आखिरकार खोलना पड़ा बंगाल झारखंड राष्ट्रीय राजमार्ग

अशोक झा, कोलकोता: लगभग एक दिन तक चले अस्थायी बंद के बाद, पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच सीमा को फिर से खोल दिया गया है, जिससे अंतर-राज्यीय व्यापार में लगे ट्रकों की मुक्त आवाजाही की अनुमति मिल गई है।खैर, ममता बनर्जी पर असम के CM हिमंत बिस्व सरमा वाली ट्रिक भारी पर गई और उनको एक दिन के भीतर ही पश्चिम बंगाल झारखंड सीमा सील करने के आदेश को वापस लेना पड़ गया. आइये जानें आखिर उन्होंने ये आदेश दिया क्यों था और उनको आदेश वापस क्यों लेना पड़ा।पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार देर शाम को झारखंड सीमा को सील करने का फैसला लगभग 24 घंटे बाद वापस ले लिया।इसके बाद मैथन, जमशेदपुर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और बोकारो की सीमाओं को खोल दिया गया, और वाहनों का परिचालन पुनः शुरू हो गया।
पानी छोड़े जाने पर जताई नाराजगी: मैथन, पंचेत और तेनुघाट डैमों से झारखंड द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने नाराज होकर सभी प्रवेश द्वारों को सील कर दिया था. इससे बॉर्डर पर भारी जाम लग गया था, विशेष रूप से मैथन टोल प्लाजा से निरसा तक। जाम को देखते हुए भारी वाहनों को तोपचांची और धनबाद में ही रोका गया। बहरागोड़ा बॉर्डर पर करीब 10,000 से ज्यादा वाहन जाम में फंसे रहे, और पटमदा सीमा पर भी वाहनों की 16 किमी लंबी कतार लग गई थी। नहीं काम आई हिमंता बिस्वा वाली ट्रिक: बता दें CM सरमा ने मेघालय की यूएसटीएम और इसके मालिक और कुलपति महबाबुल हक को गुवाहाटी में ‘बाढ़ जिहाद’ का जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि संस्थान ने अपने परिसर में पहाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जिससे गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर जलभराव हुआ है. कुछ इसी तरह का आरोप ममता बनर्जी ने झारखंड पर लगाए थे. हालांकि, इसके बाद JMM ने मालवाहक वाहनों के लिए सीमा सील करने की बात कही थी. इसके बाद ममता बनर्जी को अपन फैसला वापस लेना पड़ा।वाहनों में खराब हो रही थी सामग्री: जाम के कारण फंसे वाहनों में रखी फल-सब्जियां खराब होने लगी थीं. बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, दिल्ली और अन्य राज्यों के भी वाहन इस जाम में फंसे हुए थे. इनमें से ज्यादातर वाहन खाद्य सामग्री लेकर जा रहे थे, जिनमें फल, सब्जियां और अन्य जरूरी सामान था. कुछ वाहनों में भेड़-बकरियां भी थीं, जिनकी स्थिति बेहद खराब हो रही थी. वाहन चालकों को भोजन और पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा था।ममता बनर्जी की डीवीसी से करार रद्द करने की चेतावनी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के साथ सभी समझौतों को रद्द करने की धमकी दी है. ममता बनर्जी का आरोप है कि झारखंड द्वारा एकतरफा पानी छोड़े जाने के कारण दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस तबाही से निपटने के लिए वित्तीय मदद की भी मांग की है।

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