेवकों (नेताओं और कार्यकर्ताओं) को संगठनात्मक कार्यों के लिए भाजपा में भेजती है। ये स्वयंसेवक या तो पार्टी और संगठन के बीच कड़ी के रूप में काम करते हैं या किसी विशेष क्षेत्र में चुनाव और दिन-प्रतिदिन की पार्टी के कामकाज के प्रबंधन में पूरी तरह से शामिल होते हैं।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भाजपा बिना बहुमत के सत्ता में लौटी है और गठबंधन में सरकार चला रही है। इस साल उसे महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड में भी चुनाव का सामना करना है, जहां इंडिया ब्लॉक से उसे कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों में, भारत ब्लॉक ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में एनडीए से अधिक सीटें जीती हैं।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा परंपरागत रूप से तब संगठनात्मक कार्यों के लिए आरएसएस पर निर्भर रहती है, जब उसकी स्थिति खराब होती है।आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में हाल ही में संपन्न हुए संघ प्रशिक्षण कार्यक्रमों और इसकी विभिन्न शाखाओं से जुड़े विभिन्न कार्यों पर चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट अशोक झा

Back to top button