18 अगस्त तक कोलकोता पुलिस मामले को नहीं सुलझा पाई तो सीबीआई को दूंगी जांच: ममता

अशोक झा, कोलकाता : कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।इस घटना के बाद से ही देशभर में डॉक्टरों और अन्य संगठनों द्वारा न्याय की मांग की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संवेदनशील मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर 18 अगस्त तक कोलकाता पुलिस इस मामले को सुलझाने में विफल रहती है, तो इसे सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 9 अगस्त को पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और मामले की गहन जांच के आदेश दिए. ममता बनर्जी ने कहा, “यह एक अत्यंत दर्दनाक घटना है. जो भी इसमें शामिल है, उसे तुरंत सजा मिलनी चाहिए. हम चाहते हैं कि इस मामले को तेजी से न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से सुलझाया जाए। 9 अगस्त को कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला. रिपोर्टों के अनुसार, पीड़िता की ड्यूटी गुरुवार रात थी, और उसके शरीर पर कई चोटों के निशान मिले हैं, जिसमें उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई थी। सीएम ममता का सख्त रुख: ममता बनर्जी ने इस घटना को लेकर कहा कि उन्होंने पुलिस को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया है. उन्होंने अस्पताल के प्रमुख अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया, जिसमें प्रिंसिपल, एमएसवीपी, एचओडी और एएसपी शामिल हैं. ममता बनर्जी ने कहा, “हमने मामले की जांच के लिए डॉग स्क्वॉड, वीडियो विभाग और फॉरेंसिक विभाग को तैनात किया है. अगर कोलकाता पुलिस इस मामले को सुलझाने में विफल रहती है, तो इसे सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।।गिरफ्तारी और जांच की दिशा: इस मामले में एक नागरिक स्वयंसेवक, संजय रॉय, को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. उसे सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला न केवल पश्चिम बंगाल, बल्कि पूरे देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इस घटना ने न केवल चिकित्सा पेशे में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि न्याय प्रणाली की त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की भी मांग की है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या कोलकाता पुलिस इस मामले को सुलझा पाएगी, या फिर सीबीआई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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