एसटीएफ लखनऊ की टीम ने बांदा मे पकडी पिस्टल-रिवाल्वर बनाने की फैक्ट्री,4 गिरफ्तार
बिहार से मंगाई मशीनो से बिहार के कारीगर बांदा में बनाते थे पिस्टल,रिवाल्वर
फरार आरोपितों मे एक बिहार, एक हमीरपुर,और एक रायबरेली का निवासी
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बुन्देलखंड के बांदा में बिहार से कच्चा माल मंगाकर बिहार के कारीगर पिस्टल और रिवाल्वर बना रहे थे। सटीक जानकारी मिलने पर यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने बांदा और अतर्रा में छापा मार कर अंतरराज्यीय असलहा बनाने की फैक्ट्री बरामद करने के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में बने अधबने रिवाल्वर और पिस्टल बरामद किए हैं। एसटीएफ की टीम ने इस मामले मे बिहार के दो कारीगरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके अतिरिक्त गिरोह में हमीरपुर का एक, रायबरेली का एक और एक ब्यक्ति बिहार का शामिल बताया गया हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक एसटीएफ लखनऊ को सूचना मिली थी कि बांदा में बड़े पैमाने पर रिवाल्वर और पिस्टल बनाने की फैक्ट्री संचालित है। जिसमें बनाए गए रिवाल्वर और पिस्टल प्रदेश की राजधानी समेत अन्य जनपदों म भीें बेचे जा रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम मे सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह, कांस्टेबल कौशलेंद्र प्रताप सिंह और आरक्षी रवि वर्मा को शामिल किया गया। टीम के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह को एक दिन पहले बाँदा भेज दिया गया। जिसने मुखबिर से संपर्क स्थापित कर लिया। शनिवार को इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी बांदा पहुंचे। सिविल लाइन पुलिस चौकी के दरोगा को भी इस कार्रवाई में शामिल किया गया।
टीम ने सबसे पहले शहर के गुलाब नगर स्थित ज्ञान सिंह के मकान में छापा मारा। जहां शुभम सिंह निवासी अतर्रा बांदा और अनुज सिंह निवासी स्वराज कॉलोनी गली नंबर दो मिल गये। एसटीएफ को देखकर दोनों थर-थर कांपने लगे। फिर कभी गलती न करने की दुहाई देते हुए माफ करने की बात करने लगे। टीम ने जब इस दो मंजिला मकान में और खोजबीन की तो वहां बिहार के दो कारीगर असलहा बनाते हुए पाए गए। इनके नाम प्रदीप शर्मा और संजीव पोद्दार निवासी मरूस्ररपुर कासिम बाजार मुंगेर बिहार बताये गये हैं।मौके पर दो देशी पिस्टल, एक देसी रिवाल्वर, 5 अर्ध निर्मित पिस्टल, दो पिस्टल बॉडी, बॉडी कटिंग मशीन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए। इनकी निशान देही पर अतर्रा में एलआईसी कार्यालय के पास एक मकान में छापा मार कर दो मशीने बरामद की गई। जो बॉडी बनाने के काम आती हैं। बरामद हुई मशीनें इतनी भारी थी कि इन्हें क्रेन के जरिए बाहर निकाल कर लोडर के जरिए थाने भेजा गया।
पकड़े गए शिवम सिंह और अनुज ने बताया कि वह लोग बिहार से कच्चा माल लाते थे। अतर्रा में मशीनों के जरिए असलहे की बॉडी तैयार की जाती थी। इसके बाद बांदा में रिवाल्वर और पिस्टल तैयार किए जाते थे। अतर्रा में बरामद हुई मशीन बिहार का रहने वाला सद्दाम चलाता था,जो मौके पर नहीं मिला। बिहार के पकड़े गए कारीगरों ने बताया कि उन्हें एक पिस्टल का मेहताना 5000 रुपए मिलता था। इसी लालच में आकर वह यहां आकर यहां काम करते रहे हैं। एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार तिवारी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में सात अभियुक्तों के नाम शामिल हैं। चार की गिरफ्तारी हो चुकी है, तीन लोग फरार हैं। इनमें रायबरेली, हमीरपुर और बिहार के रहने वाले एक-एक व्यक्ति शामिल है।