मुख्तार अंसारी के मौत की न्यायिक जांच के आदेश

 

बांदा। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत मामले मे न्यायिक और मैजिस्ट्रीरियल जांच के आदेश दिये गये हैं। न्यायिक मामले की जांच बांदा की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/ एमएलए कोर्ट) गरिमा सिंह करेगी। बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवान दास गुप्ता ने गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। इस मामले में गरिमा सिंह से एक महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जबकि मामले की मैजिस्ट्रीरियल जांच बांदा एडीएम राजेश कुमार करेंगे।
जांच के आदेश का उद्देश्य मुख्तार अंसारी के मौत की जांच में पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया का पालन करना है। मुख्तार अंसारी के परिवार ने दावा किया था कि बांदा जेल में उन्हें जहर दिया गया था। जिससे उनकी मौत हो गई। अंसारी की गुरुवार को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जहां उन्हें जेल से बेहोशी हालत मे ले जाया गया था।
मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उल्टी की शिकायत के बाद अंसारी को गुरुवार की रात मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को 19 मार्च की रात जहर मिला हुआ खाना परोसा गया था।उन्होंने दो दिन पहले जेल में अपने पिता से मिलने की कोशिश की थी,लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। 28 मार्च की रात उनकी मौत हो गयी।

एडीएम बांदा करेंगे मैजिस्ट्रीरियल जांच
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बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने माफिया डान मुख्तार अंसारी की मौत की मैजिस्ट्रीरियल जांच के आदेश दिये हैं। उन्होने लिखा है कि उप्र जेल मैनुअल 2022 के प्रस्तर-612 मे निहित प्राविधानों के अनुसार उपर्युक्त सम्पूर्ण प्रकरण की मैजिस्टीरियल जांच हेतुअपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) राजेश कुमार को जांच अधिकारी नामित किया जाता है। जांच हेतु नामित अधिकारी एक पक्ष के अंदर सम्पूर्ण प्रकरण की जांच करके अपनी विस्तृत जांच आख्या प्रस्तुत करें।

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