सर्वसम्मति से अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024 पेश
कानून बनते ही अब बंगाल में दुष्कर्म करने वाले को मिलेगी फांसी
अशोक झा, कोलकोता: पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री ने विधानसभा में अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। बीजेपी बिल का समर्थन कर ऱही है। पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर मामलों में त्वरित कार्रवाई की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने और यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का सुझाव दिया है। बंगाल विधानसभा से दुष्कर्म विरोधी विधेयक पास हो गया है। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने विधेयक को ऐतिहासिक बताया और कहा कि राज्य में विशेष अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच में तेजी आएगी। साथ ही सीएम ने कहा, हम चाहते हैं कि सीबीआई इंसाफ दिलाए।ममता सरकार के इस बिल का विपक्षी पार्टी बीजेपी ने समर्थन कर दिया है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा, बीजेपी पूरी तरह से अपराजिता बिल का समर्थन करती है।
भाजपा ने विधेयक का स्वागत किया, लेकिन कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में भी महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए सभी कड़े प्रावधान हैं। पार्टी नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी ने भी विधेयक में सात संशोधनों की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया। हम चाहते हैं यह कानून जल्द ही लागू हो। यह आपकी (राज्य सरकार) जिम्मेदारी है।।बीजेपी ने कहा, हम इस कानून के लागू होने के बाद राज्य में इसका नतीजा चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। हम आपका पूरा समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा। सीएम ने बिल को बताया ऐतिहासिक: सीएम ममता बनर्जी ने कहा, मैं पूरे पश्चिम बंगाल की तरफ से अपराजिता बिल का स्वागत करती हूं. उन्होंने इस बिल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, 3 सितंबर 1981 को यूएन ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ कदम उठाया और महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के लिए सम्मेलन की शुरुआत की। सीएम ने कहा, इसी ऐतिहासिक तारीख को मैं सब का इस बिल को स्वीकार करने के लिए स्वागत करती हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पीड़िता के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं जिनके साथ ऐसे गंभीर अपराध हुए और उनकी मृत्यु हो गई।
ममता बनर्जी ने कोलकाता रेप मर्डर केस को लेकर कहा, हम रेप के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग करते हैं। यह एक गंभीर अपराध है। साथ ही उन्होंने कहा , वो समाज कोई समाज नहीं हो सकता जहां महिलाओं का सम्मान न किया जाए।
अपराजिता बिल के अंदर क्या-क्या होगा: इस बिल के अंदर रेप, हत्या के केस में फांसी का प्रावधान होगा। अपराजिता बिल के अंदर मामले की चार्जशीट दायर करने के 36 दिन के अंदर आरोप साबित हो जाने के बाद दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी। इस बिल के तहत हर जिले में महिलाओं के लिए अपराजिता टास्क फोर्स बनाई जाएंगी, टास्क फोर्स-रेप, एसिड अटैक या छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई करेंगी। एसिड अटैक के मामलों में भी सख्त सजा दी जाएगी, एसिड अटैक के अपराध पर बिल में आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान है।
साथ ही बिल में प्रावधान है कि पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।
“सीबीआई पीड़िता को इंसाफ दिलाए”: सीएम ममता बनर्जी ने बताया 9 अगस्त को जिस दिन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ और उसकी हत्या कर दी गई, वो उस समय झाड़ग्राम में थी। उन्होंने कहा, जब तक यह केस कोलकाता पुलिस के हाथ में था तब तक मैं झाड़ग्राम में थी। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। साथ ही सीएम ने कहा, केस को सीबीआई को सौंपने से पहले मुझे रविवार तक का समय चाहिए था. मेरी पुलिस एक्टिव थी। सीएम ने कहा हम चाहते हैं कि सीबीआई मामले की जांच करें और पीड़िता को इंसाफ दिलाए।
गवर्नर जल्द पास करें बिल: सीएम ममता बनर्जी ने बिल को पेश करने के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी से कहा, हम चाहते हैं कि बीजेपी गवर्नर सी.वी. आनंद बोस से कहे कि वो फौरन इस बिल को पास करें। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने साल 2013 से राज्य के सारे फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए राशि देने पर रोक लगा दी है। सीएम ने बताया कि राज्य में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट मौजूद है। “फास्ट ट्रैक कोर्ट में 7 हजार केस पेंडिंग”: कोलकाता में 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए रेप केस को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा, हम चाहते हैं कि सीबीआई पीड़िता को इंसाफ दिलाए। साथ ही उन्होंने राज्य में मौजूद कोर्ट को लेकर कहा, महिलाओं के लिए बंगाल में अलग से कोर्ट है, यहां फास्ट ट्रैक कोर्ट है, जिसमें 7000 केस पेंडिंग हैं. राज्य सरकार तेजी से केस की जांच कर रही है, लेकिन कोर्ट से इंसाफ मिलने में देरी हो रही है।
सीएम ने किया बीजेपी पर हमला: सीएम ममता बनर्जी ने कहा मुझे प्रधानमंत्री की तरफ से कोलकाता रेप केस पर किसी तरह कीप्रतिक्रिया नहीं मिली है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी कहती है कि पश्चिम बंगाल में ट्रेन में रेप जैसे अपराध होते हैं, तो मैं पूछना चाहती हूं कि अगर पश्चिम बंगाल में ट्रेन में रेप होते हैं, तो क्या पश्चिम बंगाल की सरकार उसकी जिम्मेदार है, रेल को कौन कंट्रोल करता है। साथ ही उन्होंने कहा, बीजेपी उन्नाव और हाथरस की बात क्यों नहीं करती। सामाजिक सुधार की जरूरत: ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर देते हुए कि रेप जैसे अपराध को खत्म करने के लिए जितना कानून जरूरी है उतना ही सामाजिक सुधार भी महत्व रखता है, कहा, रेप जैसे अपराध को रोकने के लिए सामाजिक सुधार की जरूरत है, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, साल 1919 में राजा राम मोहन के समय में उनके लगातार सामाजिक सुधार के चलते देश में सती प्रथा पर रोक लगी थी, लेकिन जिस समय साल 1987 मैं पूर्व पीएम राजीव गांधी ने सती प्रथा को बैन किया उस समय देश में सती प्रथा पर लगाम लग गई थी। “राज्य अपने लिए बना सकता है कानून”: अपराजिता बिल को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा, राज्य अपने लिए कानून बना सकता है। अपराधियों के खिलाफ कानून लाने में बनाने में कोई समस्या नहीं है, साथ ही उन्होंने कहा, यह बिल गर्वनर के पास जाएगा, जिसके बाद यह बिल कानून बनने के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में प्रताड़ित महिलाओं को अदालत में न्याय मिल रहा है. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पारित करने से पहले पश्चिम बंगाल से विचार-विमर्श नहीं किया गया था, हम नई सरकार के गठन के बाद इस पर चर्चा चाहते थे।इस्तीफे को लेकर सीएम ने क्या कहा: बीजेपी कोलकाता रेप केस के बाद से ही सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रही थी, जिस पर जवाब देते हुए सीएम ने कहा, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा मांगो, जो महिलाओं की रक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू नहीं कर पाए हैं। उन्होंने आगे कहा, क्या होगा अगर मैं उन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री के खिलाफ नारे लगाऊं जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं . उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर असामान्य रूप से ज्यादा है। बीजेपी विधायक ने किया बिल का समर्थन: बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने अपराजिता बिल का समर्थन किया है, उन्होंने कहा, मैं इस बिल का समर्थन करती हूं, क्योंकि मैं एक मां हूं, एक बेटी हूं, मेरी बच्ची हैं और मैं एक औरत हूं। अग्निमित्रा पॉल ने कहा, मैं वादा करता हूं कि अगर अपराजिता बिल लागू होने के बाद भी मामले में सीबीआई कुछ नहीं करेगी तो भी हम सीबीआई के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।