चेरापूंजी कहे जाने वाले उत्तर बंगाल में गर्मी से लोगों का जीना हुआ मुहाल, स्कूल के समय में परिवर्तन की मांग

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से दिन के समय लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने पत्र लिखकर शिक्षामंत्री से स्कूल का समय में परिवर्तन करने की मांग की है। घोष ने लिखा है की आपके ध्यान और विचार में लाना है कि पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी की स्थिति और इसके प्रभाव ने स्कूल में बच्चों के लिए प्रतिकूल स्थिति पैदा कर दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों के लिए लू की चेतावनी जारी की है और चिलचिलाती गर्मी के कारण बच्चों के लिए नियमित समय में स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। स्कूली शिक्षा के विभिन्न हितधारकों के परामर्श से उत्तर बंगाल क्षेत्र के लिए पूजा अवकाश से पहले सुबह के सत्र में स्कूल का समय सुबह 8 बजे से 11 बजे तक पुनर्निर्धारित करने पर विचार करें।उत्तर बंगाल में इसके पहले खासकर दार्जिलिंग जिला के लोगों को कभी इस प्रकार की गर्मी से वास्ता नहीं पड़ा था। हालांकि राज्य के दक्षिणी जिलों में बारिश की संभावना है, लेकिन फिर भी बंगाल के लोगों को गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तर पश्चिम से आने वाली शुष्क हवाओं के प्रभाव से बंगाल में अगले कई दिनों तक लू की स्थिति बने रहने की संभावना है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्यों में तापमान बढ़ने की चेतावनी दी है। इसी बीच,कोलकाता और अधिकतम तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.4 डिग्री ज्यादा है. जबकि न्यूनतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक है।
बैसाख जेष्ठ महीने का एक और वर्षा रहित दिन। इस बार भारत का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। आने वाले दिनों में कई क्षेत्रों में गंभीर स्थिति का सामना करने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल के लोगों को हीटवेव का सामना करना पड़ रहा है. लोग चिलचिलाती गर्मी से इस कदर परेशान हैं कि घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी थ। गर्मी ने तोड़ा 70 सालों का रिकॉर्ड कोलकाता और उत्तर बंगाल के विभिन्न शहरों ने तोड़ दिया है।अलीपुर और दमदम में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा. अलीपुर मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 70 साल में यह सबसे अधिक तापमान है। आखिरी बार 25 अप्रैल 1980 को 41.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, वहीं अप्रैल 1954 में तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
इन इलाकों में लू की चेतावनी
अलीपुर मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण बंगाल के सभी जिलों में लू की चेतावनी जारी की है। बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, बांकुरा और पुरुलिया जिलों में अत्यधिक लू की स्थिति की चेतावनी दी गई है। कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के अन्य सभी जिलों में शनिवार तक लू जारी रहेगी। उत्तर और दक्षिण 24 परगना में अत्यधिक लू की स्थिति का सामना लोगों को करना पड़ सकता है बर्धमान और बीरभूम में भी गर्म और असहज रातों की चेतावनी दी गई है। इस⁰ समय दक्षिण बंगाल ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल भी जल रहा है. हालांकि, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में बारिश की संभावना जताई गई है. मंगलवार से अलीपुरद्वार के जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों में अधिक बारिश की भविष्यवाणी की गई है. हालांकि, तीन जिलों मालदा और दो दिनाजपुर में लू की स्थिति भी बनी रही. अगले दो दिनों तक उत्तर बंगाल में तापमान कमोबेश ऐसा ही रहेगा. दो दिनों के बाद उत्तर बंगाल में तापमान में गिरावट की संभावना है. मंगलवार को कोलकाता और आसपास के इलाकों में अधिकतम तापमान 43 डिग्री रहा, जो सामान्य से 7.4 डिग्री ज्यादा है. न्यूनतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक है. वायु में अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता 86 प्रतिशत रही। सितंबर के महीने में आमतौर पर मॉनसूनी बारिश की उम्मीद रहती है. लेकिन इस बार उम्मीद के विपरीत तेज धूप व उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है। बीते कुछ दिनों से लगातार बढ़ते तापमान व चिलचिलाती धूप की वजह से आम जनजीवन प्रभावित होने लगा है। पिछले कुछ दिनों से अच्छी बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। लिहाजा किसानों की चिंताएं भी बढ़ने लगी है। चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी ने लोगों को सुकून छीना लिया है. बुजुर्ग-बच्चे सभी बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं. ताकि इस प्रचंड गर्मी से उन्हें निजात मिल सके। पिछले कुछ दिनों से जिले के तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है। सोमवार सितंबर महीने का सबसे गर्म दिन माना जा रहा है। दिन का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। इस दौरान जिले का न्यूनतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मानसून के दौरान बारिश की उम्मीद लगाये लोग तेज धूप व उमस से पूरे दिन लोग असहज रहे। बारिश नहीं होने के कारण न सिर्फ जिले के तापमान में इजाफा हो रहा है. बल्कि ह्यूमिडिटी भी असहनीय हो चुकी है। भीषण गर्मी लोगों के समक्ष स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां खड़ी कर रहा है। वहीं खेतों में लगे धान की फसल भी बारिश के अभाव में मुरझाने लगे हैं। अगर मौसम का यही हाल आगे भी बना रहा तो जिले में इस बार धान का उत्पादन प्रभावित होना तय माना जा रहा है।अगले कुछ दिनों तक राहत नहीं: जिले वासियों को भीषण गर्मी से फिलहाल निजात मिलता नहीं दिख रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान में इसका अंदेशा जाहिर किया गया है। जारी पूर्वानुमान में 24 सितंबर के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जाहिर की गयी है। 24 ओर 25 सितंबर के बाद जिले के कुछ एक स्थानों पर बारिश होने से मौसम में थोड़ा सुधार संभव है। इस दौरान जिले का अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। डॉक्टरों का कहना है कि अत्यधिक तापमान हर किसी की परेशानी बढ़ा सकता है। हालांकि कुछ लोगों को खतरा ज्यादा होता है. तेज गर्मी और लू शरीर को कई तरह से नुकसान करती है। इससे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, हार्ट अटैक, उल्टी और दस्त जैसी परेशानी बढ़ जाती है। लोगों को गर्मी के कारण काफी थकावट भी हो जाती है और चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। मांसपेशियों में दर्द और क्रैंप भी आते हैं. बढ़ती गर्मी इस तरह की कई बीमारियों का कारण बनती है। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।किन लोगों को है ज्यादा खतरा?: डॉ.बताते हैं कि जो लोग बाहर फील्ड वर्क और बाहर के निर्माण कार्यों में लगे रहते हैं उनको लू लगने का खतरा सबसे अधिक होता है। श्रमिकों,रिक्शा चालक, डिलीवरी बॉय, फुटपाथ पर रहने वाले लोग हाई रिस्क पर होते हैं । इसके अलावा, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाएं और जिन लोगों को पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है उनको भी बढ़ती गर्मी में खतरा हो सकता है। ऐसे लोगों को अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

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