महालक्ष्मी का मर्डर के बाद 59 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखने वाले मुख्य आरोपी ने किया आत्महत्या
सुसाइड नोट भी बरामद, जिसमें उसने महालक्ष्मी का कत्ल किए जाने की बात भी कबूल की है
बांग्लादेश बॉर्डर से अशोक झा: बैंगलुरु के व्यालिकावल की रहने वाली महालक्ष्मी की नृशंस हत्या के मामले ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया था। मामले में ताजा अपडेट यह है कि इस जघन्य हत्या के मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रॉय ने ओडिशा में आत्महत्या कर ली है।बेंगलुरु में कुछ दिनों पहले एक महिला का शव टुकड़ों में कटा हुआ उसके घर से बरामद हुआ था। महिला का नाम महालक्ष्मी था। उसका शव फ्रीज से बरामद हुआ था। पुलिस का मानना है कि इस घटना का मुख्य संदिग्ध, जिसने महालक्ष्मी की हत्या की और उसके शरीर को 59 टुकड़ों में काट दिया, कथित तौर पर ओडिशा में उसने आत्महत्या कर ली है। उसका शव एक पेड़ से लटका मिला है। आरोपी महालक्ष्मी का बॉयफ्रेंड बताया जा रहा है जिसका नाम मुक्ति रंजन रॉय बताया जा रहा है। साथ ही उसका एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उसने महालक्ष्मी का कत्ल किए जाने की बात भी कबूल की है। सुसाइड नोट से बड़ा खुलासा जब पुलिस ने महालक्ष्मी हत्याकांड में मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रॉय की पहचान पुलिस ने पहले ही कर ली थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लेकिन वो आरोपी कत्ल के बाद से ही फरार चल रहा था, जिसके चलते बेंगलुरु पुलिस ने कई राज्यों में उसकी तलाश शुरू कर दी थी। अब उसने ओडिशा में आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि उसकी लाश के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मुक्ति रंजन रॉय ने हत्या की बात स्वीकार की है और कहा है कि उसने ये जुर्म करके गलती की है। क्या है महालक्ष्मी मर्डर केस बेंगलुरु के व्यालीकवल इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया जब यहां की एक तीन मंजिला घर की पहली मंजिल पर महालक्ष्मी का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। महालक्ष्मी के कमरे से 21 सितंबर को फ्रिज और कमरे में बिखरे उसी की लाश के टुकड़े मिले थे। कातिल ने महालक्ष्मी के 50 से अधिक टुकड़े किए थे। महालक्ष्मी की शादी हेमंत दास से हुई थी लेकिन आपसी कलह के चलते महालक्ष्मी बेंगलुरु चली आई।अब कातिल को पकड़ने के लिए बेंगलुरु पुलिस की टीमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा भेजी गई हैं. इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि लाश के टुकड़े चालीस नहीं बल्कि उससे कहीं ज्यादा थे।40 नहीं 59 थे लाश के टुकड़े:
बेंगलुरु का बॉवरिंग अस्पताल. वही सरकारी अस्पताल जहां 21 सितंबर को 29 साल की महालक्ष्मी की टुकड़ों में बंटी लाश को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया था। जब मुर्दा घर में कमरे और फ्रिज से बरामद लाश के टुकड़ों की गिनती हुई, तो पता चला क़ातिल ने महालक्ष्मी के 30 से 40 नहीं बल्कि कुल 59 टुकड़े किए थे। जी हां, 59 टुकड़े. एक इंसान के इतने टुकड़े देख कर खुद मुर्दा घर के कर्मचारी तक हैरान थे।बेंगलुरु के अस्पताल में इससे पहले इतने टुकड़ों में बंटी लाश कभी नहीं आई थी।
महालक्ष्मी के कमरे से मिला ट्रॉली बैग: बेंगलुरु के व्यालीकवल इलाके में मौजूद तीन मंजिला घर की पहली मंजिल पर महालक्ष्मी रहा करती थी। महालक्ष्मी के कमरे से 21 सितंबर को फ्रिज और कमरे में बिखरे उसी की लाश के टुकड़े मिले थे। अंदेशा है कि महालक्ष्मी का क़त्ल करीब 19 दिन पहले हुआ था. महालक्ष्मी के कमरे में पुलिस को एक ट्रॉली बैग भी रखा मिला है। बेंगलुरु पुलिस सूत्रों के मुताबिक बहुत मुमकिन है कि कातिल ने लाश के टुकड़ों को उसी बैग में रख कर कहीं बाहर ठिकाने लगाने की साजिश रची थी। पर चूंकि ये इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है, इसीलिए उसे लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाने का शायद मौक़ा नहीं मिला। कमरे में ही कत्ल के बाद किए गए लाश के टुकड़े:
कमरे की जांच पड़ताल के बाद पुलिस सूत्रों का ये भी मानना है कि क़त्ल उसी कमरे में हुआ और लाश के टुकड़े भी वहीं किए गए। क्योंकि जिस तरह कमरे से बैग में लाश के टुकड़ों को बाहर ले जाना आसान नहीं था, उसी तरह लाश को बाहर से कमरे तक लाना भी मुमकिन नहीं. क्राइम सीन के मुआयने के बाद पुलिस का ये भी कहना है कि क़त्ल और लाश के टुकड़े करने के बाद कमरे और बाथरूम को साफ करने की भी कोशिश की गई थी. पोस्टमार्टम के बाद टुकड़ों में जमा लाश को महालक्ष्मी के घर वालों को सौंप दिया गया। जिसके बाद बेंगलुरु में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया। कातिल के भाई तक पहुंची पुलिस:
अब सबसे बड़ा सवाल कि महालक्ष्मी का क़ातिल कौन है और क़त्ल की वजह क्या है? तो बेंगलुरु पुलिस सूत्रों की मानें तो उन्होंने महालक्ष्मी के क़ातिल को ढूंढ निकाला है। इतना ही नहीं सूत्रों का ये भी दावा है कि जिस कातिल की उन्हें तलाश है, उसका परिवार भी मुंबई में रहता है। उसी क़ातिल के एक भाई तक बेंगलुरु पुलिस पहुंची. कातिल के भाई ने पुलिस को बताया कि महालक्ष्मी के क़त्ल के बाद उसके भाई ने खुद उसे ये बताया था कि उसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी है। सीसीटीवी में कैद हैं कातिल की तस्वीरें: कातिल के भाई की गवाही के अलावा कातिल के बारे में बेंगलुरु पुलिस को सीसीटीवी कैमरों से भी काफी अहम सबूत और सुराग़ मिले हैं. जिस व्यालीकवल इलाके में महालक्ष्मी रहा करती थी, उसके घर को आने और जाने वाले रास्तों पर कुछ जगह सीसीटीवी कैमरे लगे थे। उनके कैमरों में भी वो क़ातिल कैद हो चुका था. बेंगलुरु के पुलिस ने कमिश्नर ने खुद ये बात बताई कि पुलिस कातिल की शिनाख्त कर चुकी है और उसे पकड़ने के लिए देश के कई हिस्सों में पुलिस टीमें भेजी गई हैं।पश्चिम बंगाल का रहनेवाला है कातिल: मिली जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु पुलिस को जिस कातिल की तलाश है वो भी एक हेयर ड्रेसर है। महालक्ष्मी के साथ उसका भी करीबी रिश्ता था. वो हेयर ड्रेसर पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। महालक्ष्मी के क़त्ल के बाद वो भुवनेश्वर होते हुए इस वक़्त पश्चिम बंगाल में ही कहीं छुपा हुआ है। उस क़ातिल का नाम भी है, लेकिन उस नाम का खुलासा हम इसलिए नहीं कर रहे हैं, क्योंकि कहीं कातिल अलर्ट न हो जाए। पहले हेमंत ने अशरफ पर लगाया था इल्जाम
महालक्ष्मी के कत्ल के बाद उसके पति हेमंत दास ने शुरुआत में ये शक जताया था कि इस क़त्ल के पीछे उसका एक और दोस्त अशरफ शामिल हो सकता है। अशरफ भी एक हेयर ड्रेसर है और उत्तराखंड का रहने वाला है. सूत्रों के मुताबिक महालक्षमी के साथ अशरफ की भी करीबी दोस्ती थी. हेमंत दास ने तो अशरफ को लेकर ये भी इल्जाम लगाया कि अशरफ और महालक्ष्मी के बीच अफेयर था और उसी अफेयर की वजह से 9 महीने पहले वो और महालक्ष्मी अलग हो गए थे।पुलिस ने अशरफ को पूछताछ के बाद छोड़ा: हेमंत की शिकायत के बाद पुलिस ने अशरफ की तलाश की. अशरफ बेंगलुरु में ही था और अपने काम पर था। पुलिस उसे पूछताछ के लिए थाने लाई. और उससे लंबी पूछताछ की. उसके बयान पिछले 20 दिनों में उसकी लोकेशन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और चश्मदीदों की गवाही के बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद अशरफ को छोड़ दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक महालक्ष्मी के क़त्ल से अशरफ का कोई संबंध नहीं है।बल्कि असली क़ातिल इस वक्त बंगाल में है।19 अगस्त को परिवार से आखिरी बार मिली थी महालक्ष्मी: दरअसल, महालक्ष्मी का परिवार है तो नेपाल से, लेकिन पिछले 35 सालों से वो बेंगलुरु में रहते हैं. एक ही शहर में रहने के बावजूद महालक्ष्मी की अपनी मां-बहन या भाई के साथ उतनी करीबी नहीं थी।9 महीने पहले पति हेमंत दास से अलग होने के बाद महालक्ष्मी अपनी मां या बहन के साथ रहने के बजाय किराये के घर में अकेली रह रही थी. पुलिस इस बात भी हैरान थी कि महालक्ष्मी की अपने परिवार से आखिरी बार मुलाकात राखी के मौके पर 19 अगस्त को हुई थी।कमरे से आ रही बदबू ने खोला राज:;2 सितंबर से महालक्ष्मी का मोबाइल भी बंद था. लेकिन इसके बावजूद अगले 19 दिनों तक यानी 21 सितंबर तक घरवालों ने कभी पलट कर महालक्ष्मी की खबर तक लेने की कोशिश नहीं की। वो तो 21 सितंबर को जब महालक्ष्मी के कमरे से बदबू आने की शिकायत आई, तब कहीं जाकर मकान मालिक ने महालक्ष्मी की मां को फोन किया, जिसके बाद महालक्ष्मी के कमरे और फ्रिज की सच्चाई घर से बाहर आई। कर्नाटक के गृहमंत्री तक ने ये कहा है कि महालक्ष्मी के क़ातिल का पता चल चुका है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही कत्ल की वजह और बाकी सच्चाई सामने आएगी। लेकिन मुख्य आरोपी के आत्महत्या के बाद मामला से पर्दा उठ पाना मुश्किल है।