दार्जिलिंग के सांसद राजू विष्ट को फिर से मिली वित्त मंत्रालय के लिए परामर्शदात्री समिति में स्थान

बंगाल से अब वित्तीय और राजस्व गड़बड़ी करने वालों पर कसेगा शिकंजा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल में अब राजस्व में गड़बड़ी ओर वित्तीय अनियमितता करने वालों की खैर नहीं है। उत्तर बंगाल पश्चिम बंगाल की राजस्व राजधानी मानी जाती है। इस क्षेत्र से सांसद राजू विष्ट को भारत सरकार ने वित्त मंत्रालय के लिए परामर्शदात्री समिति का गठन में फिर से स्थान मिला है। समिति की संरचना निम्नानुसार कुछ इस प्रकार है। अध्यक्ष निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री; तथा कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री, पंकज चौधरी, वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा सदस्यों में डॉ. कलानिधि वीरस्वामी, राजू विष्ट, बसवराज बोम्मई, श्री राव राजेंद्र सिंह,बैजन्ती पांडा, राजीव राय, डॉ अमोल रामसिंग कोल्हे, शशांक मनी, भाऊसाहेब राजाराम वाकचौरे, कुमारी सेल विजयकुमार उर्फ ​​विजय वसंत, तेजस्वी सूर्या, श्रीमती मालविका देवी, राज्यसभा के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, विक्रमजीत सिंह शहाणे, अशोक कुमार मित्तल, डॉ कनिमोझी एनवीएन सोमू , येरम वेंकट सुब्बा रेड्डी, कार्तिकेय शर्मा, शंभू शरण पटेल, नरहरी अमीन, पी चिदंबरम है। इसके अलावा पढ़ें सदस्य के रूप में अर्जुन राम मेघवाल – विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन – सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री; तथ
संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री को इस कमेटी में रखा गया है। राजू विष्ट का कहना है कि वित्त मंत्रालय की देख रेख में बनी कमेटी की प्राथमिकता होगी कि राजस्व चोरी और वित्तीय अनियमितता पर पूरी तरह रोक लगाया जाय।

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