आज शुभ मुहूर्त में होगा भगवान विश्वकर्मा की पूजा
अशोक झा, सिलीगुड़ी: विश्वकर्मा जयंती का त्योहार मुख्य रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है जो विभिन्न शिल्पों में संलग्न होते हैं, जैसे कि कारीगर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, मैकेनिक, और फैक्ट्री श्रमिक। इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए जरूरी कन्या संक्रांति 16 सितंबर को है। इस दिन सूर्य देव शाम को 07:53 बजे कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। परिवर्तन के समय को ही कन्या संक्रांति कहा जाता है। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शिल्पकार विश्वकर्मा जी का अवतरण हुआ था।इस शुभ अवसर पर विश्वकर्मा पूजा करना लाभकारी माना जाता है ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस साल विश्वकर्मा जयंती का पर्व 17 सितंबर दिन मंगलवार यानी कल मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने वाहन, मशीन, औजार कलपुर्जे, दुकान आदि की पूजा करते हैं इसके साथ ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की विधि पूर्वक पूजा कर उनका आभार व्यक्त करते हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।विश्वकर्मा पूजा की तारीख और समय-पंडित अभय झा के अनुसार पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा पूजा भाद्रपद माह में सूर्य जब कन्या राशि से निकलता है और सिंह राशि में प्रवेश कर जाता है तो ऐसे में विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। इस साल सूर्य 16 सितंबर को शाम के समय 7 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में विश्वकर्मा जयंती का पर्व 17 सितंबर के दिन मनाया जाएगा। वही भद्रा काल लगने की वजह से इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए सीमित समय प्राप्त हो रहा है।ऐसे में 17 सितंबर को दोपहर में भद्रा काल लग रहा है। कहा जाता है कि भद्राकाल के दौरान पूजा करना शुभ नहीं होता है इससे नकारत्मकता बढ़ जाती है ऐसे में 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 43 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा कर सकते हैं। ऐसे में विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त कुल मिलाकर 5 घंटे 36 मिनट का होगा। इ सी दौरान भक्त भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।