बांग्लादेश पर भारतीय सुरक्षा की पैनी नजर, सीमाओं पर अलर्ट मोड पर सुरक्षाकर्मी
अशोक झा, सिलीगुड़ी: भारतीय वायुसेना के रडार बांग्लादेश के ऊपर हवाई क्षेत्र की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे थे। इंडियन आर्मी की सक्रियता उस वक्त बढ़ गई जब उन्हें पता चला कि एक भारत की ओर एक विमान आ रहा है। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने हर संभावना के लिए तैयारी थी क्योंकि हसीना उस वायु सेना के एक जेट विमान से भारत की ओर बढ़ रही थी। दोपहर करीब तीन बजे, भारतीय वायु सेना के रडार ने बांग्लादेश से भारतीय सीमा की ओर एक कम उड़ने वाला विमान आते देखा था। भारत कैसे पहुंची शेख हसीना?: भारत ने हाई प्रोफाइल यात्री के बारे में जागरूक सुरक्षा कर्मियों ने विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। सुरक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमारा वायु सेना बेस से 101 स्क्वाड्रन के दो राफेल लड़ाकू विमानों को बिहार और झारखंड के ऊपर तैनात किया गया। विमान ने अपने तय उड़ान पक्ष पर था और जमीन पर मौजूद एजेंसियों द्वारा उस पर निगरानी रखी जा रही थी। शीर्ष भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ लगातार संवाद भी हो रहा था. सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे थे। खुफिया एजेंसियों की निगरानी; वायु सेना प्रमुख चीफ मार्शल वीआर चौधरी और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी, इसके लिए एक हाई लेवल बैठक बुलाई गई थी। इसमें खुफिया एजेंसियों के प्रमुख जनरल द्विवेदी और इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जानसन फिलिप मैथ्यू शामिल हुए जब शाम करीब साढ़े पांच बजे हसीना का जहाज हिंडन एयरबेस पर उतरा, तो उनका स्वागत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया।पीएम मोदी को दी जा रही थी पूरी जानकारी:
दोनों ने एक घंटे तक बैठक की जिसमें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और हसीना की आगे की योजनाओं पर चर्चा हुई. इसके बाद डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति को जानकारी दी. दिन भर प्रधानमंत्री को पूरी जानकारी दी जा रही है। अभी बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था फिलहाल सेना के हाथ में है।भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा 4,096 किमी तक फैली हुई है। इस पूरी सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है| बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा पर सभी चौकियों और सैन्य ठिकानों पर अलर्ट जारी किया है।भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी: बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं| रेलवे की ट्रेनों पर हमले हो रहे हैं। इन सबको देखते हुए भारत सरकार ने 15 दिन पहले कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस को अस्थायी तौर पर रद्द कर दिया था| यह ट्रेन सेवा अभी कुछ दिनों तक बंद रहेगी। इसके बाद भारतीय रेलवे ने एक और फैसला लिया है| बांग्लादेश सीमा के पास चलने वाली मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। भारतीय रेलवे ने 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी हैं।अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के अग्रिम मोर्चे का दौरा भी किया। महानिदेशक दिल्ली से विमान के जरिये करीब सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कोलकाता पहुंचे। महानिदेशक ने ‘उत्तर 24 परगना’ जिला और सुंदरबन इलाके में तैयारियों की समीक्षा की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”बीएसएफ ने अपने सभी ‘फील्ड कमांडर’ को निर्देश दिया है कि वह सभी कर्मियों को सीमा पर ड्यूटी पर तुरंत तैनात करें। कोलकाता स्थित मुख्यालय में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल ‘फ्रंटियर’ के प्रवक्ता ने कहा, ”बांग्लादेश में बदली स्थिति के मद्देनजर बीएसएफ ने पूरे भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है और सीमा पर तैनात जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। बीएसएफ प्रमुख के अगले कुछ दिनों तक इस क्षेत्र में रहने की उम्मीद है। दिल्ली स्थित बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश सीमा पर स्थिति अभी सामान्य है। उन्होंने कहा, ”जवान हालिया घटनाक्रम से अवगत और सतर्क हैं तथा किसी भी अप्रत्याशित हालात से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में व्यापक स्तर पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले कुछ हफ्तों के दौरान इस पड़ोसी देश से लगी सीमा पर तैनात सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं और अब सभी यूनिट को ‘पूरी तरह सतर्क रहने’ के लिए कहा गया है। पूर्वी कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बल उभरती स्थिति के मद्देनजर अवैध रूप से सीमा पार करने और सीमा पारीय अपराधों में वृद्धि को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश सीमा रक्षक (बीजीबी) के अपने समकक्षों के संपर्क में हैं। अधिकारी ने कहा कि इस सीमा पर स्थित सभी सीमावर्ती स्टेशन (एलसीएस) और एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) अलर्ट पर हैं और नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में करीब 3000 भारतीय विद्यार्थियों के अब स्वदेश वापस आ जाने की संभावना है। बीएसएफ अपनी 87 बटालियन के साथ देश की पूर्वी सीमा पर भारतीय सरहद की रक्षा करता है। देश की पूर्वी सीमा को पांच राज्य साझा करते हैं।पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश के साथ कुल 2,217 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, इसके अलावा त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (318 किमी) सीमा साझा करते हैं। मीडिया में आई खबरों के अनुसार, अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गई हैं।इसी बीच शेख हसीना ने भारत में शरण ली। बीते दिन से शेख हसीना भारत में ही है। भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। बांग्लादेश में इस प्रदर्शन में कट्टरपंथियों का बोलबाला दिख रहा है। उन्होंने बांग्लादेश आजादी के जननायक शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा को तोड़ डाला है। साथ ही 20 से ज्यादा मंदिरों को भी तोड़-फोड़ कर जला दिया है। साथ ही कुछ हिन्दुओं के घरों में भी तोड़फोड़ की है। ऐसे में मोदी सरकार के सामने चैलेंज है कि हिंदुओं पर हमलों को लेकर वह क्या स्टेप लेंगे?बांग्लादेश में बढ़ सकती है भारत विरोधी गतिविधियां: बांग्लादेश के इस तख्ता पलट में पाकिस्तान, अमेरिका व चीन का हाथ लग रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश में कहीं पाकिस्तान की आईएसआई अपने नापाक मंसूबों के जरिए आंतकियों को पनाह न देना शुरू कर दे। अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए यह बुरे सपने से कम नहीं है। फिर एक्टिव हो सकते हैं कट्टरपंथी संगठन: यहां पहले जमाते इस्लामी, जमात उल मुजाहिदीन नाम के दो कट्टरपंथी संगठन एक्टिव थे, कयास लगाए जा रहे हैं ये फिर एक्टिव हो जाएंगे। बता दें कि दोनों संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण मिला हुआ है। जहां भारत के सामने पहले से ही आतंक की चुनौती है, इससे चुनौती और बढ़ सकती है। पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत में बढ़ सकती घुसपैठ: बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ अभी भारत के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में अगर पाकिस्तान ने कट्टरपंथी संगठनों की मदद का फायदा उठाकर अराजकतत्वों या फिर आंतकियों की घुसपैठ शुरू करा दी तो हमारे देश लिए बड़ा खतरा हो सकता है। बता दें कि पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत के बॉर्डर खुले हुई हैं। जहां से अवैध घुसपैठ होती ही रहती है।
मौके पर फायदा उठाने की कोशिश करेगा चीन: पहले ही भारत को चीन हर तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अगर वहां कोई पाकिस्तान समर्थित सरकार या संगठन बन गया तो चीन अपने दोस्त पाकिस्तान के जरिए भारत को पुरजोर तरीके से घेरने की कोशिश करेगा, जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नही है।