देश में रामराज्य की कल्पना तभी संभव है जब “एक देश एक विधान” लागू होगा
27 अक्टूबर को इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय
अशोक झा, सिलीगुड़ी: अभी सात दिन और शेष है लेकिन यह चर्चा विशेष है कि देश में सभी के लिए एक ही कानून लागू होना चाहिए। एक देश एक विधान को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां लोगों में है। इसे दूर करने के लिए 27 अक्टूबर को इससे जुड़े हर पहलू का जवाब सिलीगुड़ी में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय देंगे। वह सर्व हिंदी विकास मंच एवं भारत विकास परिषद, सिलीगुड़ी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “एक देश एक विधान” विषय पर परिचर्चा में भाग लेंगे। 27 अक्टूबर 2024 को अग्रसेन भवन, अग्रसेन रोड, सिलीगुड़ी में सुबह 11 बजे से यह कार्यक्रम रखा गया है। इसके आयोजन में सर्व हिंदी विकास मंच के अध्यक्ष करण सिंह जैन, सचिव कल्याण साहा, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कैलाश कंदोई ,सचिव मीना देवी अग्रवाल तथा कार्यक्रम के संयोजक है सीताराम डालमिया पूरी तरह जुटे हुए है। कार्यक्रम के संयोजक सीताराम डालमिया ने बताया कि हमारे देश में भी रामराज्य की कल्पना की जा सकती है लेकिन यह कानून से ही संभव है। राम राज्य की स्थापना का उद्देश्य वसुधैव कुटुंबकम, सबका साथ सबका विकास की भावना का होना जरूरी है। देश को प्रगति पर ले जाना है तो अंग्रेजी कानून में काफी कुछ संशोधन करने और नए कानून बनाने की आवश्यकता है। भगवान श्रीराम ने सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून का पालन किया था चारों भाइयों के दो- दो बच्चे थे। भगवान राम ने सबको समान शिक्षा, समान कानून, समान सुरक्षा आदि का पालन करवाया था। वर्तमान समय में वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति में भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद , माओवाद नक्सलवाद और मतांतरण से देश गर्त में जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के लोग कभी नहीं कहते कि किसी एक भगवान की पूजा करो लेकिन ईसाई मिशनरी और अन्य संप्रदाय के लोगों की सोच अलग है। कानून बनाना हम सभी देशवासियों की जिम्मेदारी है। डालमिया के साथ हिंदुत्व का ध्वजवाहक बने सुशील रामपुरिया, विनोद अग्रवाल उर्फ बिन्नु तथा अधिवक्ता नरेश टीबड़ेवाल ने कहा कि आज धार्मिक फिल्में सोच समझकर बनाई जानी चाहिए केवल पैसा कमाने के उद्देश्य से धार्मिक फिल्मों का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। फिल्मों में वही दिखाया जाए जो धर्म वेद ग्रंथों में लिखा है। कुछ फिल्मकार तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं जो कि उचित नहीं है। मतांतरण से देश को गंभीर खतरा है मत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ही खतरा है जो मत अंतरण करवाने का काम करते हैं। वह देशद्रोही हैं सरकार को मतांतरण रोकने के लिए आगे आना चाहिए। कड़े कानून बनाकर सख्त सजा दी जानी चाहिए। हमारे देश का कानून लचीला है बहुत ही स्लो है उसमें सुधार की आवश्यकता है।आज देश का कानून ऐसा होना चाहिए कि 1 घंटे में एफआईआर लिखी जाए। 30 दिनों में जांच की जाए और एक साल में दोषी को सजा देनी चाहिए। कानून बनाना हम सभी देशवासियों की जिम्मेदारी है। अंग्रेजों का कानून बेकार हो गया है देश के सभी निवासियों के लिए एक समान कानून लागू होना चाहिए।