सुपरटेक ईकोविलेज-2 के रेंटल स्कीम के सैकड़ों घर खरीदारों के ऊपर टूटा आफत का पहाड़
सुपरटेक बिल्डर ने रेंटल स्कीम के घर खरीदारों को आठ रूपये प्रति वर्ग फुट किराया देने को कहा था उससे अब मुकर गया
नोएडा। यूपी के शो-विंडो में एक छत की आस में लाखों रुपये देने के बाद सालों से लटके घर खरीदारों की संख्या लाखों में हैं। इन घर खरीदारों के दर्द को न शासन न प्रशासन ही सुन रहा है। यूपी रेरा भी हाथी का दांत बन गया है। सबसे ज्यादा आफत सुपरटेक ईकोविलेज-2 के उन घर खरीदारो के ऊपर टूटी है जिन्होंने रेंटल स्कीम के तहत घर बुक कराया था।
रेंटल स्कीम के तहत घर लिए सुपरटेक ईकोविलेज-2 के घर खरीदारों को सुप्रीमकोर्ट से प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए इनसाल्वेंसी प्रक्रिया के दौरान इनको कहा गया कि आप अपना रेंटल घर खाली कर दें या तो लैंडलार्ड के साथ एग्रीमेंट कर लें। सुपरटेक आपके एकाउंट में आठ रूपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से जिन्होंने घर खाली कर दिया है उनको पेमेंट करेगा। यह लिखित मेल सुपरटेक ईकोविलेल-2 के रेंटल स्कीम के घरीदारों को भेजा गया। सुपरटेक के मेल के बाद जिन्होंने घर खाली कर दिया लेकिन सुपरटेक इन्साल्वेंसी के समय जो वादा किया उन घर खरीदारों के साथ बड़ा धोखा किया। जिन्होंने घर खाली किया ऐसे सैकड़ों घर खरीदारों को सुपरटेक की तरफ से एक भी पैसा किराया के रूप में नहीं किया। आज ऐसे खरीदार बहुत परेशान है। एक तरफ घर का किराया ऊपर से फ्लैट जो बुक कराए थे उसकी ईएमआई।
आठ महीने से परेशान है सैकड़ों घर खरीदार
सुपरटेक ईकोविलेज-2 में रेंटल स्कीम के तहत घर बुक कराने के बाद सुप्रीमकोर्ट से ईआरपी नियुक्ति होने के बाद बिल्डर के झांसे में घर खाली कर दिए सैकड़ों घर खरीदार पिछले आठ महीने से परेशान है। इनको सुपरटेक घर का किराया देने का जो वादा किया था उससे मुकर गया। मध्यम वर्ग के सैकड़ों लोगो के सामने सुपरटेक ने सबसे बड़ा धोखा किया उसके कारण परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। सुप्रीमकोर्ट से नियुक्ति आईआरपी ने अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं न ही घर खरीदारों के दर्द को सुनने को तैयार है।
रेंटल का वादा अधूरा,ईएमआई + रेंट के बोझ तले कुचले जा रहे खरीदार
सुपरटेक ईकोविलेज-2 के घर खरीदारों को घर तो दूर की कौड़ी दिख रही हैं। एक तरफ रेंटल का वादा अधूरा है दूसरी तरफ ईएमआई + रेंट के बोझ तले कुचले जा रहे सैकड़ों घर खरीदार कुचले जा रहे हैं। कोरोना के दौरान भी ईएमआई से राहत न मिलने के बाद कई परिवार के मुखिया ही चले गए। परोमिता बनर्जी के पति ने सुपरटेक ईको विलेज-2 में एक घर का सपना पत्नी व छोटी बेटी के साथ देखा था। कोरोना के कारण परोमिता के पति की जान चली गई। किसी तरह घर चलाने के साथ बच्ची को पढ़ा रही है इस घरेलू महिला के सामने आर्थिक संकट का पहाड़ सुपरटेक बिल्डर के वादा खिलाफी के कारण टूट पड़ा है। किस तरह ईएमआई व रेंट देने के साथ घर का इंतजार कर रही है, यह सवाल पूछने पर उनके आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं। मासूम बेटी मम्मी के आंखों को पोछते हुए कहती है मम्मी हम लोग मोदी व योगी जी को अपना दर्द सुनाएंगे, वह इसको दूर करेंगे