साइबर ठगों ने युवती को 20 घंटे किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 11.50 लाख

नोएडा

पार्सल में ड्रग्स पकड़े जाने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने एक युवती से 11 लाख रुपये ठग लिए। ठगों के कहने पर युवती ने पांच लाख रुपये का पर्सनल लोन लेकर सारी रकम ट्रांसफर कर दिए। कुछ देर बाद जब जालसाज दोबारा कॉल करने लगे तो ठगी की जानकारी हुई। पीड़िता ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की। युवती को ठगों ने स्काइप कॉल के जरिये करीब 20 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है। पुलिस उन खातों की जानकारी जुटा रही है।

सेक्टर-44 स्थित गॉर्डन ग्लोरी सोसायटी की रहने वाली रिद्धिमा गोयल ने बताया कि बीते दिनों उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। जैसे ही युवती ने कॉल उठाई एक ऑटोमेटेड मैसेज के जरिये उसे बताया कि गया कि उसके इंटरनेशनल फेडेक्स पार्सल को कैंसिल कर दिया गया है। इसके बाद कॉल कस्टमर केयर के अधिकारियों को ट्रांसफर कर दी गई। यहां युवती को बताया गया कि उसके नाम से जो पार्सल विदेश जा रहा था उसे मुंबई पोर्ट पर पकड़ा गया है। उसमें ड्रग्स है। युवती ने जब कहा कि उसने कोई पार्सल भेजा ही नहीं है तो कॉल मुंबई साइबर क्राइम थाने के लिए ट्रांसफर कर दी गई। यहां के एक फर्जी पुलिसकर्मी ने कॉल नारकोटिक्स मुंबई के अधिकारी को कॉल ट्रांसफर की। इसके बाद युवती को ड्रग्स की तस्करी करने के आरोप में जेल जाने की धमकी दी गई और स्काइप कॉल से जुड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया। युवती को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद कॉल सीधे डीजीपी को ट्रांसफर कर दी गई। कथित डीजीपी ने महिला का जीवन बर्बाद करने की धमकी दी। बताया गया कि उसकी जिंदगी खतरे में है। इस दौरान शिकायतकर्ता को यह भी बताया कि उसके आधार कार्ड का लिंक आठ करोड़ रुपये के धन शोधन केस में हुआ है। इसके बाद खातों की जांच के लिए महिला से सेविंग अकाउंट में जमा सारी रकम जालसाजों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। जांच के बाद रकम मूल खाते में फिर से लौटाने की बात फर्जी अधिकारियों द्वारा कही गई। महिला ने ठगों द्वारा बताए गए खाते में साढ़े छह लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

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ठगों के कहने पर लिया लोन,

ठग दोबारा कॉल करके पांच लाख रुपये और ट्रांसफर करने के लिए कहा। युवती ने रुपये नहीं होने की बात कही तो ठगों ने पर्सनल लोन लेने कराने के लिए दबाव दिया। महिला ने पांच लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया और ठगों के बताए गए खाते में फिर से रकम ट्रांसफर कर दी। जब महिला पर और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा तब उसे ठगी की जानकारी हुई। उसके बाद उसने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की। युवती ने बताया कि ठगों ने स्काइप कॉल पर जुड़ने के बाद किसी से बात नहीं करने दी। धमकी दी गई कि उसका मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर कोई बात लीक हुई तो युवती के साथ ही उसके परिवार को भी जेल जाना होगा।

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स्काई ऐप से कभी न करें किसी से बात

स्काई ऐप से वीडियो कॉल बात करने पर लोकेशन पता नहीं चलता है। इस वजह से साइबर ठग इसका अधिक इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में कोई फोन कर बोले की स्काई ऐप डाउनलोड कर लीजिए और बात करनी है। तभी सतर्क हो जाएं ये साइबर ठग हो सकते हैं।

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