धर्मांतरण पर सख्ती से रोक लगे, कानून का पालन हो: आंबेकर

हर साल सबा लाख युवा हो रहे संघ में शामिल,युवा शक्ति से गांव में करेंगे बदलाव

अशोक झा, रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने युवाओं से आह्वान किया है कि वे गांव में बदलाव के वाहक बनें। गांवों में नवजीवन लाने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर रविवार (14 जुलाई) को कहा कि इसके लिए संघ की ओर से व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल हुए 20 हजार से अधिक युवा। उन्होंने कहा, ‘संघ में लगभग दोगुने नए युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। कुल मिलाकर यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि कैसे युवा संघ की विचारधारा, संघ के काम और राष्ट्र के लिए समर्पित रूप से काम करने के तरीके से आकर्षित हो रहे हैं। दूसरी बात यह है कि हमने संघ की वेबसाइट पर आरएसएस में शामिल होने का विकल्प दिया है। हर साल लगभग 1.25 लाख लोग इसमें शामिल होते हैं। संघ ने समय-समय पर आपातकाल का विरोध किया: आपातकाल लागू किए जाने की तारीख 25 जून को हर वर्ष संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुनील आंबेकर ने कहा, ‘1975 में लगाया गया आपातकाल निश्चित रूप से गलत था। लोकतंत्र में हम स्वतंत्रता के बारे में बात करते हैं इसलिए ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। संघ ने समय-समय पर आपातकाल का विरोध किया है। संघ ने भी संघर्ष किया है, उसके कार्यकर्ता जेल गए हैं। कई श्रमिकों को यातना का सामना करना पड़ा, बहुत संघर्ष हुआ और मुझे लगता है कि हमारे देश में एक बार फिर लोकतंत्र की स्थापना हुई है।
झारखंड की राजधानी रांची में चल रही संघ की बैठक के दौरान प्रचार प्रमुख ने कई मुद्दों पर बात की।उन्होंने धर्मांतरण से लेकर लोकसभा के चुनाव परिणाम पर बात की और संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनता ने अपना फैसला दिया है. जनता का जो फैसला है, उसी के अनुरूप पार्टियां सरकार चला रहीं हैं. संघ के प्रचार प्रमुख ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून की मांग की है. कहा कि जिन राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून पहले से मौजूद हैं, वहां उसका क्रियान्वयन हो और दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई हो।
रांची में संघ के शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना पर मंथन
12 जुलाई से रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय में प्रांत प्रचारकों, सह प्रांत प्राचरकों, क्षेत्र प्रचारकों और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं की बैठक शुरू हुई थी. इस बैठक का आज आखिरी दिन था. बैठक के बाद आंबेकर ने पत्रकारों को संबोधित किया. संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) में देश भर में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा भी रांची में ही तैयार की जाएगी. सरसंघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में संघ की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा होगी।रांची के सरला बिरला विश्वविद्यालय परिसर में चल रही आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के दूसरे दिन सेवा, संपर्क व बौद्धिक कार्यविभाग सहित कई विषयों को लेकर चर्चा की गई। संघ एवं समविचारी संगठनों की ओर से अभी पूरे देश में एक लाख 35 हजार से अधिक सेवा कार्य चलाए जा रहे है। हालांकि, संघ ने अपने शताब्दी वर्ष तक सभी जरूरतमंद बस्तियों के साथ-साथ 5000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में वंचित, उपेक्षित एवं अभावग्रस्त लोगों तक शिक्षा, स्वावलंबन, स्वास्थ्य एवं सामाजिक संस्कार के माध्यम से पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। इस कार्य को बढ़ाने की योजना के तहत सभी शाखाओं को अपने आसपास की बस्तियों में से किसी को सेवा कार्य प्रारंभ करने के लिए चुनने को कहा गया है। साथ ही इस कार्य में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित सभी सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य, क्षेत्र प्रचारक, प्रांत प्रचारक एवं उनके सहयोगी भाग ले रहे हैं। रविवार शाम छह बजे बैठक का समापन होगा।। पंच उपक्रम को लेकर हुई चर्चा:संघ ने अपने शताब्दी वर्ष तक पंच उपक्रम को शाखा स्तर से लेकर सामाजिक जीवन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इस पंच उपक्रम में सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य व स्व का भाव तय किया गया है। बैठक में इस पंच उपक्रम को लेकर समाज की सज्जन शक्ति को अपने साथ जोड़कर समाज परिवर्तन के लिए कैसे काम किया जाए, इस पर विचार किया गया। संघ का मानना है कि संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, परंतु लोग आज भी ज्यादातर लोग अधिकार एवं कर्तव्य में केवल अधिकार की बात करते हैं। उसे लोगों को याद दिलाने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के अभियान में अधिक से अधिक सामाजिक संगठनों को जोड़ने की जरूरत है। बैठक में देश की वर्तमान परिस्थिति पर भी चर्चा हुई।

Back to top button