बंगाल में स्वास्थ्य सेवा से कौन कर रहा खिलवाड़, डॉक्टरों और नर्सों को दिए गए खून से सने दस्ताने

अशोक झा, कोलकोता: आर.जी. कर अस्पताल के ट्रॉमा केयर में गुरुवार को एक गंभीर मामला सामने आया, जब वहां खून से सने दस्ताने डॉक्टरों और नर्सों को दिए गए। यह घटना तब सामने आई जब नर्सों ने नए दस्तानों के पैकेट को खोला और देखा कि उनमें खून लगा हुआ है। बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में “अनुपयुक्त” मेडिकल किट की आपूर्ति के संबंध में शिकायतों के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं। डॉक्टरयह देखकर वे सन्‍न रह गए, क्‍योंक‍ि कोई भी सर्जिकल ग्‍लब्‍स ऐसे नहीं रखता है। उसे बाहर फेंक दिया जाता है। वरना संक्रमण फैल सकता है। पूरा मामला सामने आने के बाद हेल्‍थ सेक्रेटरी ने जांच करने के आदेश दिए हैं। जूनियर डॉक्टर ने दावा किया कि उन्हें ये ग्‍लब्‍स तब मिले जब वह अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर में एक संक्रामक बीमारी से पीड़ित मरीज का इलाज कर रहे थे। डॉक्टर ने कहा, अगर दाग मिट्टी या गंदगी के होते तो उन्हें मिटा दिया गया होता, लेकिन ऐसा लगता है कि ये खून के धब्बे हैं। इन ग्‍लब्‍स को हटाने के ल‍िए अस्‍पताल में बकायदा टीम लगी हुई है। इसके बावजूद इन्‍हें पैक करके क्‍यों रखा गया, यह सवाल बना हुआ है। पहले पाई गईं सलाइन की बोतलें: इससे पहले 28 सितंबर को सलाइन की बोतलें फंगस से दूषित पाई गई थीं। 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में मह‍िला डॉक्‍टर की रेप के बाद हत्‍या से पूरा अस्‍पताल प्रशासन अभी भी सदमे में हैं। उन्‍हें हर पल कुछ न कुछ ऐसा नजर आ जाता है, जो शक पैदा करता है और डरा देता है। मह‍िला डॉक्‍टर के साथ बर्बरता के बाद 2 महीने तक जूनियर डॉक्‍टर हड़ताल पर रहे।छिपाया क्‍यों गया: जून‍ियर डॉक्‍टरों का आरोप है क‍ि इन ग्‍लब्‍स में कुछ कहानी छिपी हो सकती है। एक और सवाल है क‍ि इन ग्‍लब्‍स से मरीजों की जांच नहीं की जा सकती। क्‍योंक‍ि इससे मरीजों को इंफेक्‍शन हो सकता है और वे कई तरह की बीमार‍ियों की चपेट में आ सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है क‍ि खून से सने ग्‍लब्‍स को पैक करके क्‍यों रखा गया। हेल्‍थ सेक्रेटरी नारायण स्वरूप निगम ने जांच के आदेश दिए हैं और खून से सने इन दस्‍तानों को अलग रख दिया गया है. इनकी फोरेंसिक जांच भी की जा सकती है।

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