हाईस्कूल,इंटर पास ठगों ने 30 दिन में एक हजार अमेरिकियों को बनाया निशाना,15 गिरफ्तार

हाईस्कूल,इंटर पास ठगों ने 30 दिन में एक हजार अमेरिकियों को बनाया निशाना,15 गिरफ्तार

1 महीने पहले ही मुंबई से नोएडा शिफ्ट हुआ था कॉल सेंटर

ठगी की रकम बिटकॉइन और गिफ्ट कार्ड में ली जाती थी

ये लोग पॉपअप मेसेज भेजकर अमेरिकियों को सिस्टम हैंग होने की सूचना देते थे

टेक्निकल सपोर्ट देकर सिस्टम सही करने के नाम पर उनसे धोखाधड़ी करते थे

नोएडा

सीबीआई की रेड के 15 दिन के अंदर ठगी का एक और कॉल सेंटर पकड़ा गया है। सेक्टर-59 से चलाए जा रहे इस कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों को ठगा जा रहा था। पुलिस ने तीन महिलाओं समेत 15 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। ये लोग पहले पॉपअप मेसेज भेजकर अमेरिकी नागरिकों को सिस्टम हैंग होने की सूचना देकर गुमराह करते थे। इसके बाद दूसरी एजेंसी का कर्मचारी बनकर टेक्निकल सपोर्ट देकर सिस्टम सही करने के नाम पर ठगी करते थे। आरोपी ठगी की रकम गिफ्ट कार्ड और बिटकॉइन में लेते थे। पुलिस के मुताबिक, यह कॉल सेंटर पहले मुंबई में चल रहा था। एक महीने पहले ही वहां से नोएडा शिफ्ट हुआ है। एक महीने में इस कॉल सेंटर से करीब 1 हजार अमेरिकी नागरिकों से ठगी किए जाने का अनुमान है। गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई व इंटरपोल की सूचना पर सीबीआई ने ऐसे कॉल सेंटर पकड़ने के लिए नोएडा-गुड़गांव में छापेमारी की थी। गुड़गांव में अमेरिकी नागरिकों से ठीक इसी पैटर्न पर की जा रही ठगी का कॉल सेंटर पकड़ा गया था।

पुलिस वेरिफिकेशन की हो रही जांच

इस पुलिस कार्रवाई की जानकारी डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने दी। डीसीपी ने बताया कि ठगी के इस कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड निखिल राणा (36) है। इसके अलावा वीरेंद्र रावत, समीर, संकेत शाह मोहम्मद अली, शाहरुख खान, खान मोहम्मद, हरीश, नुमेर निवासी मुंबई को पकड़ा गया है। इनके साथ ही शिवम यादव (सुल्तानपुर), अरबाज (गाजीपुर), उबैद (नगालैंड) को गिरफ्तार किया गया है। इस कॉल सेंटर से नॉर्थ ईस्ट की तीन महिलाओं अमांडा, वेनसोन, कविनय को पकड़ा है। यहां सेक्टर 59 की इमारत में तीसरी मंजिल पर यह कॉल सेंटर शुरू किया था। बिल्डिंग मालिक ने इन किरायेदारों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया था या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है। आरोपी पहली बार पकड़े गए हैं इसलिए कोई क्राइम रेकॉर्ड नहीं मिला है।

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10वीं पास है मास्टरमाइंड, 3 मुख्य आरोपी फरार

पुलिस के मुताबिक, कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड निखिल राणा 10वीं पास है। इसके अलावा पूरे रैकेट की कोर टीम में ती आरोपी हैं। इनकी पहचान सामी, वसीम व मोन्टू के रूप में हुई है जो फरार हैं। चारों की 25-25 फीसदी की पार्टनरशिप है। बाकी तीनों भी दसवीं पास हैं। इनमें मोन्टू का सबसे अहम रोल है। वह अमेरिकी नागरिकों का डेटा उपलब्ध कराता था। साथ ही गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करंसी को रुपये में कैश कराता था। गुड़गांव में पकड़े गए कॉल सेंटर के लिए भी इन तीनों के काम किए जाने का अंदेशा है।

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बंटा हुआ था सभी का काम

ठगी के इस पूरे रैकेट में सभी का काम बंटा हुआ था। नॉर्थ ईस्ट मूल की तीन महिलाओं को इसलिए रखा गया था क्योंकि उनकी इंग्लिश अच्छी है। अमेरिकी नागरिकों को पहले जब पॉप-अप मेसेज भेजे जाते थे तो उसके बाद ये महिलाएं नामी कंपनी की प्रतिनिधि बनकर टेक्निकल हेल्प के लिए कॉल करती थीं। इसके बाद सीनियर इंजीनियर के नाम पर कॉल बाकी युवकों को ट्रांसफर कर देती थीं। बाकी भी इसी तरह काम करते थे। गिफ्ट कार्ड को स्क्रैच कराकर उसका सिर्फ नंबर मंगवाते थे। यह नंबर टेलीग्राम के जरिए मोन्टू नाम के शख्स को भेजा जाता था। वह जल्द से जल्द अपने रैकेट से इसे कैश कराता था।

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