दार्जिलिंग चिड़ियाघर हुआ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिड़ियाघरों में शामिल

अशोक झा, सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग चिड़ियाघर के कर्मचारियों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिड़ियाघरों में अपना नाम दर्ज कराने पर सांसद राजू विष्ट ने वहां के कर्मर्चारियो ओर अधिकारियों को बधाई दी है। सांसद विष्ट ने कहा की मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग के रेड पांडा कंजर्वेशन ब्रीडिंग एंड ऑग्मेंटेशन प्रोग्राम को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ जूज़ एंड एक्वेरियम द्वारा 2024 WAZA कंजर्वेशन एंड एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के लिए शीर्ष तीन फाइनलिस्ट में से एक के रूप में चुना गया है। 2022 और 2024 के बीच, नौ कैप्टिव-ब्रेड रेड पांडा (सात मादा और दो नर) को सिंगालीला नेशनल पार्क (एसएनपी), दार्जिलिंग में छोड़ा गया। रिहा की गई सात मादाओं में से तीन ने जंगल में पाँच शावकों को जन्म दिया है। PNHZP ने CCMB, IISER और WII जैसे संस्थानों के साथ रेड पांडा से संबंधित कई इन-हाउस और सहयोगी शोध कार्य किए हैं। पीएनएचजेडपी के संरक्षण प्रयासों को इसके बायोबैंकिंग और जेनेटिक रिसोर्स सुविधा द्वारा और मजबूत किया गया है, जिसमें लाल पांडा और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के युग्मक, ऊतक और डीएनए को भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित किया जाएगा।।भले ही विजेता की घोषणा 7 नवंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के टारोंगो चिड़ियाघर में 79वें WAZA वार्षिक सम्मेलन में की जाएगी, लेकिन हमारे लिए, दार्जिलिंग चिड़ियाघर पहले से ही विजेता है।
हिम तेंदुओं के लिए देश का पहला और एकमात्र संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम, वर्ष 1985 में दार्जिलिंग चिड़ियाघर में शुरू किया गया था।दार्जिलिंग चिड़ियाघर में संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने के लगभग चार दशक बाद, अब इसमें दुनिया के सबसे अधिक 7 नर और 7 मादाओं के साथ कुल 14 हिम तेंदुए हैं।
हिम तेंदुओं में से, तीन माताओं के छह शावक हैं, जो पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (पीएनएचजेडपी) या दार्जिलिंग चिड़ियाघर में संरक्षित हैं।
वर्ल्ड एसोसिएशन फॉर ज़ूज़ एंड एक्वेरियम (WAZA) : यह एक क्षेत्रीय संघों, राष्ट्रीय संघों, चिड़ियाघरों और एक्वैरियमों का एक वैश्विक गठबंधन है। हिम तेंदुओं की अनुमानित वैश्विक संख्या 4,000 से 7,500 है। हिम तेंदुओं के लिए संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम, देश का पहला और एकमात्र वर्ष 1985 में दार्जिलिंग चिड़ियाघर में शुरू किया गया था। IUCN की स्थिति :दार्जिलिंग हिम तेंदुआ प्रकृति संरक्षण अंतर्राष्ट्रीय संघ(IUCN) की “संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची” की “असुरक्षित” श्रेणी में हैं।
पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान (दार्जीलिंग चिडियाघर) : इसे 14 अगस्त 1958 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के बिर्च हिल में स्थापित किया गया था।
उद्देश्य :हिमालयी जीवों का अध्ययन एवं संरक्षण करने के लक्ष्य के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग के तहत दार्जिलिंग के बिर्च हिल पड़ोस में 14 अगस्त 1958 को एक चिड़ियाघर की स्थापना की गई थी।यह लगभग 7000 फीट (2,134 मीटर), की औसत ऊंचाई पर स्थित भारत का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित प्राणी उद्यान है।
यह प्राणी उद्यान (दार्जीलिंग चिडियाघर) पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग शहर में 67.56 एकड़ (27.3 हेक्टेयर) में अवस्थित है।वर्ष 1975 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा हिमालय प्राणी उद्यान को पश्चिम बंगाल की पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्रीमती पद्मजा नायडू की स्मृति में रखा गया था।
विशेषता:यह चिड़ियाघर वर्ष 2009 से वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम (WAZA) और जूलॉजिकल इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (ZIMS) का एक हिस्सा है। चिड़ियाघर को वर्ष 2014 में इन-सीटू और एक्स-सीटू संरक्षण के प्रयासों के लिए मान्यता के रूप में “रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड अर्थ हीरो अवार्ड” से सम्मानित किया गया था।प्राणी उद्यान में लुप्तप्राय वन्यजीव:
इस प्राणी उद्यान में अंतर्राष्ट्रीय लाल पांडा, हिम तेंदुए, तिब्बती भेड़िया, पहाड़ी ओरल और तीतर एवं पूर्वी हिमालय के अत्यधिक लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम चल रहा है।

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