बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति अब आई अलगाववाद पर : असम भाजपा

बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: पिछले महीने से कांग्रेस सांप्रदायिक तुष्टीकरण और धार्मिक ध्रुवीकरण के माध्यम से असम को अस्थिर करने की साजिश रचकर योजनाबद्ध तरीके से असम के जातीय जीवन में संकट पैदा करने करने की कोशिश कर रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भबेश कलिता ने यह बात आज यहां पार्टी मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कांग्रेस सहित इंडी अलायंस का हिस्सा बने विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में एक विशेष समुदाय का भारी समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी पारंपरिक मियां बांग्लादेशी तुष्टीकरण की राजनीति को तेज कर प्रदेश में घुटन भरा माहौल बना दिया है। इन्हीं सांप्रदायिक लोगों के लिए जो कांग्रेस पार्टी के समर्थक हैं, आज ऐसा माहौल बना दिया है, जहां असम की बेटियां और बहुएं खुले दिमाग से सामने नहीं आ सकतीं। ट्यूशन से और स्कूल से लौटी छोटी बच्ची को बलात्कार जैसी विभिषिका से दो-चार होना पड़ा। असमिया बेटियां और बहुएं, जो उन क्षेत्रों में पढ़ाती हैं जहां ये लोग रहते हैं, दैनिक दुर्व्यवहार का सामना करतीं हैं। इतना ही नहीं ऐसे तत्वों के विरुद्ध सरकार द्वारा कठोर कदम उठाए जाने के चलते कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन के नेता अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति के चरम पर पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी अलायंस के नेताओं की ऐसी हरकतों से पार्टियों ने खूंखार अपराधियों, बलात्कारियों और तस्करों के पक्ष में रहकर अपने स्वभाव को उजागर किया है। असम को कांग्रेस के कुशासन से मुक्त कर सुशासन स्थापित कर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने असम के सीने में सांप्रदायिक हिंसा और नफरत को खत्म कर एक स्थिर वातावरण बनाए रखा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वर्तमान में अस्थिर माहौल बनाकर राजनीतिक लाभ लूटने की कोशिश कर रही है, जैसे कि असम के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक संघर्ष और हिंसा ने कांग्रेस सरकार के तहत राज्य की शांति और सद्भाव को नष्ट कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सांप्रदायिक बुरी ताकतों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाकर अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जो असम के सामाजिक जीवन को अस्थिर कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, यहां तक कि पवित्र असम विधानसभा के अंदर बलात्कारियों का विरोध करके और आदिवासी विधायकों को विधानसभा के पटल पर बोलने से रोकने जैसा कार्य करने से भी बाज नहीं आई। आज भी विधानसभा में मोरीगांव के विधायक रमाकांत देवरी का अपमान करने पर कांग्रेस का आदिवासी विरोधी रुख साफ हो गया है। आज के संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मनोज बरुवा और समाचार विभाग के संयोजक देवान ध्रुबज्योति मरल भी मौजूद थे। एक अन्य बयान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान की कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह असम को जलाएंगी। संवैधानिक रूप से चुने गए मुख्यमंत्री के ऐसे बयानों की निंदा करने के लिए कोई भाषा नहीं है। उन्होंने इंडी अलायंस के नेताओं की आलोचना की। भवेश कलिता ने कहा कि खिलंजिया (स्थानीय) हक के लिए काम करने वाले मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ इंडी अलायंस ने प्राथमिकी दर्ज करायी है। उन्होंने सवाल लहजे में कहा कि क्या इन नेताओं में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का साहस होगा, जिन्होंने असम विरोधी बयान दिया था? यहीं पर असम में विपक्ष के इन नेताओं का असली स्वरूप सामने आया है।

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