बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के साथ विकसित राष्ट्र के सपने को जगाया पीएम नरेंद्र मोदी ने


अशोक झा, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार आज लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया। हालांकि, झंडा रोहण कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने देश के नाम 103 मिनट का भाषण दिया। उनके भाषण को पूर्वोत्तर भारत के प्रवेशद्वार में लोग बड़े गंभीरता से सुन रहे थे। उन्होंने कहा की अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना आम बात है। मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे. देशवासी चाहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो. भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख-शांति के मार्ग पर चलें. शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारे शुभचिंतन ही रहेगा, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं। आगे कहा की भारत के लोगों को गंभीरता से सोचना होगा। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।प्रधानमंत्री ने वर्किंग वुमेन पर भी बात की: वर्किंग वुमेन के लिए पेड मेडिकल लीव 12 से 26 हफ्ते की करते हैं। सरकार बच्चे की परवरिश में रुकावट न बने इस संकल्प से आगे बढ़ते हैं। देश के नागरिक को हम सम्मान के भाव से देखते हैं। ये हम सबका मम्भाव है, उसकी ताकत नजर आती है। हम ट्रांसजेंडर को सम्मान का जीवन देने के प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह नोंच लिया
पीएम मोदी ने परिवार शब्द से अपने संबोधन की शुरुआत की और परिवारवादियों को लपेट ले गए। पीएम मोदी के संबोधन में सरकार की उपलब्धियों का बखान था तो भविष्य के लिए रोडमैप भी। उन्होंने इतिहास का जिक्र कर आने वाले कल के लिए देशवासियों को आगाह किया तो भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को लेकर किसी का नाम लिए बगैर विरोधी दलों पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह नोंच लिया है लेकिन ये मोदी के जीवन का प्रतिबद्धता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा।
परिवारवाद को लेकर पीएम का हमला: उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि इसने देश को जिस तरह से जकड़ रखा है, लोगों का हक छीना है। इनका मूल मंत्र है- ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली और फॉर द फैमिली। उन्होंने कहा कि तीसरी बुराई तुष्टिकरण है जिसने देश के मूलभूत चिंतन को नुकसान पहुंचाया है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।प्राकृतिक आपदा को लेकर यह कहा:पीएम मोदी ने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती चली जा रही है। अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, संपत्ति खोई है। देश का नुकसान हुआ है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि देश संकट की इस घड़ी में साथ खड़ा है।
समृद्ध भारत, विकसित भारत का संकल्प
उन्होंने कहा, ‘आजादी से पहले सैकड़ों साल की गुलामी का हर कालखंड संघर्ष का रहा। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती थी। 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे- भारत की आजादी का। हमारी रगों में उन्हीं का खून है। 40 करोड़ लोगों ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था, दुनिया की महासत्ता को उखाड़ फेका था।’पीएम ने कहा कि 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूरा कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर, एक दिशा निर्धारित कर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हर चुनौती को पार कर समृद्ध भारत बना सकते हैं, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। छात्र विदेशों में मेडिकल की शिक्षा के लिए लाखों-करोड़ों रूपये खर्च करते हैं, हम अगले 5 वर्षों में 75,000 नयी मेडिकल सीटें सृजित करेंगे। प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि एक जमाना देखा था 2जी के लिए कैसे संघर्ष करते थे, आज 5जी पूरे देश में रोल आउट हो गया है। दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं, हम रुकने वाले नहीं है। हम 6जी पर तेजी से काम कर रहे हैं।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प: अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियां तोड़कर आजादी हासिल कर सकते हैं, तो जरा सोचिए कि 140 करोड़ लोगों के संकल्प से क्या हासिल किया जा सकता. हम अपने संकल्प से भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में सक्षम हैं. ‘विकसित भारत 2047’ महज शब्द नहीं हैं, ये 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों को दर्शाते हैं. लोगों ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, ‘सीड कैपिटल’ बनाना शामिल है.
किसानों का जीवन बेहत बनाने का लक्ष्य: सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है. सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है. मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है. हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है, यह समय की मांग है. सरकार किसानों को आधुनिक पद्धतियां अपनाने के लिए हरसंभव मदद दे रही है.
आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं: करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं. वह व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं. हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं. जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा.
भारत बनेगा इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब: वो दिन दूर नहीं है, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा. विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं. मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए. राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए.
भारत के CEO दुनिया में कमा रहे नाम: मोदी ने भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) की वैश्विक सफलता और इन स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की उपलब्धियों के बीच एक समानता को रेखांकित करते हुए कहा, “जहां हमारे सीईओ वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहे हैं, वहीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन रही हैं.” सरकार ने इन समूहों को 10 लाख से 20 लाख रुपये आवंटित करने का फैसला किया है.
बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो: बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना, मैं उसको समझ सकता हूं. मैं आशा करता हू कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे. खासकर 140 करोड़ देशवासियों की चिंता है कि वहां के हिंदू, वहां के अल्पसंख्यकों की चिंता सुनिश्चित हो. भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें. शांति के प्रति हमारा कमिटमेंट है, संस्कार हैं. आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में भारत सहभागी बनेगा,क्योंकि हम मानव जाति की भलाई सोचने वाले लोग हैं.
देश की मजबूती के रिफॉर्म पर जोर: हमारी सरकार ने बड़े रिफॉर्म्स को जमीन पर उतारा है. चाहे गरीब हो, मिडिल क्लास हों, वंचित लोग, बढ़ती शहरी आबादी हो, नौजवानों के सपने हों, उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का रास्ता चुना. इन रिफॉर्म्स के लिए जो हमारी प्रतिबद्धता है वो किसी पिंक पेपर के एडिटोरियल के लिए सीमित नहीं है. हमारे रिफॉर्म्स की ये प्रतिबद्धता है कि वो चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं, हमारे रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता किसी मजबूरी में नहीं बल्कि देश को मजबूती देने के इरादे से हैं.रिफॉर्म का हमारा मार्ग एक प्रकार से ग्रोथ का ब्लू प्रिंट बना हुआ है. ये बदलाव हमने राजनीति मजबूरी की वजह से नहीं किया है. नेशन फर्स्ट हमारा संकल्प है.
महिला अत्याचार पर गंभीर: हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो. राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है.
विपक्ष को खरी-खरी: हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं. जब तक खुद का भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता. देश को ऐसे लोगों से बचना होगा.ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी.
नालंदा स्पिरिट को जगाने की जरूरत: बिहार में गौरव का इतिहास रहा है, यहां हमने नालंदा यूनिवर्सिटी का पुर्ननिर्माण किया है. नालंदा यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर से काम करना शुरू कर दिया है. लेकिन हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर से एक बार सदियों पुरानी उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा. नालंदा स्पिरिट को जीना होगा, उस नालंदा स्पिरिट को लेकर के बड़े विश्वास के साथ विश्व की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा।

Back to top button