ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में आज रेजिडेंट डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल आज
अशोक झा, कोलकाता: बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के विरोध में आज रेजिडेंट डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल है। रेजिडेंट डॉक्टरों के देशव्यापी संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने देश के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) से हड़ताल का ऐलान किया था। सवाल है की सेवा के समय अक्सर महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ जाती हैं। कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कालेज में प्रशिक्षु चिकित्सक की हत्या इसकी एक कड़ी है। सभी अस्पतालों में OPD शुरू रहेंगे। डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान इलेक्टिव सर्जरी और लैब में कामकाज बंद रखा जाएगा। दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों ने सोमवार सुबह से बाह्य रोग विभाग, ऑपरेशन कक्ष और वार्ड ड्यूटी को बंद करने की घोषणा की। महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर कोलकाता से लेकर दिल्ली तक गुस्से की आग फैल चुकी है।ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या का आरोपी संजय रॉय चार शादियां कर चुका है। पुलिस के अनुसार, उसके खराब बर्ताव की वजह से तीन पत्नियां उसे छोड़ चुकी हैं जबकि बीते साल चौथी पत्नी की मौत हो गई थी। संजय रॉय ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल लिया है। कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी दी है। 9 अगस्त को मिली थी डॉक्टर की लाश: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कांफ्रेंस हॉल में 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिलने से सनसनी फैल गई थी। डॉक्टर की हत्या से पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि डॉक्टर का शव मिलने के कुछ ही घंटों में पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया। अरेस्ट आरोपी संजय रॉय पुलिस की मदद करने वाला सिविक वॉलंटियर था। वह अस्पताल में आता जाता रहता था। पुलिस ने डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) के सेक्शन 103 (1) हत्या और सेक्शन 64 (बलात्कार) के तहत केस दर्ज किया है।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी संजय रॉय ने चार बार शादी की है। संजय रॉय की तीन पत्नी उसके “दुर्व्यवहार” के कारण उसे छोड़ कर चली गई थी। यह दावा उसके पड़ोसियों ने की है।आरोपी संजय रॉय ने चार बार शादी की थी, और उसकी तीन पत्नियां उसके दुर्व्यवहार के कारण उसे छोड़ कर चली गईं। उसकी चौथी पत्नी की पिछले साल कैंसर से मौत हो गई थी। पड़ोसियों ने बताया कि आरोपी अक्सर देर रात नशे की हालत में घर लौटता था।संजय रॉय की मां मालती रॉ बोलीं- मेरा बेटा निर्दोष है, पुलिस ने दबाव बनवाया: संजय रॉय की मां मालती रॉय ने अपने बेटे के खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उसने पुलिस के दबाव में अपराध करना स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा निर्दोष है। उसने पुलिस के दबाव में अपराध करना स्वीकार किया है। संजय रॉय को उत्तरी कोलकाता के आरजी कर सरकारी अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या में कथित संलिप्तता के लिए शनिवार (10 अगस्त) को गिरफ्तार किया गया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?: 31 वर्षीय पीड़िता का शव अस्पताल के एक सेमिनार हॉल के अंदर मिला था। चार पन्नों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के निजी अंगों से खून बह रहा था और उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे। रिपोर्ट में कहा गया है, “उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे पर चोट के निशान थे और एक कील थी। पीड़िता के निजी अंगों से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाएं हाथ, हाथ और होठों में भी चोट के निशान हैं।”संजय रॉय पर बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए हैं और उन्हें सियालदह अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 23 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। सीएम ममता बनर्जी ने अपनाया है कड़ा रुख: प्राथमिक जांच से पता चला है कि उस चिकित्सक का बलात्कार किया गया और फिर उसे मार डाला गया। उसका शव अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में पाया गया। शव परीक्षा में उसके शरीर पर जगह-जगह गंभीर चोटें पाई गई हैं। हालांकि अस्पताल के कैमरों से मिली तस्वीरों के आधार पर एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर खासा सख्त रुख जाहिर किया है, मगर इस घटना को लेकर अस्पताल कर्मियों और चिकित्सा छात्रों का रोष कम नहीं हो रहा।घटना की जांच के लिए सरकार ने सात सदस्यों का विशेष जांच दल नियुक्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर पीड़िता के परिजन चाहें तो वे इसकी सीबीआइ जांच के आदेश भी देने को तैयार हैं। मगर सवाल है कि आखिर इस तरह का साहस किसी में आया कैसे, कि उसमें कानून का जरा भी भय पैदा क्यों नहीं हुआ। अगर कानून-व्यवस्था का खौफ होता और अस्पताल प्रशासन मुस्तैद रहता, वहां सुरक्षा इंतजाम पुख्ता होते, तो ऐसी वारदात होने ही न पाती।अच्छी बात है कि सरकार इस मामले पर किसी तरह की लीपापोती करने का प्रयास नहीं कर रही है, मगर सवाल है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वहां इतनी लचर व्यवस्था क्यों है कि ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। यह केवल किसी अस्पताल तक सीमित समस्या नहीं है। सामान्य रूप से भी घर से बाहर निकलते वक्त महिलाएं सशंकित रहती हैं कि उनके साथ कुछ अनहोनी न घट जाए। अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सचमुच महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें इस दिशा में व्यावहारिक कदम उठाने का प्रयास करना चाहिए।