बस्ती जिले में 43 ग्राम पंचायतों में खर्च के 88 लाख 69 हजार रुपये का हिसाब न मिलने पर ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस

बस्ती जिले में 43 ग्राम पंचायतों में खर्च के 88 लाख 69 हजार रुपये का हिसाब न मिलने पर ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस

उप्र बस्ती जिले के 43 ग्राम पंचायतें खर्च किए गए लगभग 89 लाख रुपये का हिसाब नहीं दे पा रही हैं। वहीं एक ग्राम पंचायत में 18 लाख 26 हजार 540 रुपये का दुरुपयोग पाया गया। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा ने जिला पंचायत राज अधिकारी को इससे संबंधित रिपोर्ट भेज कर ग्राम पंचायतों के सचिवों व प्रधानों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।
वित्त वर्ष 2022-23 में ग्राम पंचायतों की आडिट के दौरान जिले के 43 ग्राम पंचायतों में खर्च किए गए 88 लाख 69 हजार 922 रुपये का हिसाब नहीं मिल पाया। संबंधित ग्राम पंचायतें यह बता ही नहीं पाईं कि यह धन उन्होंने कहां खर्च किए। खर्च के संबंध में कोई अभिलेख या बिल बाउचर नही ​ दिया है। इसी प्रकार कुदरहा विकास खंड के थन्हवा मुड़ियारी ग्राम पंचायत 18 लाख 26 हजार रुपये का 540 रूपये दुरुपयोग पाया गया।
खर्च का हिसाब न दे पाने वाली ग्राम पंचायतों में बस्ती सदर विकास खंड की परसा तकिया, मंझरिया, भुवनी, गौरा प्रथम, सिकरा पठान, पांडेय डीह, कुदरहा के अकेला कुबेरपुर, दैजी, कुदरहा, परशुरामपुर के हैदराबाद, अहिरौली, बेदीपुर, दुबौलिया के धर्मपुर, महुलानी बुजुर्ग, भिऊरा, साऊंघाट के पिरा चंद्रपति, लखनौरा, महुड़र, भतिरिन्हवा, बनकटी के खरका, सजहरा, धौरहरा गौचन, परासी, विक्रमजोत के रिक्हीपुर, रानीगांव, फूलडीह, डहरा मिश्र, इमलिया, लजघटा, सल्टौआ के लक्ष्मणपुर, लपसी, हरैया के मनिकरपुर, बसदेवा कुंवर, बड़ेरिया कुंवर, बहादुरपुर के मटेरा, करहली बुजुर्ग, गौर के पिरैला, सिटकोहर, रुधौली के सुरुआर खुर्द, परशुरमपुर के सोनहटीकप्तानगंज की मंझरिया ग्राम पंचायत शामिल हैं।
जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा की ओर से जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजे गए रिपोर्ट में संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिवों व प्रधानों से स्पष्टीकरण मांगने का कहा है।
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जिला पंचायत राज अधिकारी रतन कुमार ने बताया कि आडिट के दौरान 43 ग्राम पंचायतों में खर्च किए गए 88 लाख 69 हजार 922 रुपये का हिसाब न मिलने पर संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। प्रधानों से स्पष्टीकरण मांगने के लिए डीएम को पत्र लिखा गया है।

 

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