संदीप घोष की बढ़ी मुश्किलें,आलीशान फार्म हाउस का ईडी ने लगाया पता
करीबी को साथ ले गई ईडी, लोगों में खुशी का माहौल
अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज करप्शन मामले में ED को संदीप घोष के एक आलीशान फॉर्म हाउस के बारे में पता चला है।
इस लग्जरी फार्म हाउस की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। ED ने अपने साथ संदीप घोष के करीबी प्रसुन चटर्जी को लेकर यहां रेड मारी है।ED की रडार पर अब संदीप घोष की अकूत संपत्ति है। संदीप घोष का ये फॉर्म हाउस दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में है। इसमें घुमने फिरने के लिए एक बड़ा गार्डन और ऐशो आराम की सब सुख सुविधाएं हैं। बंगले का नाम ‘संगीत संदीप विला’ है। इसमें एक भव्य बंगला कई बीघे जमीन के बीचो बीच बना है। फिलहाल ED के अधिकारी बंगले पर छापेमारी कर जानकारी जुटाने में लगे हैं। जिसमें बीजेपी ने न्याय की मांग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफ़े की मांग को लेकर राज्यव्यापी “चक्का जाम” (सड़क नाकाबंदी) का आयोजन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने मामले से निपटने के तरीके और कथित लीपापोती पर गुस्सा जताया और पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस से जवाबदेही की मांग की।
कोलकाता रेप-मर्डर मामले में BJP का राज्यव्यापी चक्का जाम
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता और कई जिलों में चक्का जाम का आयोजन किया और एक घंटे तक प्रमुख सड़कों को जाम रखा. इस दौरान सदस्यों और समर्थकों सहित प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और तख्तियां लेकर पीड़िता के लिए न्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
कोलकाता में प्रदर्शनकारियों ने श्यामबाजार, लेक टाउन, वीआईपी रोड, साल्ट लेक, करुणामयी, बेहाला और राजपुर जैसे इलाकों में दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक सड़कें जाम कर दीं। रिपोर्ट के अनुसार, बीरभूम, पश्चिम बर्धमान और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, जहां टायर जलाए गए, जिससे यातायात की आवाजाही में कुछ समय के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ा.
बीजेपी नेताओं ने कोलकाता पुलिस पर मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया. कथित तौर पर पीड़ित के परिवार को अधिकारियों के दबाव का सामना करना पड़ा, जिसमें जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने और मौत की परिस्थितियों के बारे में चुप रहने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाया गया.
इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कोलकाता पुलिस पर पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने और मामले को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने गृह और स्वास्थ्य विभाग संभाल रही बनर्जी पर जिम्मेदारी न लेने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की.
ईडी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी सहयोगी प्रसून चटर्जी को हिरासत में लिया. घोष के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े कोलकाता के सुभाषग्राम स्थित उनके आवास पर 7 घंटे तक तलाशी अभियान के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया.
ईडी ने संदीप घोष के कोलकाता स्थित आवास और अन्य जगहों पर भी रेड की. ईडी की रेड धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत वित्तीय जांच का हिस्सा हैं, जो कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में घोष के कार्यकाल से जुड़ा है.
घोष के बेलियाघाटा स्थित आवास और हावड़ा और सुभाषग्राम में दो स्थानों पर छापेमारी की गई. हालांकि, चारों पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं.
अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने शक जताया था कि पीड़िता को संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुई वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी रही होगी और इसे उजागर करने की धमकी देने पर उसकी हत्या की गई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने संदीप घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित याचिका में शामिल होने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि एक आरोपी के तौर पर घोष के पास जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में चार्जशीट को लेकर सीबीआई से सवाल किया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या मामले में सीबीआई कब चार्जशीट दाखिल करेगी और आरोपियों पर मुकदमा चलाएगी? कब? संदीप घोष की याचिका खारिज: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से भी संदीप घोष को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, कलकत्ता होई कोर्ट ने घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली एक अन्य याचिका के मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया था।’आपको कोई अधिकार नहीं…’CJI डी.वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि एक आरोपी के तौर पर संदीप घोष इस याचिका में पक्षकार बनाए जाने के पात्र नहीं हैं। कोर्ट ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित SIT से CBI को ट्रांसफर करने का 23 अगस्त को आदेश दिया था। पीठ ने कहा, ‘जिस वक्त घटना हुई आप कॉलेज के प्रिंसिपल थे। एक आरोपी के रूप में आपको जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, जहां कलकत्ता हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है। 23 अगस्त को हाई कोर्ट का आदेश अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया था, जिन्होंने घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने के घोष के अनुरोध को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह इस मामले में आवश्यक पक्षकार नहीं हैं।