सीबीआई की जांच रिपोर्ट से चिंता में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

– कहा, थाना प्रभारी की गिरफ्तारी के बाद भी इसमें जुड़े लोगों की करनी होगी तलाश
– जल्द से जल्द डॉक्टरों को देनी होगी पूरी सुरक्षा, बंद लिफाफे में सीबीआई को से जानकारी
अशोक झा, कोलकोता: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच पूरी होने में अभी भी समय है। हमें सीबीआई को पर्याप्त समय देना होगा, वे सो नहीं रहे हैं। उन्हें सच्चाई उजागर करने के लिए समय चाहिए। बंगाल सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाने जा रही है। जूनियर डॉक्टरों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि हड़ताल खत्म करने को लेकर अंतिम फैसला उनकी जनरल बॉडी मीटिंग में लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट कोलकाता केस पर खुद संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। उसने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जो मंगलवार (17 सितंबर) को कोर्ट में रखी गई। रिपोर्ट देखने के बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट में मौजूद वकीलों से कहा, “हम स्टेटस रिपोर्ट के तथ्य तो आपको नहीं बता सकते। लेकिन हमें दिख रहा है कि सीबीआई पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। सीबीआई ने एसएचओ को गिरफ्तार भी किया है। दूसरे लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। हम 1 हफ्ते में नतीजे की उम्मीद नहीं कर सकते। हमें CBI को देना होगा समय- CJI: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा,’हमें सीबीआई को समय देना होगा। 3 जजों की बेंच ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता से भी सीबीआई की जांच टीम मिले। उन्हें जांच को लेकर ज़रूरी जानकारी दे। साथ ही, घटना को लेकर उनकी तरफ से रखे गए सवालों की भी जांच करे। जूनियर डॉक्टरों के लिए पेश वकील ने कहा कि घटनास्थल पर कई ऐसे लोग गए थे, जिनका मामले से कोई संबंध नहीं था। कोर्ट ने उनसे कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में उन लोगों के नाम सीबीआई को सौंपें। कोलकाता पुलिस ने CBI को सिर्फ 27 मिनट की फुटेज दी: डॉक्टरों के एक समूह के लिए मौजूद एक वकील ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को सिर्फ 27 मिनट की फुटेज दी. इससे ऐसा लगता है कि कुछ छिपाने की कोशिश की गई है। पीड़िता की जीन्स और कुछ और अहम चीज़ें पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजी गईं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “सीबीआई ने जो बातें रिपोर्ट में बताई हैं, वह काफी परेशान करने वाली हैं. सीबीआई को कोलकाता पुलिस को समन भेज कर पूरी फुटेज मांगनी चाहिए।काम पर लौटने का फैसला जनरल बॉडी मीटिंग लेगी: पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जूनियर डॉक्टरों की सीएम से हुई बैठक में हुए समझौते का पालन किया जाएगा. अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। डॉक्टरों के काम और आराम की जगह पर अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। काम पर लौटने वाले डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जूनियर डॉक्टरों के लिए पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि काम पर लौटने का फैसला जनरल बॉडी मीटिंग लिया जाएगा।
यह राजनीतिक मंच नहीं- CJI चंद्रचूड़: पश्चिम बंगाल सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग बंद करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सुनवाई का सीधा प्रसारण देख कर लोग सोशल मीडिया में उनके बारे में टिप्पणी कर रहे हैं. ऐसा जताया जा रहा है जैसे वह बलात्कारी की पैरवी कर रहे हैं. लेकिन चीफ जस्टिस ने सुनवाई का प्रसारण रोकने से मना कर दिया. सुनवाई के दौरान ज़ोर-ज़ोर से बोल रहे एक वकील को भी चीफ जस्टिस ने कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा, “यह राजनीतिक मंच नहीं है. अगर आप चाहते हैं कि कोर्ट मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कहे, तो ऐसा नहीं हो सकता. यह कोर्ट का काम नहीं है।मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में महिला डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट खत्म करने की बंगाल सरकार की अधिसूचना को लेकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा देना राज्य सरकार की ड्यूटी है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि आपको इस मुद्दे से निपटना होगा। सुरक्षा सुनिश्चित करना ही समाधान है. बंगाल सरकार को इस अधिसूचना में संशोधन करना चाहिए. सुरक्षा मुहैया कराना आपकी जिम्मेदारी है। आप महिलाओं को नाइट ड्यूटी करने से नहीं रोक सकते।पायलट और सेना के जवान रात के समय काम करते हैं।कोर्ट ने कोलकाता रेप और मर्डर मामले की जांच की सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को डिस्टर्बिंग बताया। कोर्ट ने कहा कि सीबीाई को इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी। सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टर्स ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्हें काम पर लौटने में कोई दिक्कत नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी मुलाकात में इस पर चर्चा हुई थी।विकिपीडिया को तस्वीर हटाने का दिया आदेश: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया कि वह मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और उसकी तस्वीर हटा दे. कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह एक हफ्ते के बाद अगली सुनवाई करेगा।

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