वीएचपी की शोभायात्रा में दिखेगा श्री कृष्ण की सभी शक्तियों का चित्रण
नगर कीर्तन से शहर का होगा कोना - कोना गुंजयमान, हिंदू एकता का होगा गर्जन
अशोक झा, सिलीगुड़ी:
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है। हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है।। कुछ इसी भाव को लेकर विश्व हिंदू परिषद सिलीगुड़ी में अपना 60 वें स्थापना दिवस में सोमवार को नगर कीर्तन शोभायात्रा निकल रही है। विहिप के जिला उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद भारत तथा विदेश में रह रहे हिन्दुओं की एक सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक संस्था है। स्थापना दिवस पर दही हांडी, चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन और पुरस्कार वितरण किया जाएगा। चित्रांकन के माध्यम से बच्चे अपने मन में कृष्ण की छवि मन से उतारेंगे। नगर कीर्तन और शोभायात्रा का उद्देश्य को लेकर रामपुरिया ने कहा कि षष्टीपूर्ति पर्व का समापन वर्ष हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इस वर्ष को हमने संकल्प वर्ष के रूप मे मनाया है जिसमें विगत साठ वर्षो से हिन्दू समाज की सेवा और एकता सुदृढ़ करने, धार्मिक जनजागरण, हिन्दू गौरव की पुन:प्रतिष्ठा, हमारे आस्था केंद्रों की सुरक्षा, तथा सामाजिक सदभाव को स्थापित करने मे विहिप ने महत्वपूर्ण कार्य किया है, ऐसे अनेको प्रत्यक्ष उदाहरण है जिसमे विहिप के आंदोलनों, संघर्ष व सतत कार्य करने से युगन्तरकारी परिणाम आये है।अब हमारा कर्तव्य है की जो परिवार हमसे अभी तक जुड़ा नहीं है उस तक कार्यकर्ता विहिप के कार्यों व उद्देश्यों को लेकर जाए। उन्होंने कहा की सेवा इसका प्रधान गुण है। इसकी स्थापना हिन्दुओं के धर्माचार्यों और सन्तों के आशीर्वाद तथा विश्वविख्यात दार्शनिकों और विचारकों के परामर्श से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन 29 अगस्त 1964 में मुंबई के संदीपन आश्रम में सनातन परंपरा में सन्तों की शुभ निश्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी की प्रेरणा से हुई। उन्होंने बताया कि विहिप का लक्ष्य विश्व को श्रेष्ठ बनाना, विश्व भर के हिंदुओं का संगठन, हिंदू समाज के अंदर समाहित सभी मत पंथ, संप्रदायों का समन्वय, अस्पृश्यता, जाति, पंथ, मतभेद निराकरण, धर्मांतरण पर रोक, कमजोर वर्ग का उत्थान एवं सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने तथा देशभर के हिंदुओं सहित विदेशस्थ हिंदू बंधुओं का जागरण, सर्वांगीण विकास, स्वधर्म निष्ठ, गौरवशाली, स्वाभिमानी, शक्तिशाली हिंदू समाज का निर्माण करना है. विश्व भर के हिन्दुओं को संगठित करने, सनातन संस्कृति की रक्षा व आस्था केंद्रों की सुरक्षा, विकास, सनातन जीवन मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा के पवित्र हेतु से संगठन विगत 60 वर्षों से सेवा में लीन है। गांव और ग्रामीण इलाकों में 15 दिन का धर्म सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है। दलितों के घर खाएंगे खाना विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में दलितों के घर पर भोजन करना और उनकी बस्तियों में जाकर धार्मिक उपदेश देना शामिल होगा।धर्म के प्रति जागरूक करना मकसद: वीएचपी के इस कार्यक्रम को लेकर कहा, ‘यह कार्यक्रम दिवाली से 15 दिन पहले (1 नवंबर) शुरू होगा। हमने धार्मिक नेताओं और गुरुओं से गांव, कस्बों और शहरों की दलित बस्तियों में जाकर पदयात्रा निकालने का आग्रह किया जायेगा। इस दौरान संत दलित समुदाय के साथ भोजन करेंगे उन्हें धार्मिक संदेश देंगे। धर्म के प्रति उनमें जागरूकता फैलाने के मकसद से ऐसा किया जाएगा। हम समय-समय पर ऐसा करते रहे हैं।इसके पीछे धारणा ये है कि सत्संग में लोगों के आने का इंतजार करने के बजाय सत्संग खुद लोगों तक जाए।इस कार्यक्रम से पहले संगठन कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अपनी 60वीं जयंती मनाएगा। इस दौरान देश भर के करीब 9000 ब्लॉकों में धार्मिक आयोजन किए जाएंगे जिसमें विभिन्न समुदायों के लोग हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि समाज में छूआछूत को खत्म करने और हिंदुओं को एकजुट करने के लिए ये कार्यक्रम इस परिवार की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा हैं।